लखनऊ : चिकित्सा जगत में बदलाव के लिए एक के बाद एक बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज बने हैं और कई जगह बन रहे हैं. प्रदेश सरकार यूपी को मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री का हब बनाने के लिए तेज गति से आगे बढ़ रही है. गौतमबुद्ध नगर में 350 एकड़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में न केवल मेडिकल उपकरणों का निर्माण होगा, बल्कि इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन भी होगा. वहीं यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) की ओर से अबतक 59 उद्यमियों को भूखंडों का आवंटन भी कर दिया गया है. यहां ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर से लेकर एक्स-रे मशीन, एनस्थीसिया, कार्डियक कैथेटर, ऑर्थोपेडिक इम्प्लैंट जैसे उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद जहां प्रत्यक्ष तौर पर लगभग 5000 नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से पूरे प्रदेश में 25 हजार के लगभग रोजगार सृजन की उम्मीद है.
इन उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का होगा निर्माण
यीडा की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 4000 स्क्वायर मीटर से लेकर 1000 स्वायर मीटर तक के कुल 59 भूखंडों को मेडिकल डिवाइस इक्विप्मेंट बनाने वाली कंपनियों को आवंटित किया गया है. ये कंपनियां 415 करोड़ से अधिक का निवेश करके यहां अपनी अपनी फैक्ट्रियां स्थापित करेंगी. कंपनियां यहां ऑर्थोपेडिक इम्प्लांट्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, एनेस्थीसिया निडिल एंड किट, एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन, स्पाइनल इम्पलांट, एक्स रे मशीन, इंडोस्केपिक, गैस्ट्रोलॉजी मेडिकल डिवाइस, बाइलरी स्टेंट, आईसीयू वेंटिलेटर, ईसीजी मशीन, ट्रॉमा मैनेजमेंट इम्प्लांट, कोरोनरी स्टेंट, हिमोडायलिसिस किट, सीवीसी किट, एवीएफ निडिल, हर्ट-लंग बाइपास किट, कैंसर केयर इक्विपमेंट, वीडियो कोलपोस्कोपिक मशीन, कीमोथैरेपी डिवाइस, रेडियोलॉजी डिवाइस, न्यूक्लियर इमेजिंग डिवाइस, इन्ट्रॉकुलर लेंस, ऑप्थेल्मिक मेडिकल डिवाइस, पोर्टेबल मोबाइल लैब, इलेक्ट्रोलाइट ऐनेलाइजर, बायो सेफ्टी कैबिनेट, हेमेटोलॉजी ऐनेलाइजर, वाइट्रो डायग्नोस्टिक किट, आरटीपीसीआर कोविड 19 किट आदि का निर्माण करेंगी. इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग से यूपी में बड़े बदलाव की संभावना है.
रोजगार देंगी 10 बड़ी कंपनियां
मेडिकल डिवाइस पार्क में सर्वाधिक रोजगार देने वाली 10 कंपनियों की बात करें तो इनमें एमडीडी मेडिकल सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (445 कर्मचारी), ऑक्सिन मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड (400 कर्मचारी), जेनुइन मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड ( 400 कर्मचारी), इनोवेशन मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड (350 कर्मचारी), रॉमसन्स ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड (300 कर्मचारी), एजीवीए हेल्थ केयर (200 कर्मचारी), एविएंस बॉयोमेडिकल (151 कर्मचारी), एसपीएम मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड (150 कर्मचारी), नूलाइफ केयर (150 कर्मचारी), नरीना लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड (110 कर्मचारी) शामिल हैं.
मेडिकल डिवाइस पार्क में होंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि योगी सरकार यूपी को मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री का हब बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सेक्टर 28 में 350 एकड़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क को बेहतरीन कनेक्टिविटी भी प्रदान की जाएगी. यहां मेट्रो, एक्सप्रेस वे और पास में ही ट्रांसपोर्ट नगर की सुविधा के साथ आने वाले वक्त में बुलेट ट्रेन की कनेक्टिविटी के साथ भी जोड़ा जाएगा. यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस मेडिकल डिवाइसेज पार्क को विश्व स्तरीय सुविधा संपन्न बनाने पर तेज गति से काम हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा दो फ़्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण भी करवाया जाएगा. जिससे कम बजट वाले उद्योगपतियों को भी किराये पर फैक्ट्री लगाने व अपना बिज़नेस शुरू करने में मदद मिलेगी.
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