लखनऊ: ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के जरिए उत्तर प्रदेश में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये की 10,441 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अंतिम चरणों में हैं. जल्द ही ये परियोजनाएं धरातल पर दिखाई देंगी. उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच विभिन्न स्रोतों के माध्यम से लगभग 4,12,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है तो वहीं 2022 से अब तक प्रदेश सरकार ने निवेश सारथी पोर्टल पर 39.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 29 हजार निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं.
जमीन पर कार्य शुरू: उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए इसी वर्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था. जिसमें, देश के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने भी लाखों करोड़ रुपये के निवेश के लिए योगी सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. अब योगी सरकार इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर लाने के लिए प्रयासरत है. इन निवेश प्रस्तावों में से कई जमीन पर कार्य शुरू कर चुके हैं तो कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो अंतिम चरण की प्रक्रिया से गुजर रही हैं. जल्द ही ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के माध्यम से इन्हें जमीन पर उतारा जाएगा.
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ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह का आयोजन: योगी सरकार ने 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट (यूपीआईएस) में 4.28 लाख करोड़ रुपये के 1045 निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए थे. इन प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सरकार की ओर से प्रदेश में तीन ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह का आयोजन किया गया. पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 2018 में आयोजित किया गया. जिसमें, लगभग 61,000 करोड़ रुपये के निवेश की 81 परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया.
2019 में दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के जरिए 65,000 करोड़ रुपये के निवेश की 250 से आधिक परियोजनाओं को शुरू किया गया. 2022 में तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के माध्यम से 80,000 करोड़ रुपये के निवेश की 1400 से अधिक परियोजनाओं को अमली जामा पहनाया गया. इसके अतिरिक्त 2017-22 के बीच दायर औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (आईईएम) पार्ट -2 की स्थिति के अनुसार, 43,700 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 227 परियोजनाएं कार्यान्वित की गई हैं.
इसके अलावा, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अन्य भूमि आवंटन के माध्यम से लगभग 95,500 करोड़ रुपये के निवेश को प्रारंभ किया गया है. और वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2022 के बीच यूपी में 5.20 लाख एमएसएमई इकाइयां स्थापित की गई हैं. जिसमें, 67,600 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.
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