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CM ऑफिस के बाद यूपी गवर्नमेंट और सूचना विभाग का fact check ट्विटर एकाउंट हैक

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Apr 11, 2022, 12:05 PM IST

Updated : Apr 11, 2022, 2:30 PM IST

11:58 April 11

यूपी गवर्नमेंट और सूचना विभाग का fact check का ट्विटर एकाउंट हैक

यूपी गवर्नमेंट और सूचना विभाग का fact check का ट्विटर एकाउंट हैक
ट्विटर एकाउंट हैक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर का ट्विटर हैंडल (@CMOfficeUP) बीते दिन 8 अप्रैल की देर रात हैक हो गया था. वहीं हैकर्स ने खुली चुनौती देते हुए 48 घण्टे बाद आज यूपी सरकार का ट्विटर एकाउंट @UPGovt और यूपी सूचना विभाग का ट्विटर एकाउंट @InfoUPFactCheck भी हैकर्स ने हैक कर लिया है. सीएम ऑफिस का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद मुकदमा दर्ज कर साइबर पुलिस को इस मामले की जांच सौंपी दी गयी थी. मामले की जांच कर रहे साइबर एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया है कि 8 अप्रैल को सीएम कार्यालय का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी थी. जांच अभी चल रही है.

साइबर टीम भले ही जांच का अलाप रट रही हो, लेकिन अब सवाल उठता है कि यूपी में भारी भरकम साइबर टीम ने सीएम ऑफिस के ट्विटर हैक होने के बाद अन्य सरकारी ट्विटर हैंडल को क्यों नहीं सुरक्षित कर सके थे? यहीं नहीं एकाउंट चलाने वाले ऑपरेटर्स को हैक होने से बचने के लिए कोई निर्देश क्यों नहीं दिए गए थे? साइबर एक्सपर्ट इसके पीछे उस एजेंसी का भी फेलियर बता रहे है जो इन एकाउंट को संचालित करती है. एक्सपर्ट का मानना है कि जो भी एजेंसी या फिर एकाउंट चलाने वाला व्यक्ति है, अगर वो साइबर एक्सपर्ट होता है, तो कभी भी एकाउंट को हैक नहीं किया जा सकता है. ये सभी एकाउंट लॉगिन करते वक्त कुछ गलतियां कर देते है, जिसके कारण हैकर्स को हैक करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.

यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा का मानना है कि इस तरह की हैक करने की प्रक्रिया को फिशिंग कहते है. इसमें फेक मेलिंग के जरिये एक मेल किया जाता है, जो ऐसा प्रतीत होता है कि वह ट्विटर के द्वारा भेजा गया है, जिसमें कहा जाता है कि आपका एकाउंट रिस्क पर है और इसे सुरक्षित करने के लिए लिंक पर क्लिक करें. अज्ञानतावश ट्विटर चलाने वाला व्यक्ति जैसे ही लिंक खोलता है तो उसके सामने एक ट्विटर लॉगिन जैसा पेज खुलता है, जिसे फिशिंग पेज कहते हैं. उसी पेज में जैसे ही ट्विटर लॉगिन किया जाता है, वैसे ही एकाउंट की डिटेल हैकर्स के पास चली जाती है. राहुल की माने तो लगातार तीन सरकारी एकाउंट हैक होने का एक ही मतलब है कि कोई एक एजेंसी या एक ही व्यक्ति ये सभी एकाउंट चलाता है, जिससे अज्ञानतावश गलती हुई है.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय का ट्विटर हैंडल हैक हुआ

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर का ट्विटर हैंडल (@CMOfficeUP) बीते दिन 8 अप्रैल की देर रात हैक हो गया था. हैक करने वाले ने खुद को @BoredApeYC का को-फाउंडर बताया था, जो क्रिप्टो करंसी से संबंधित था. 48 घंटे नही बीते थे कि आज सीएम ऑफिस का टि्वटर हैंडल हैक होने के बाद यूपी गवर्नमेंट @UPGovt और सूचना विभाग का फैक्ट चेक @InfoUPFactCheck का ट्विटर हैंडल हैक किया गया .

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11:58 April 11

यूपी गवर्नमेंट और सूचना विभाग का fact check का ट्विटर एकाउंट हैक

यूपी गवर्नमेंट और सूचना विभाग का fact check का ट्विटर एकाउंट हैक
ट्विटर एकाउंट हैक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर का ट्विटर हैंडल (@CMOfficeUP) बीते दिन 8 अप्रैल की देर रात हैक हो गया था. वहीं हैकर्स ने खुली चुनौती देते हुए 48 घण्टे बाद आज यूपी सरकार का ट्विटर एकाउंट @UPGovt और यूपी सूचना विभाग का ट्विटर एकाउंट @InfoUPFactCheck भी हैकर्स ने हैक कर लिया है. सीएम ऑफिस का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद मुकदमा दर्ज कर साइबर पुलिस को इस मामले की जांच सौंपी दी गयी थी. मामले की जांच कर रहे साइबर एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया है कि 8 अप्रैल को सीएम कार्यालय का ट्विटर एकाउंट हैक होने के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी थी. जांच अभी चल रही है.

साइबर टीम भले ही जांच का अलाप रट रही हो, लेकिन अब सवाल उठता है कि यूपी में भारी भरकम साइबर टीम ने सीएम ऑफिस के ट्विटर हैक होने के बाद अन्य सरकारी ट्विटर हैंडल को क्यों नहीं सुरक्षित कर सके थे? यहीं नहीं एकाउंट चलाने वाले ऑपरेटर्स को हैक होने से बचने के लिए कोई निर्देश क्यों नहीं दिए गए थे? साइबर एक्सपर्ट इसके पीछे उस एजेंसी का भी फेलियर बता रहे है जो इन एकाउंट को संचालित करती है. एक्सपर्ट का मानना है कि जो भी एजेंसी या फिर एकाउंट चलाने वाला व्यक्ति है, अगर वो साइबर एक्सपर्ट होता है, तो कभी भी एकाउंट को हैक नहीं किया जा सकता है. ये सभी एकाउंट लॉगिन करते वक्त कुछ गलतियां कर देते है, जिसके कारण हैकर्स को हैक करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है.

यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा का मानना है कि इस तरह की हैक करने की प्रक्रिया को फिशिंग कहते है. इसमें फेक मेलिंग के जरिये एक मेल किया जाता है, जो ऐसा प्रतीत होता है कि वह ट्विटर के द्वारा भेजा गया है, जिसमें कहा जाता है कि आपका एकाउंट रिस्क पर है और इसे सुरक्षित करने के लिए लिंक पर क्लिक करें. अज्ञानतावश ट्विटर चलाने वाला व्यक्ति जैसे ही लिंक खोलता है तो उसके सामने एक ट्विटर लॉगिन जैसा पेज खुलता है, जिसे फिशिंग पेज कहते हैं. उसी पेज में जैसे ही ट्विटर लॉगिन किया जाता है, वैसे ही एकाउंट की डिटेल हैकर्स के पास चली जाती है. राहुल की माने तो लगातार तीन सरकारी एकाउंट हैक होने का एक ही मतलब है कि कोई एक एजेंसी या एक ही व्यक्ति ये सभी एकाउंट चलाता है, जिससे अज्ञानतावश गलती हुई है.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय का ट्विटर हैंडल हैक हुआ

बता दें कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर का ट्विटर हैंडल (@CMOfficeUP) बीते दिन 8 अप्रैल की देर रात हैक हो गया था. हैक करने वाले ने खुद को @BoredApeYC का को-फाउंडर बताया था, जो क्रिप्टो करंसी से संबंधित था. 48 घंटे नही बीते थे कि आज सीएम ऑफिस का टि्वटर हैंडल हैक होने के बाद यूपी गवर्नमेंट @UPGovt और सूचना विभाग का फैक्ट चेक @InfoUPFactCheck का ट्विटर हैंडल हैक किया गया .

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Last Updated : Apr 11, 2022, 2:30 PM IST
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