लखनऊ : राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फिक्र जताई है. इसका स्थाई समाधान निकालने के लिए विभाग को निर्देश दिया है. इसके बाद अब प्रदूषण खत्म करने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. अब एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है जो हर जिले के प्रत्येक इलाके में प्रदूषण के मुख्य कारण खोजेगा और फिर इसके बाद इस पर रिसर्च शुरू करेगा. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है. सभी जिलों के प्रदूषण की रिपोर्ट मशीन लर्निंग और एआई की मदद से तैयार की जाएगी.
सर्दियां आते ही बढ़ जाता है प्रदूषण : अमूमन सर्दियां आते ही शहरों और गांव में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. प्रदूषण की समस्या से स्थाई निजात दिला पाने के बारे में अभी तक किसी ने सोचा ही नहीं. ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रदूषण के खात्मे को लेकर काम शुरू किया जाएगा. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रदूषण के स्तर को विभिन्न श्रेणियों में बांटेगा. प्रदूषण में किस तत्व का कितना योगदान है और कहां पर किस तरह से प्रदूषण फैला है इस पर विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग प्रोजेक्ट तैयार करेंगे. इसके बाद पूरे उत्तर को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तैयार करके जनपदवार पॉल्यूशन की रिपोर्ट बनाई जाएगी. प्रदूषण से हमेशा के लिए निजात दिलाए जाने का प्लान है.
प्रदूषण के असल कारण नहीं आते सामने : ऐसा पहली बार होगा जब हर जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग शोध किया जाएगा. अभी तक सेंसर वायु प्रदूषण का सूचकांक जारी करते हैं. वायु प्रदूषण के साथ ही हवा में जो हानिकारक गैस हैं उसका स्तर भी बताते हैं, लेकिन प्रदूषण के असल कारणों का पता नहीं चल पाता है. वायु प्रदूषण की वजह प्रत्येक इलाके में अलग-अलग होती हैं. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार प्रदूषण की इन वजहों में इंडस्ट्री से हानिकारक उत्सर्जन, राजमार्ग से सटे इलाकों का प्रदूषण, पराली जलाना और वाहनों का धुआं मुख्य हैं. शोध में प्रत्येक इलाके में प्रदूषण के लिए कौन से कारक का कितना योगदान है इसका डाटा तैयार होगा अरे प्रदूषण का आकलन करने में कारगर साबित होगा.
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