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लखनऊ: शहरों से लौटे ग्रामीणों को जॉब कार्ड और रोजगार मुहैया कराएगी योगी सरकार

कोरोना काल में शहर से गांव लौटे मजदूरों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड और रोजगार प्रदेश सरकार देने जा रही है. मजदूरों के परिवारों के भरण पोषण की समस्या की संभावना को देखते हुए योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने यह फैसला लिया है.

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शहरों से लौटे ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराएगी योगी सरकार
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Published : Apr 18, 2020, 6:17 PM IST

लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत प्रदेश में 20 अप्रैल के बाद मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. साथ ही शहरों से लौटे ग्रामीणों को मनरेगा के तहत तत्काल जॉब कार्ड भी मुहैया करवाया जाएगा. ताकि उन्हें गांव में ही रोजगार मिल सके. बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी हुई है.

साथ ही गांव आकर वह बेरोजगार न हो इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है. शहरों से गांव वापस आया परिवार यदि मनरेगा योजना के तहत कार्य करना चाहता है, तो उसे तत्काल जॉब कार्ड निर्गत कराया जाएगा. यही नहीं यदि शहर से लौटे किसी व्यक्ति का नाम परिवार के जॉब कार्ड में नहीं है तो उसका नाम जॉब कार्ड में जोड़ने की तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

श्रमिकों को दोबारा जॉब कार्ड निर्गत किए जाएंगे
इसके साथ ही जिन परिवारों को पहले ही जॉब कार्ड निर्गत किया गया था, लेकिन किसी कारणवश वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, या खत्म हो गए हैं. ऐसे परिवारों को जॉब कार्ड की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही ग्राम पंचायत में जॉब कार्ड निर्गत करते समय समाज के वंचित परिवारों जैसे मूसहर, बनटांगिया, थारू, विधवा महिलाओं और दिव्यांग मुखिया परिवारों को प्राथमिकता से जॉब कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें: सीएम योगी ने की समीक्षा बैठक, 24 लाख श्रमिकों को मिले एक-एक हजार रुपये

कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा ध्यान
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन करते हुए श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही कार्यस्थल पर कार्यरत श्रमिकों और कर्मियों द्वारा मास्क, होममेड फेस मास्क, फेस कवर का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाएगा. वहीं कार्यस्थल पर हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की व्यवस्था भी की जाएगी. जिसके लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों को जागरूक किया जाएगा.

इन क्षेत्रों में दिया जाएगा रोजगार
इस अवधि में प्रारंभ किए जाने वाले कार्यों में सिंचाई, जल संरक्षण और व्यक्तिगत लाभार्थी से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. साथ ही बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में व्यक्तिगत और सामुदायिक सिंचाई कूपों का निर्माण के साथ चेकडैम, फार्म पॉन्ड का निर्माण भी किया जाएगा. वहीं वर्षा जल संचयन के लिए भूगर्भ जल संचयन स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही तालाबों की सिल्ट सफाई का कार्य भी इस दौरान किया जाएगा. वहीं नहरों की सफाई से संबंधित कार्य के साथ वृक्षारोपण के लिए भी इन्हें लगाया जाएगा. इसके साथ ही चारागाह विकास से संबंधित कार्य भी करवाए जाएंगे.

नदियों का होगा पुनरुद्धार
प्रदेश की 16 नदियां टेढ़ी, मनोरमा, पांडू, वरुणा, ससुर खदेरी, सई, गोमती, अरेल मोरवा, मंदाकिनी, तमासा, नाद, कर्णावती, बान, शोध और काली पूर्वी जो बहराइच, गोंडा, बस्ती, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, कौशांबी, हरदोई समेत 39 जिलों में होकर प्रवाहित होती हैं. उन नदियों के पुनरुद्धार का कार्य भी इस दौरान किया जाएगा.

लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत प्रदेश में 20 अप्रैल के बाद मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. साथ ही शहरों से लौटे ग्रामीणों को मनरेगा के तहत तत्काल जॉब कार्ड भी मुहैया करवाया जाएगा. ताकि उन्हें गांव में ही रोजगार मिल सके. बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में शहरों से ग्रामीण परिवारों की वापसी हुई है.

साथ ही गांव आकर वह बेरोजगार न हो इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है. शहरों से गांव वापस आया परिवार यदि मनरेगा योजना के तहत कार्य करना चाहता है, तो उसे तत्काल जॉब कार्ड निर्गत कराया जाएगा. यही नहीं यदि शहर से लौटे किसी व्यक्ति का नाम परिवार के जॉब कार्ड में नहीं है तो उसका नाम जॉब कार्ड में जोड़ने की तत्काल कार्रवाई की जाएगी.

श्रमिकों को दोबारा जॉब कार्ड निर्गत किए जाएंगे
इसके साथ ही जिन परिवारों को पहले ही जॉब कार्ड निर्गत किया गया था, लेकिन किसी कारणवश वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, या खत्म हो गए हैं. ऐसे परिवारों को जॉब कार्ड की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही ग्राम पंचायत में जॉब कार्ड निर्गत करते समय समाज के वंचित परिवारों जैसे मूसहर, बनटांगिया, थारू, विधवा महिलाओं और दिव्यांग मुखिया परिवारों को प्राथमिकता से जॉब कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे.

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कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा ध्यान
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन करते हुए श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही कार्यस्थल पर कार्यरत श्रमिकों और कर्मियों द्वारा मास्क, होममेड फेस मास्क, फेस कवर का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाएगा. वहीं कार्यस्थल पर हाथ धोने के लिए पानी और साबुन की व्यवस्था भी की जाएगी. जिसके लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों को जागरूक किया जाएगा.

इन क्षेत्रों में दिया जाएगा रोजगार
इस अवधि में प्रारंभ किए जाने वाले कार्यों में सिंचाई, जल संरक्षण और व्यक्तिगत लाभार्थी से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. साथ ही बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में व्यक्तिगत और सामुदायिक सिंचाई कूपों का निर्माण के साथ चेकडैम, फार्म पॉन्ड का निर्माण भी किया जाएगा. वहीं वर्षा जल संचयन के लिए भूगर्भ जल संचयन स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही तालाबों की सिल्ट सफाई का कार्य भी इस दौरान किया जाएगा. वहीं नहरों की सफाई से संबंधित कार्य के साथ वृक्षारोपण के लिए भी इन्हें लगाया जाएगा. इसके साथ ही चारागाह विकास से संबंधित कार्य भी करवाए जाएंगे.

नदियों का होगा पुनरुद्धार
प्रदेश की 16 नदियां टेढ़ी, मनोरमा, पांडू, वरुणा, ससुर खदेरी, सई, गोमती, अरेल मोरवा, मंदाकिनी, तमासा, नाद, कर्णावती, बान, शोध और काली पूर्वी जो बहराइच, गोंडा, बस्ती, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी, कौशांबी, हरदोई समेत 39 जिलों में होकर प्रवाहित होती हैं. उन नदियों के पुनरुद्धार का कार्य भी इस दौरान किया जाएगा.

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