लखनऊ : रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) अब दिल्ली से रोहतक हरियाणा, दिल्ली से पलवल, हरियाणा और दिल्ली से अलवर, राजस्थान के लिए भी विकसित किया जाएगा. लखनऊ में केंद्रीय नगर विकास एवं आवास और ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा कि रैपिड सिस्टम दिल्ली से मेरठ तक करीब 42 किलोमीटर तक विकसित हो चुका है. इसे दिल्ली से रोहतक, पलवल और अलवर राजस्थान के लिए भी डेवलप किया जाएगा. जिसको लेकर काम शुरू हो गया है. यानी कि देश की दूसरी आरआरटीएस ट्रेन दिल्ली से अलवर तक वाया रोहतक-पलवल दौड़ेगी.
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट्स के विस्तार में जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उसे दूर किया जाएगा. इसके साथ ही खट्टर ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में साल 2035 तक वर्तमान थर्मल पावर स्टेशन काम करते रहेंगे. इसके बाद में हम मुख्य रूप से सौर ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा की और आगे बढ़ेंगे.
रैपिड रेल परियोजना का आगे बढ़ेगा काम: रैपिड रेल परियोजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आगे बढ़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश कब तक पहुंचेगी, इसके जवाब में मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि रैपिड रेल परियोजना अभी दिल्ली से ही कनेक्ट रहेगी. गाजियाबाद से मेरठ के बीच 42 किलोमीटर की यात्रा शुरू हो गई है. इतने ही किलोमीटर अभी इसको और आगे बढ़ाया जाएगा. इसके बाद में हम अब राजस्थान के अलवर, हरियाणा के रोहतक और पलवल जिले से भी रैपिड रेल नेटवर्क को जोड़ेंगे.
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की दूर होंगी सभी बाधाएं: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को लेकर जो भी प्रकरण लंबित होगा, उसको जल्द निस्तारित किया जाएगा. इस संबंध में आवास विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक होगी. जिसमें देखेंगे प्रदेश स्तर पर या केंद्र स्तर पर क्या मामला अटका हुआ है. चारबाग से बसंत कुंज के बीच मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर पिछले 1 साल से फंसी हुई है.
ऊर्जा और नगर विकास विभाग की समीक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर लखनऊ आए हुए हैं. एपीआई अंसल की सुशांत गोल्फ सिटी के सेन्ट्रम होटल में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान नगर विकास मंत्री एके शर्मा और बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेई भी मौजूद रहे. प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश में अपने दोनों विभागों की समीक्षा करने आया हूं. मुख्य रूप से स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री आवास योजना, मेट्रो रेल परियोजना के अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में लाइन लॉस काम करने संबंधित योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लाइन लॉस 32% से घटकर 16% तक पहुंच चुका है. यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.
2035 से होगा परमाणु ऊर्जा का उपयोग: खट्टर ने कहा कि इसी तरह से अलग-अलग क्षेत्र में ऊर्जा विभाग बेहतर काम कर रहा है. उत्तर प्रदेश में 24 घंटे निर्वाध बिजली आपूर्ति कब मिलेगी, इसके जवाब में कहा कि हर संभव प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश में नए पावर प्लांट कब लगेंगे, इसके जवाब में मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फिलहाल 2035 तक हम वर्तमान थर्मल पावर स्टेशनों पर आधारित रहेंगे. विंड पावर पर भी काम किया जाएगा इसके बाद में हम परमाणु ऊर्जा और सौर ऊर्जा पर अधिक निर्भरता बरतेंगे.
पीएम ने किया था प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन: 20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया था और भारत की पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी.
क्या है रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम : आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी-हाई-स्पीड, हाई-फ़्रीक्वेंसी कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है. जो दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ को जोड़ेगी. इसकी अनुमानित लागत 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे के अंदर दिल्ली को मेरठ से जोड़ देगी.
मिलेगी 160 किमी/घंटा की रफ्तार: यह भारत की पहली क्षेत्रीय रेल है, जिसे 180 किमी/घंटा की स्पीड से चलने के लिए डिजाइन किया गया है, इसकी परिचालन गति 160 किमी/घंटा है. इसका पहला कॉरिडोर 82 किमी लंबा है और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच निर्माणाधीन है.
'नमो भारत' के अंदर क्या हैं सुविधाएं : प्रत्येक 'नमो भारत' ट्रेन में एक प्रीमियम कोच सहित छह कोच हैं. हर ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा. अधिकारियों ने बताया कि कोचों में सीटों को क्रमानुसार क्रमांकित किया गया है. अन्य डिब्बों में महिलाओं, विशेष रूप से दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं. प्रीमियम कोचों में एक अलग रंग कोड वाली सीट होगी. एक वेंडिंग मशीन स्थापित करने का प्रावधान है, इसके अलावा कई अतिरिक्त यात्री-केंद्रित सुविधाएं जैसे कि रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगज़ीन होल्डर और फ़ुटरेस्ट होंगे. प्रीमियम श्रेणी के कोच में प्रवेश प्लेटफार्मों पर एक गेटेड प्रीमियम लाउंज के माध्यम से होगा. प्रत्येक लाउंज में गद्देदार सीटें और एक वेंडिंग मशीन है.