लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए हाईटेक हो रही है तो अपराधी दो कदम आगे बढ़ते हुए नए तरीके का अपराध कर रहे हैं. लखनऊ में ताजा मामला सामने आया है, जिसमें दो लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सचिव व संयुक्त सचिव बन अधिकारियों को दबाव में लेकर अपने काम करवाते थे. इस मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए ठाकुरगंज से प्रदीप दुबे व मानसिंह को गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि ठाकुरगंज से प्रदीप दुबे व मानसिंह को गिरफ्तार किया गया है. प्रदीप दुबे लखनऊ के आशियाना स्थित शारदा नगर में रहता है. वहीं, मानसिंह दुबग्गा का रहने वाला है. प्रदीप मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला है और मानसिंह संभल का निवासी है. दोनों लंबे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सचिव और संयुक्त सचिव बताकर लोगों से ठगी करते थे.
दोनों आरोपियों ने बड़े पैमाने पर युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की है. पिछले दिनों युवाओं से पैसे लेने के बावजूद नौकरी न दिलवाने पर इसकी शिकायत मिली. इसके बाद एसटीएफ ने कार्रवाई की और दोनों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने बताया कि वह युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.
साथ ही लोगों के छोटे-मोटे काम करने के लिए भी पैसे लेते थे. दोनों ने डॉ. नरेंद्र वर्मा से उनकी जमीन से कब्जा हटाने के लिए 50 लाख रुपए लिए थे. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि दोनों ने लखनऊ डीएम व हरदोई के रजिस्ट्रार को फर्जी पत्र लिखकर अपने काम कराए हैं.
ये भी पढ़ेंः करहल उपचुनाव; 67 साल में सिर्फ एक बार खिला कमल, यादव ने दिलाई जीत, क्या यादव Vs यादव से बीजेपी मारेगी बाजी