लखनऊ: कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन और उसकी वजह से तमाम लोगों की प्रभावित हुई आमदनी को देखते हुए राज्य सरकार ने हाउस टैक्स (house tax) बकायेदारों को राहत देने का फैसला किया है. नगर विकास विभाग के स्तर पर हाउस टैक्स बकायेदारों पर सख्ती नहीं किए जाने का फैसला किया गया है. साथ ही जिन लोगों का हाउस टैक्स बकाया है, उनसे वसूली को लेकर सख्ती या फिर उन पर शिकंजा कसने या सीज करने जैसी कार्रवाई फिलहाल नहीं की जाएगी.
न नोटिस और न ही सीज करने की होगी कार्रवाई
राज्य सरकार के नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाउस टैक्स (house tax) बकायेदारों को न तो नोटिस दी जाएगी और न ही उनके खाते सीज किए जाएंगे. कोरोना वायरस के संकट काल को देखते हुए नगर निकाय सहमति के आधार पर बकायेदारों से हाउस टैक्स जमा कराने का प्रयास करेंगे, लेकिन फिलहाल वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उनके खिलाफ सीज करने की कार्रवाई या नोटिस देने जैसी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
वसूली को लेकर नहीं चलाया जाएगा विशेष अभियान
नगर विकास विभाग के स्तर पर जल्द ही इसको लेकर बकायदा सभी शहरी निकायों को दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे, जिससे नगर निकाय के स्तर पर हाउस टैक्स बकायेदारों के खिलाफ सख्ती न की जा सके और न ही हाउस टैक्स बकायेदारों से वसूली को लेकर कोई विशेष अभियान चलाया जाए.
नोटिस और खाता सीज करने की नहीं होगी कार्रवाई
दरअसल, जब भी हाउस टैक्स (house tax) बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है तो उन्हें न सिर्फ नोटिस दी जाती है बल्कि उनके खाते सीज कर दिए जाते हैं और अधिक पैसा बकाया होने की स्थिति में बिल्डिंग आज भी सीज करने के प्रावधान हैं. ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए इस बार इस तरह के अभियान न चलाए जाने की बात की जा रही है और न ही बकायेदारों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा. इसके अलावा इस समय कोरोना नियंत्रण के लिए नगर निकायों के अधिकारी और कमर्चारी भी काम में लगे हुए हैं. ऐसी स्थिति में ये काम भी प्रभावित नहीं होगा.
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हाउस टैक्स बकायेदारों की जानकारी भी मांगी गई
इसके अलावा नगर विकास विभाग की तरफ से सभी शहरी निकायों से हाउस टैक्स बकायेदारों की जानकारी भी मांगी गई है, जिससे आने वाले दिनों में कोरोना की परिस्थिति ठीक होने के बाद वसूली आदि को लेकर फैसला किया जा सके. प्रत्येक नगर निकाय को लेकर एक प्रोफार्मा भेजकर बकायेदारों की जानकारी मांगी गई है.