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675 गैरजरूरी कानून समाप्त करेगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष सरकारी आवास पर 'रिव्यु ऑफ मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज बर्डेन' विषयक का प्रस्तुतीकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक कानूनों से सम्बन्धित सभी विभागों के लम्बित प्रकरणों के समाधान के लिए टाइम लाइन निर्धारित करते हुए समयबद्धता से इनका निस्तारण किया जाए.

‘रिव्यु ऑफ मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ विषयक प्रस्तुतीकरण
‘रिव्यु ऑफ मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ विषयक प्रस्तुतीकरण
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Published : Jul 12, 2021, 11:28 PM IST

लखनऊ: यूपी में 675 गैर जरूरी कानूनों को सरकार समाप्त करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath ) के समक्ष सोमवार को उनके सरकारी आवास पर 'रिव्यु ऑफ मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज बर्डेन' (minimizing regulatory compliance burden ) विषयक प्रस्तुतीकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक कानूनों से सम्बन्धित सभी विभागों के लम्बित प्रकरणों के समाधान के लिए समय निर्धारित करते हुए निस्तारण किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इन प्रकरणों के समाधान के लिए विभिन्न विभागों की कार्रवाई की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने मुख्य सचिव को भी इस कार्य की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार 'ईज ऑफ डुईंग बिजनेस' तथा 'ईज ऑफ लिविंग' को पूरी तरह से लागू करना चाहती है. ताकि, प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को त्वरित गति से संचालित किया जा सके और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. प्रदेश के विकास में औद्योगिक गतिविधियों का विशेष योगदान है. इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होता है. इससे युवाओं को रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत अनावश्यक कानूनों से संबंधित सभी विभागों के लंबित प्रकरणों का समाधान निर्धारित तिथि तक हर हाल में कर दिया जाए. जिन नियम/कानूनों को रिपील किया जाना है, उनके संबंध में तेजी से कार्यवाही करके इन्हें समाप्त किया जाए.

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मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण देते हुए अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार ने बताया कि ‘मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ पहल केन्द्र सरकार ने सितम्बर 2020 में शुरू की थी. इसका उद्देश्य निर्धारित मापदण्डों पर ‘मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ को कम करना था. इस पहल से ‘ईज ऑफ डुईंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर विशेष बल दिया गया.

इसे भी पढ़ें-आजीवन मान्य रहेगा टीईटी प्रमाणपत्र, आदेश जारी

15 अगस्त को शुरू होगा दूसरा चरण
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस पहल के दो चरण हैं. पहला चरण 31 मार्च 2021 में लागू हुआ, जबकि दूसरा चरण 15 अगस्त 2021 से लागू होगा. उन्होंने बताया कि इन दोनों चरणों के तहत 675 कॉम्प्लायन्सेज़ को चिन्हित किया गया. इन विभागों में श्रम, आबकारी, ऊर्जा, वन, रेरा, पर्यावरण, खाद्य एवं रसद, प्राथमिक शिक्षा, पंचायती राज, उच्च शिक्षा, हैण्डलूम तथा वस्त्रोद्योग, गृह, चिकित्सा शिक्षा, राजस्व, आवास, मत्स्य, सिंचाई तथा जल संसाधन, तकनीकी शिक्षा, परिवहन एवं नगरीय विकास शामिल हैं. इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल समेत अन्य विभागीय प्रमुख मौजूद रहे.

लखनऊ: यूपी में 675 गैर जरूरी कानूनों को सरकार समाप्त करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath ) के समक्ष सोमवार को उनके सरकारी आवास पर 'रिव्यु ऑफ मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज बर्डेन' (minimizing regulatory compliance burden ) विषयक प्रस्तुतीकरण किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अनावश्यक कानूनों से सम्बन्धित सभी विभागों के लम्बित प्रकरणों के समाधान के लिए समय निर्धारित करते हुए निस्तारण किया जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इन प्रकरणों के समाधान के लिए विभिन्न विभागों की कार्रवाई की निरन्तर मॉनिटरिंग की जाए. उन्होंने मुख्य सचिव को भी इस कार्य की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार 'ईज ऑफ डुईंग बिजनेस' तथा 'ईज ऑफ लिविंग' को पूरी तरह से लागू करना चाहती है. ताकि, प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को त्वरित गति से संचालित किया जा सके और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. प्रदेश के विकास में औद्योगिक गतिविधियों का विशेष योगदान है. इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होता है. इससे युवाओं को रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत अनावश्यक कानूनों से संबंधित सभी विभागों के लंबित प्रकरणों का समाधान निर्धारित तिथि तक हर हाल में कर दिया जाए. जिन नियम/कानूनों को रिपील किया जाना है, उनके संबंध में तेजी से कार्यवाही करके इन्हें समाप्त किया जाए.

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मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण देते हुए अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार ने बताया कि ‘मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ पहल केन्द्र सरकार ने सितम्बर 2020 में शुरू की थी. इसका उद्देश्य निर्धारित मापदण्डों पर ‘मिनिमाइजिंग रेगुलेटरी कॉम्प्लायन्सेज़ बर्डेन’ को कम करना था. इस पहल से ‘ईज ऑफ डुईंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर विशेष बल दिया गया.

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15 अगस्त को शुरू होगा दूसरा चरण
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस पहल के दो चरण हैं. पहला चरण 31 मार्च 2021 में लागू हुआ, जबकि दूसरा चरण 15 अगस्त 2021 से लागू होगा. उन्होंने बताया कि इन दोनों चरणों के तहत 675 कॉम्प्लायन्सेज़ को चिन्हित किया गया. इन विभागों में श्रम, आबकारी, ऊर्जा, वन, रेरा, पर्यावरण, खाद्य एवं रसद, प्राथमिक शिक्षा, पंचायती राज, उच्च शिक्षा, हैण्डलूम तथा वस्त्रोद्योग, गृह, चिकित्सा शिक्षा, राजस्व, आवास, मत्स्य, सिंचाई तथा जल संसाधन, तकनीकी शिक्षा, परिवहन एवं नगरीय विकास शामिल हैं. इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल समेत अन्य विभागीय प्रमुख मौजूद रहे.

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