लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शहरों में लोगों के आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने दलितों और अनुसूचित जाति की जमीन लेने के लिए अब डीएम की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है. इसी के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने का समय मांगा है. इसके साथ ही कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने के लिए 12 सदस्यों की सूची राजभवन को भेजी है.
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी और 12 अन्य पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शुक्रवार की दोपहर 12 बजे मुलाकात करने का समय मांगा है. दलितों की भूमि को बेचे जाने के आदेश के विरोध में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर दोपहर 3 बजे तक राज्यपाल से मिलने की अनुमति नहीं मिली तो 12 सदस्य प्रतिनिधिमंडल लखनऊ कांग्रेस कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए राजभवन तक जाएंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 में सरकार द्वारा संशोधित किए जाने संबंधी मामलों को लेकर राज्यपाल का ध्यान इस ओर खींचना है.
अशोक सिंह ने बताया कि राज्यपाल से मिलने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा, प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नकुल दुबे, अजय राय, विधायक वीरेंद्र चौधरी, योगेश दीक्षित, अनिल यादव, मसूद अहमद खान, सतीश अजमानी, अशोक सिंह व जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी शामिल है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कांग्रेस नेता कई बार विभिन्न मुद्दों पर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर चुके हैं.