लखनऊ: कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार अधिवक्ता के हित के लिए लगातार काम कर रही है. कोरोना के संकट काल के दौरान तमाम तरह के मुकदमों की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ताओं को पारिश्रमिक देने के लिए 220 करोड़ रुपए धनराशि की व्यवस्था की गई है, जिसमें 150.60 करोड़ रुपये शासकीय अधिवक्ताओं को जारी किये जा रहे हैं, जिसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है.
सभी न्यायालयों के अधिवक्ताओं के लिए धनराशि की हुई व्यवस्था
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय और अन्य अधीनस्थ न्यायालयों में मुकदमों की पैरवी के लिए नियुक्त शासकीय अधिवक्ताओं को पारिश्रमिक के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 220 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में सात करोड़, उच्च न्यायालय इलाहाबाद 45 करोड़, उच्च न्यायालय इलाहाबाद लखनऊ खंडपीठ 35 करोड़ और 75 जिलों के शासकीय अधिवक्ताओं के लिए 63 करोड़ 60 लाख रुपए जारी करने का शासनादेश जारी कर दिया गया है.
सीएम से भी मिली, जल्द ही अधिवक्ताओं को मिलेंगी धनराशि
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि इस प्रकार 220 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ 60 लाख रुपए जारी करने के लिए शासनादेश जारी किया गया है और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से अनुमति भी प्रदान कर दी गई है. जल्द ही संबंधित सभी शासकीय अधिवक्ताओं को यह धनराशि दे दी जाएगी. इसके लिए कानून विभाग की तरफ से सभी जगहों के लिए अलग-अलग आदेश जारी करते हुए धनराशि भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
अधिवक्ताओं के लिए चैंबर निर्माण भी हो रहे तेजी से
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि तमाम जिलों में शासकीय अधिवक्ता और अन्य अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था के लिए चेंबर आदि निर्माण के लिए भी बजट की व्यवस्था की गई है. कई जिलों में यह काम तेजी से शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही जैसे-जैसे जिलों से चेंबर निर्माण की डिमांड की जाएगी, उसके लिए लगातार वित्त विभाग से अनुमति लेते हुए चेंबर निर्माण का काम शुरू कराया जाएगा. फिलहाल जनपद न्यायालय लखनऊ, जनपद न्यायालय कासगंज व जनपद न्यायालय इलाहाबाद में चेंबर निर्माण के कार्य चल रहे हैं.