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इंजीनियरिंग के चार लाख से ज्यादा छात्रों को राहत, इस साल नहीं बढ़ेगी फीस

यूपी में इंजीनियरिंग के छात्रों को बड़ी राहत दी गई है. यूपी सरकार इस साल इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की फीस न बढ़ाने का फैसला लिया है. मंगलवार देर शाम जारी आदेश में पिछले सत्र की फीस ही लिए जाने की बात कही गई है.

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इंजीनियरिंग के छात्रों को राहत.
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Published : Jun 15, 2021, 9:57 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसी भी निजी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज में इस साल फीस नहीं बढ़ाई जाएगी. कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. मंगलवार देर शाम जारी आदेश में पिछले सत्र की फीस ही लिए जाने की बात कही गई है.

उत्तर प्रदेश ने साफ किया है कि यह निर्णय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 750 इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्राविधिक शिक्षा परिषद से जुड़े निजी क्षेत्र के 1247 डिप्लोमा स्तरीय एवं अनुदानित संस्थानों पर लागू होगा. बता दें, इन संस्थानों में चार लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी समेत पॉलिटेक्निक के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं. सरकार ने साफ किया है कि फीस नियमन समिति द्वारा विगत सत्रों में निर्धारित शुल्क ही सत्र 2021-22 के लिए प्रभावी होगा.

इसे भी पढ़ें- यूपी में 1 जुलाई से खुलेंगे कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल, आदेश जारी

B.Ed में भी दी गई थी राहत

प्रदेश सरकार की तरफ से इससे पहले B.Ed में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई. सरकार ने बीएड कॉलेजों की फीस में कटौती कर दी है. अब, दो साल के इस कोर्स की पढ़ाई करने के लिए करीब 10 हजार रुपये कम देने होंगे. शैक्षिक सत्र 2021-22 में दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रथम वर्ष में 45 हजार रुपये और दूसरे वर्ष में 25 हजार रुपये का शुल्क देना होगा. पहले दोनों वर्ष का शुल्क करीब 80,000 रुपये हुए करता था. इसी तरह का बदलाव, बीएड के चार वर्ष के कार्यक्रम में भी किया गया है. यहां अब प्रतिवर्ष 30 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के किसी भी निजी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज में इस साल फीस नहीं बढ़ाई जाएगी. कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है. मंगलवार देर शाम जारी आदेश में पिछले सत्र की फीस ही लिए जाने की बात कही गई है.

उत्तर प्रदेश ने साफ किया है कि यह निर्णय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से जुड़े करीब 750 इंजीनियरिंग कॉलेजों और प्राविधिक शिक्षा परिषद से जुड़े निजी क्षेत्र के 1247 डिप्लोमा स्तरीय एवं अनुदानित संस्थानों पर लागू होगा. बता दें, इन संस्थानों में चार लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी समेत पॉलिटेक्निक के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हैं. सरकार ने साफ किया है कि फीस नियमन समिति द्वारा विगत सत्रों में निर्धारित शुल्क ही सत्र 2021-22 के लिए प्रभावी होगा.

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B.Ed में भी दी गई थी राहत

प्रदेश सरकार की तरफ से इससे पहले B.Ed में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई. सरकार ने बीएड कॉलेजों की फीस में कटौती कर दी है. अब, दो साल के इस कोर्स की पढ़ाई करने के लिए करीब 10 हजार रुपये कम देने होंगे. शैक्षिक सत्र 2021-22 में दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रथम वर्ष में 45 हजार रुपये और दूसरे वर्ष में 25 हजार रुपये का शुल्क देना होगा. पहले दोनों वर्ष का शुल्क करीब 80,000 रुपये हुए करता था. इसी तरह का बदलाव, बीएड के चार वर्ष के कार्यक्रम में भी किया गया है. यहां अब प्रतिवर्ष 30 हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.

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