लखनऊ: ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) की दवा के लिए सरकार ने नियम और कड़े कर दिए हैं. दवा की सीमित उपलब्धता के चलते मंडल मुख्यालयों को एक-दूसरे से जोड़ा गया है. दवा प्राप्त करने के लिए मरीज के तीमारदारों को अब सिर्फ डॉक्टर का पर्चा काफी नहीं होगा, बल्कि इसके साथ और भी सबूत देने होंगे.
इन मंडलों को जोड़ा गया
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक लखनऊ मंडल से फैजाबाद और देवीपाटन मंडल को संबद्ध किया गया है. वाराणसी मंडल से मिर्जापुर, आगरा से अलीगढ़, मेरठ से सहारनपुर, झांसी से चित्रकूट, कानपुर से प्रयागराज, बरेली से मुरादाबाद और गोरखपुर से बस्ती व आजमगढ़ मंडलों को जोड़ा गया है.
दवा लेने के लिए देने होंगे यह सबूत
दवा लेने के लिए क्लीनिकल सपोर्टेड एविडेंस के साथ-साथ एमआरआई सिटी स्कैन, ब्लैक फंगस होने के कंफर्मेशन के साथ-साथ अन्य सबूत भी देने होंगे. इसमें क्लीनिकल फीचर, रेडियोलॉजिकल फीचर और माइकोलॉजिकल रिपोर्ट देनी होगी.
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एक बार में मिलेगी सिर्फ 3 दिन की दवा
निर्देश में कहा गया है कि मरीज के तीमारदार 6000 रुपये प्रति लाइपोसोमल और 15 सो रुपये प्रति वायल देकर प्राप्त कर सकेंगे. मेडिकल कॉलेजों में यह दवा वहां इलाज करा रहे मरीजों को निशुल्क मिलेगी. वहीं, निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे लोगों को रेडक्रॉस अथवा खुले बाजार से दवा लेनी होगी. इसके लिए दवा का आवंटन मंडलायुक्त अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा विशेषज्ञ तीन सदस्य समिति करेगी.