लखनऊ: सभी सरकारी ऑफिसों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. चाहे वो तहसील हो, थाना हो, डीएम ऑफिस हो, सीडीओ ऑफिस हो, या फिर अस्पताल हो सभी सरकारी दफ्तरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही सभी घरों में सबमर्सिबल पम्प में रीडिंग मीटर भी लगाना सुनिश्चित किया जायेगा. जिससे यह पता चल सके कि परिवार ने कितने जल का दोहन किया है.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना होगा अनिवार्य
प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने साफ तौर पर कहा कि जल संरक्षण के लिए अब कानून बनाया जाएगा. प्रदेश सरकार विभिन्न आयामों के माध्यम से जल संचयन करेगी और एक्ट भी बनाएगी. सरकार अब ऐसे नियम बनायेगी कि सभी कॉलेजों और व्यापारिक संस्थानों को अपने संस्थान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा. किसी भी संस्था को मान्यता देने से पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है या नहीं.
होगा 5 से 7 लाख का जुर्माना
अब जो भी नये निर्माण कराये जायेंगे उसका नक्शा भी वाटर रिजार्ज सिस्टम देखकर ही पास होगा. ऐसे प्रावधान किये जाएंगे कि कहीं से भी हम जितना पानी लें उतना ही पानी धरती के अन्दर भी डालें. उन्होंने कहा कि अब ऐसा एक्ट बनाया जायेगा जिसमें यह प्राविधान होगा कि कोई भी इंडस्ट्री यदि पाइप द्वारा प्रदूषित पानी धरती के अन्दर डालती है तो उसपर 5 से 10 लाख का जुर्माना और 5 से 7 साल की कड़ी सजा दी जाएगी. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि अब पानी से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा. सभी एक्ट को लागू करके अगली बारिस से पहले जल संचय, जल संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार काम करेगी.
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नदियों का होगा जीर्णोध्दार
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नदियों का जीर्णोद्धार करना, नदियों के किनारे पेड़ लगाना, तालाबों के किनारे वृक्षारोपण करके जल संचयन किया जायेगा. इसके साथ-साथ छोटे-बड़े माडल के माध्यम से गरीब से गरीब आदमी भी अपने घर में रेन वाटर सिस्टम लगा सके या बना सकें उसके लिए भी माडल तैयार किया जायेगा.