लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूली बसों का किराया निर्धारित कर दिया है. इसके लिए परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिए हैं. यह आदेश कक्षा एक से 12 तक के स्कूलों में शिक्षा संस्थानों के नाम से पंजीकृत बसों पर लागू होगा. किराया तय करने के साथ ही हर साल किराया निर्धारित करने का फार्मूला भी जारी किया है. 2020-21 को आधार वर्ष मानते हुए 1648 रुपये मेंटीनेंस शुल्क तय किया गया है. इसके आधार पर ही अब स्कूलों में बच्चों से बस का किराया लिया जाएगा.
वहीं प्रदेश के 13 संभागों में ज्यादातर 42 सीटों वाली स्कूल बस हैं. इसमें अतिरिक्त पांच सीटों को जोड़ते हुए 47 सीटों की क्षमता के हिसाब से यह अनुरक्षण व्यय निर्धारित किया गया है. जिला विद्यालय वाहन सुरक्षा समिति हर साल जुलाई में इसका निर्धारण करेगी. इस साल प्रदेश स्तर पर अनुरक्षण व्यय 1648 रुपये तय किया गया है. अगले साल से जिलों में इसका निर्धारण किया जाएगा.
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विद्यार्थियों से पांच किलोमीटर तक निर्धारित शुल्क का 50 फीसदी किराया लिया जाएगा. पांच से 10 किलोमीटर तक निर्धारित शुल्क का शत-प्रतिशत किराया लिया जाएगा. 10 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए तय शुल्क से 25 फीसदी ज्यादा लिया जाएगा. वहीं जिन स्कूलों की बसें एसी होंगी वो भी तय शुल्क से 25 फीसदी ज्यादा किराया ले सकते हैं. फार्मूला तय करते समय वर्तमान अनुरक्षण व्यय, स्टाफ के वेतन आदि पर खर्च में हुई बढ़ोतरी और वाहन पर खर्चे में हुई बढ़ोतरी को मानक बनाया गया है.
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