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लखनऊ: गुणवत्ता परक शिक्षा व्यवस्था में नाकाम दिख रही सरकार - शिक्षा को लेकर सरकार की नाकामी

माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आर पी मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रही है. साथ ही कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी से स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम साबित हो रही है.

शिक्षकों की कमी के कारण गुणवत्ता परक शिक्षा की कमी
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Published : Jul 10, 2019, 9:43 AM IST

लखनऊ: माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व प्रवक्ता आर पी मिश्रा ने कहा कि लगातार सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है, लेकिन शिक्षकों की भारी संख्या में कमी के कारण स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम नजर आ रही है. उन्होनें कहा कि इसके चलते जो विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

सरकार अभी तक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को शुरू नहीं कर पाई है. सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए नए बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी दिया है. अगर ऐसा होता है तो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ होने में करीब 1 साल से ज्यादा का समय लग जाएगा.

शिक्षकों की कमी के कारण गुणवत्ता परक शिक्षा की कमी.

माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कही ये बातें

  • आज भी प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख शिक्षकों की कमी है.
  • माध्यमिक विद्यालयों में करीब 40 हजार शिक्षकों की कमी है.
  • उन्होनें कहा कि कहीं गणित का शिक्षक कला पढ़ा रहा है, तो कहीं कला का शिक्षक अंग्रेजी.
  • शिक्षकों की कमी से गुणवत्ता परक शिक्षा देने में सरकार नाकाम है.

राज्य सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रही है. प्रदेश में शिक्षकों की भारी संख्या में कमी है. शिक्षकों के कम होने से स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम नजर आ रही है. इस तरीके से जो विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं, उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और गुणवत्ता परक शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
आरपी मिश्रा, अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश




लखनऊ: माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व प्रवक्ता आर पी मिश्रा ने कहा कि लगातार सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है, लेकिन शिक्षकों की भारी संख्या में कमी के कारण स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम नजर आ रही है. उन्होनें कहा कि इसके चलते जो विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

सरकार अभी तक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को शुरू नहीं कर पाई है. सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए नए बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी दिया है. अगर ऐसा होता है तो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ होने में करीब 1 साल से ज्यादा का समय लग जाएगा.

शिक्षकों की कमी के कारण गुणवत्ता परक शिक्षा की कमी.

माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कही ये बातें

  • आज भी प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख शिक्षकों की कमी है.
  • माध्यमिक विद्यालयों में करीब 40 हजार शिक्षकों की कमी है.
  • उन्होनें कहा कि कहीं गणित का शिक्षक कला पढ़ा रहा है, तो कहीं कला का शिक्षक अंग्रेजी.
  • शिक्षकों की कमी से गुणवत्ता परक शिक्षा देने में सरकार नाकाम है.

राज्य सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रही है. प्रदेश में शिक्षकों की भारी संख्या में कमी है. शिक्षकों के कम होने से स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम नजर आ रही है. इस तरीके से जो विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं, उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और गुणवत्ता परक शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
आरपी मिश्रा, अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश




Intro:उत्तर प्रदेश में साल 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद सूबे के नए मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के साथ साथ नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए भी कई प्रयास किए। लेकिन आज भी उत्तर प्रदेश में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में भारी संख्या में शिक्षकों की कमी है। जिससे कहीं ना कहीं गुणवत्ता परक शिक्षा देने का सपना अधूरा नजर आ रहा है।


Body:उत्तर प्रदेश के प्रारंभिक व माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की कमान संभालते ही कई कड़े फैसले लिए। लेकिन पिछले 2 सालों में शिक्षक भर्ती ना हो पाने की वजह से आज भी प्राथमिक विद्यालयों में करीब एक लाख तो वही माध्यमिक विद्यालयों में करीब 40000 शिक्षकों की कमी है जिसकी वजह से गुणवत्ता परक शिक्षा देने का सरकार का सपना अभी अधूरा नजर आ रहा है।

मध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व प्रवक्ता आरपी मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि लगातार सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के प्रयास कर रही है लेकिन शिक्षकों की भारी संख्या में कमी के चलते स्कूलों में गुणवत्ता परक शिक्षा दे पाने में सरकार नाकाम नजर आ रही है। कहीं गणित का शिक्षक कला पड़ा रहा है तो कहीं कला का शिक्षण अंग्रेजी। इस तरीके से जो विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल आते हैं उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और गुणवत्ता परक शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

सरकार अभी तक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को शुरू नहीं कर पाई है वहीं सरकार द्वारा प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए नए बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी दिया गया है यदि ऐसा होता है तो शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के प्रारंभ होने में करीब 1 साल से ज्यादा का वक्त लग जाएगा।

बाइट- आरपी मिश्रा ( अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion: उत्तर प्रदेश सरकार पिछले 2 सालों से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी हुई है लेकिन शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं कर पाई है ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की गुणवत्ता परक शिक्षा के दावे करने वाली सरकार कब तक शिक्षकों की कमी को पूरा कर पाती है और बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देने में सफल होती है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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