लखनऊ: प्रदेश सरकार(up goverment) लगातार किसानों की आय (kisan income double) बढ़ाने के प्रयास में लगी हुई है. यही कारण है कि प्रदेश में बनाए गए धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद का लगातार भुगतान किसानों के खातों में किया जा रहा है. साथ ही धान खरीद केंद्रों पर अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. इसी क्रम में खाद्य प्रसंस्करण विभाग किसानों को खेती के साथ-साथ औषधीय खेती करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. इससे किसानों को और अधिक मुनाफा हो सकेगा. इसका मुख्य मकसद किसानों की आय (kisan income double) को दोगुना करना है.
प्रदेश के किसानों को औषधीय खेती के लिए प्रेरित करने वाले खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. आरके तोमर ने ईटीवी भारत को बताया कि निश्चित रूप से औद्यनिक फसलें और औषधीय फसलें किसानों के लिए काफी लाभकारी हैं. इसके तहत किसान फल, फूल, सब्जी, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, तुलसी की खेती, एलोवेरा की खेती के साथ ही नीम के पौधे लगाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही हल्दी की खेती करके भी किसान लाभान्वित हो सकते हैं.
लो-टनल का इस्तेमाल कर फायदा उठा सकते हैं किसान
खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. आरके तोमर ने बताया कि लो-टनल का इस्तेमाल कर किसान 15 दिन पहले सब्जी पैदा कर बाजार भाव में अच्छी कमाई कर सकते हैं. खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक का कहना है कि निश्चित रूप से इससे किसान सब्जी का उत्पादन कर अधिक कमाई कर सकते हैं. बाजार में सब्जियों की ज्यादा आवक रहती है, उससे पहले या उसके बाद ही किसानों की सब्जियां बाजार में आनी चाहिए. इससे किसानों को लाभ (kisan income double) मिल सकेगा. इसके साथ ही अच्छी पैकिंग कर किसान भाई लाभ कमा सकते हैं.
औषधिय फसलों पर मिलता है अनुदान
खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. आरके तोमर ने बताया कि प्रदेश के औषधीय फसलों की खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाता है. यह अनुदान औषधीय पौधों की खेती के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए मिलता है. इसमें प्रमुख रूप से तुलसी, एलोवेरा, सतावर, मशरूम की फसलें हैं.