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सीएम योगी ने पासिंग आउट परेड की ली सलामी, यूपी को मिले 15 हजार से ज्यादा नए रिक्रूट आरक्षी - pac new recruit constable

सीएम योगी ने राजधानी लखनऊ में पासिंग आउट परेड की सलामी ली. उत्तर प्रदेश को आज पीएसी के 15727 नए रिक्रूट आरक्षी मिल गए.

सीएम योगी ने ली पासिंग आउट परेड की सलामी
सीएम योगी ने ली पासिंग आउट परेड की सलामी
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Published : Jul 12, 2022, 9:26 AM IST

Updated : Jul 12, 2022, 12:13 PM IST

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन में मंगलवार को पासिंग आउट परेड की सलामी ली. उत्तर प्रदेश को आज पीएसी के 15727 नए रिक्रूट आरक्षी मिल गए. लखनऊ में 399, मुरादाबाद में 917 समेत 76 ट्रेनिंग सेंटर में पीएसी रिक्रूट आरक्षियों की पासिंग परेड हुई. इसमें कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान भी शामिल हुए.

सीएम योगी ने कहा कि पासिंग आउट परेड में शामिल सभी पीएसी रिक्रूट आरक्षी के सफलतम प्रशिक्षण के लिए उनके प्रशिक्षकों और जो लोग प्रशिक्षण के कार्य में लगे थे उनको धन्यवाद देता हूं. प्रदेश के सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 399 आरक्षी की शानदार परेड को देखकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई. उन्होंने कहा कि माता-पिता, अभिभावक और परिजन जो इस परेड के साक्षी बने, उन्हें भी धन्यवाद करता हूं. सीएम योगी ने कहा कि जब 2017 में प्रदेश के अंदर नई सरकार का गठन हुआ था, उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस बल में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी भर्ती के पद लंबित पड़े थे.

सीएम योगी ने ली पासिंग आउट परेड की सलामी

उन्होंने कहा कि विगत 5 वर्षों के दौरान 162000 से अधिक पुलिस भर्ती और प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के साथ ही प्रदेश पीएसी बल को समाप्त करने की साजिश हो रही थी. इसके तहत 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थीं. कंपनियों को साफ करके सुरक्षा में सेंध लगाई जा रही थी. सीएम योगी ने कहा कि 5 वर्षों के दौरान बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के 162000 नौजवानों को उत्तर प्रदेश पुलिस बल और पीएसी में भर्ती करके पुलिस बल के आधुनिकरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि 2018 में चयनित 15787 पीएससी रिक्रूटमेंट भारत प्रशिक्षण जनवरी 2022 में प्रारंभ हुआ था. 6 माह के अपने सफलतम प्रशिक्षण के कारण आज प्रदेश के 87 केंद्रों में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया.

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में पदोन्नति की प्रक्रिया भी वर्षों से लंबित पड़ी हुई थी. पुलिसकर्मियों के लिए आवासीय सुविधाएं नहीं थीं, उनके लिए बैरक नहीं थी. प्रशिक्षण के लिए सुविधाओं का अभाव था. उन्होंने कहा कि बीएसई के सभी साथियों के लिए बैरक और आवासीय सुविधाओं को बेहतर किया गया. आज हर एक पुलिस लाइन में पीएसी सेंटर में बेहतर आवासीय सुविधाओं का विस्तार किया गया है.

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष पहले युवाओं को बाहर अपनी पहचान छिपाने के लिए मजबूर होना पड़ता था और आज हर एक व्यक्ति बड़े गर्व से कह सकता है कि वह उत्तर प्रदेश का निवासी है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने बेहतरीन कानून व्यवस्था के माध्यम से अपनी छवि को बदलने का जो काम किया है आज उसकी सराहना होती है. यह तब संभव हो पाया जब हमारे पुलिस और पीएसी बल के सभी कार्यरत लोगों ने पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप कार्य करते हुए कुछ बेहतर परिणाम देने का काम किया.

उन्होंने कहा कि आज यही कारण है कि 5 वर्ष के अंदर बेहतरीन कानून व्यवस्था का विस्तार और प्रदेश में बेहतरीन निवेश और रोजगार की अनंत संभावनाएं विकसित हुईं. उत्तर प्रदेश में हर तबके के अंदर सुरक्षा का भाव पैदा हुआ. नई सरकार के गठन के 100 दिन के अंदर जो बेहतरीन परिणाम आए हैं पूरी दुनिया और पूरे देश के लिए आश्चर्यजनक हैं. उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के अंदर एक भी दंगा नहीं हुआ. 2018 में प्रशिक्षण के लिए वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना की गई. 2019 में पहली बार पूरे शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया. उनको लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम भी बताया गया.

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण संस्थानों में साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैब की स्थापना की गई. इसमें आधुनिक साइबर सूत्र के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अत्याधुनिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर मेरठ को अत्याधुनिक स्टेट पर हाईटेक प्रशिक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. इस हाईटेक प्रशिक्षण केंद्र पर साइबर अपराध के अलावा फॉरेंसिक ड्रोन के प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रदेश में पहली बार होने जा रही है. ड्रोन के प्रशिक्षण के लिए रूम प्रशिक्षण केंद्र भी बनेगा. सीएम योगी ने कहा कि पहली बार यूपी एसएसएफ और जेल वार्डन के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की गई है.

कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि आज की परेड 6 महीने के कटिंग प्रशिक्षण के बाद प्रारंभ की गई. उन्होंने कहा कि पहले पुलिस कॉन्स्टेबल की ट्रेनिंग का बेसिक कोर्स 1 साल का होता था. उसको घटाकर 9 महीने और अब छह महीने कर दिया गया है. हमारे बीच जो जवान हैं, उनको अब दोगुना मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि जब से योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सीएम बने, तब से किसी भी कैंडिडेट को सिफारिश के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ी. एक पारदर्शी स्वच्छ प्रक्रिया के तहत इनका चयन हुआ.

यह भी पढ़ें: 'स्वतंत्रता सप्ताह' व 'हर घर तिरंगा' अभियान को लेकर खास तैयारी, सीएम ने दिये ये निर्देश

कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि नए रिक्रूट आरक्षियों के लिए ट्रेनिंग और इनके भोजन की अच्छी व्यवस्था की गई. पूरे पाठ्यक्रम को बहुत ही लगन से संपन्न किया गया. उन्होंने बताया कि बेसिक ट्रेनिंग के अलावा कानून का ज्ञान भी दिया गया. बताया गया कि जो आदमी कानून का पालन करता है उसकी पुलिस हमेशा सहायता करती है और जो कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करता है उसकी भी कार्यवाही पुलिस सुनिश्चित करती है.

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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन में मंगलवार को पासिंग आउट परेड की सलामी ली. उत्तर प्रदेश को आज पीएसी के 15727 नए रिक्रूट आरक्षी मिल गए. लखनऊ में 399, मुरादाबाद में 917 समेत 76 ट्रेनिंग सेंटर में पीएसी रिक्रूट आरक्षियों की पासिंग परेड हुई. इसमें कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान भी शामिल हुए.

सीएम योगी ने कहा कि पासिंग आउट परेड में शामिल सभी पीएसी रिक्रूट आरक्षी के सफलतम प्रशिक्षण के लिए उनके प्रशिक्षकों और जो लोग प्रशिक्षण के कार्य में लगे थे उनको धन्यवाद देता हूं. प्रदेश के सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 399 आरक्षी की शानदार परेड को देखकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई. उन्होंने कहा कि माता-पिता, अभिभावक और परिजन जो इस परेड के साक्षी बने, उन्हें भी धन्यवाद करता हूं. सीएम योगी ने कहा कि जब 2017 में प्रदेश के अंदर नई सरकार का गठन हुआ था, उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस बल में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी भर्ती के पद लंबित पड़े थे.

सीएम योगी ने ली पासिंग आउट परेड की सलामी

उन्होंने कहा कि विगत 5 वर्षों के दौरान 162000 से अधिक पुलिस भर्ती और प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के साथ ही प्रदेश पीएसी बल को समाप्त करने की साजिश हो रही थी. इसके तहत 54 कंपनियां समाप्त कर दी गई थीं. कंपनियों को साफ करके सुरक्षा में सेंध लगाई जा रही थी. सीएम योगी ने कहा कि 5 वर्षों के दौरान बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के 162000 नौजवानों को उत्तर प्रदेश पुलिस बल और पीएसी में भर्ती करके पुलिस बल के आधुनिकरण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि 2018 में चयनित 15787 पीएससी रिक्रूटमेंट भारत प्रशिक्षण जनवरी 2022 में प्रारंभ हुआ था. 6 माह के अपने सफलतम प्रशिक्षण के कारण आज प्रदेश के 87 केंद्रों में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया.

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में पदोन्नति की प्रक्रिया भी वर्षों से लंबित पड़ी हुई थी. पुलिसकर्मियों के लिए आवासीय सुविधाएं नहीं थीं, उनके लिए बैरक नहीं थी. प्रशिक्षण के लिए सुविधाओं का अभाव था. उन्होंने कहा कि बीएसई के सभी साथियों के लिए बैरक और आवासीय सुविधाओं को बेहतर किया गया. आज हर एक पुलिस लाइन में पीएसी सेंटर में बेहतर आवासीय सुविधाओं का विस्तार किया गया है.

उन्होंने कहा कि 5 वर्ष पहले युवाओं को बाहर अपनी पहचान छिपाने के लिए मजबूर होना पड़ता था और आज हर एक व्यक्ति बड़े गर्व से कह सकता है कि वह उत्तर प्रदेश का निवासी है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने बेहतरीन कानून व्यवस्था के माध्यम से अपनी छवि को बदलने का जो काम किया है आज उसकी सराहना होती है. यह तब संभव हो पाया जब हमारे पुलिस और पीएसी बल के सभी कार्यरत लोगों ने पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप कार्य करते हुए कुछ बेहतर परिणाम देने का काम किया.

उन्होंने कहा कि आज यही कारण है कि 5 वर्ष के अंदर बेहतरीन कानून व्यवस्था का विस्तार और प्रदेश में बेहतरीन निवेश और रोजगार की अनंत संभावनाएं विकसित हुईं. उत्तर प्रदेश में हर तबके के अंदर सुरक्षा का भाव पैदा हुआ. नई सरकार के गठन के 100 दिन के अंदर जो बेहतरीन परिणाम आए हैं पूरी दुनिया और पूरे देश के लिए आश्चर्यजनक हैं. उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के अंदर एक भी दंगा नहीं हुआ. 2018 में प्रशिक्षण के लिए वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना की गई. 2019 में पहली बार पूरे शिक्षकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया. उनको लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम भी बताया गया.

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण संस्थानों में साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैब की स्थापना की गई. इसमें आधुनिक साइबर सूत्र के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अत्याधुनिक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर मेरठ को अत्याधुनिक स्टेट पर हाईटेक प्रशिक्षण केंद्र बनाया जा रहा है. इस हाईटेक प्रशिक्षण केंद्र पर साइबर अपराध के अलावा फॉरेंसिक ड्रोन के प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रदेश में पहली बार होने जा रही है. ड्रोन के प्रशिक्षण के लिए रूम प्रशिक्षण केंद्र भी बनेगा. सीएम योगी ने कहा कि पहली बार यूपी एसएसएफ और जेल वार्डन के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रारंभ की गई है.

कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि आज की परेड 6 महीने के कटिंग प्रशिक्षण के बाद प्रारंभ की गई. उन्होंने कहा कि पहले पुलिस कॉन्स्टेबल की ट्रेनिंग का बेसिक कोर्स 1 साल का होता था. उसको घटाकर 9 महीने और अब छह महीने कर दिया गया है. हमारे बीच जो जवान हैं, उनको अब दोगुना मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि जब से योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सीएम बने, तब से किसी भी कैंडिडेट को सिफारिश के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ी. एक पारदर्शी स्वच्छ प्रक्रिया के तहत इनका चयन हुआ.

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कार्रवाहक डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि नए रिक्रूट आरक्षियों के लिए ट्रेनिंग और इनके भोजन की अच्छी व्यवस्था की गई. पूरे पाठ्यक्रम को बहुत ही लगन से संपन्न किया गया. उन्होंने बताया कि बेसिक ट्रेनिंग के अलावा कानून का ज्ञान भी दिया गया. बताया गया कि जो आदमी कानून का पालन करता है उसकी पुलिस हमेशा सहायता करती है और जो कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करता है उसकी भी कार्यवाही पुलिस सुनिश्चित करती है.

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Last Updated : Jul 12, 2022, 12:13 PM IST
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