लखनऊः डीजीपी ओपी सिंह ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखकर 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है, क्योंकि जांच में 19 दिसंबर को हुए CAA के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में पीएफआई की संलिप्तता पाई गई. पहले भी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि जरूरी सबूत जुटा कर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए गृह मंत्रालय से सिफारिश की जाएगी.
-
UP DGP OP Singh writes a letter to the Ministry of Home Affairs, requesting to 'impose a ban on Popular Front of India (PFI) as investigations found PFI's involvement in the violent protests against #CitizenshipAmendmentAct that took place on 19 December.' pic.twitter.com/cMco8WBaLW
— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">UP DGP OP Singh writes a letter to the Ministry of Home Affairs, requesting to 'impose a ban on Popular Front of India (PFI) as investigations found PFI's involvement in the violent protests against #CitizenshipAmendmentAct that took place on 19 December.' pic.twitter.com/cMco8WBaLW
— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2019UP DGP OP Singh writes a letter to the Ministry of Home Affairs, requesting to 'impose a ban on Popular Front of India (PFI) as investigations found PFI's involvement in the violent protests against #CitizenshipAmendmentAct that took place on 19 December.' pic.twitter.com/cMco8WBaLW
— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2019
डीजीपी मुख्यालय ने सिफारिश में पीएफआई के बारे में लिखा है कि इसमें इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया यानि सिमी के ज्यादातर सदस्य जुड़ गए हैं. इन संगठनों के लोगों के पास से पूरे राज्य में आपत्तिजनक साहित्य और पर्चे बरामद हुए हैं.
यूपी में 19 और 20 दिसंबर को हुई हिंसा में पीएफआई के करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लगातार यूपी पुलिस का कहना था कि प्रदेश में हिंसा को रोकने के लिए पीएफआई पर प्रितबंध लगाना होगा. इस समय पीएफआई के सदस्य पूरे देश में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, जो देश में आपत्तिजनक साहित्य के साथ देश का माहौल खराब करने की भूमिका में जुटे रहते हैं.