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केशव प्रसाद मौर्य और बंसल की जुगलबंदी करेगी बंगाल फतह !

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल फतह करने के लिए यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को लगाया है. इन दोनों की जोड़ी ने साल 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी को जबरदस्त जीत दिलाई थी.

जानकारी देते यूपी भाजपा प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह.
जानकारी देते यूपी भाजपा प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह.
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Published : Dec 22, 2020, 8:48 PM IST

Updated : Dec 22, 2020, 10:53 PM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल फतह करने के लिए यूपी भाजपा के रणनीतिकारों को लगाया है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जिन दो नेताओं की जोड़ी ने भाजपा को प्रचंड जीत दिलाई थी. उन नेताओं को पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता के किले को ढहाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूपी में पिछला विधानसभा चुनाव और आम चुनाव तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रशाद मौर्य और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के नेतृत्व में लड़ा गया था. विधानसभा चुनाव में भाजपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी.


केशव के साथ इन नेताओं को भी सौंपी गई जिम्म्मेदारी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री व बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के अलावा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश जैसे यूपी के बड़े चेहरों को पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में उतारा गया है. पार्टी इन नेताओं के अनुभव का लाभ पश्चिम बंगाल चुनाव में उठाएगी.

संगठन में बढ़ा केशव का कद
नई दायित्व की वजह से सत्ता के गलियारे में केशव प्रसाद मौर्य के कद को बढ़ा हुआ माना जा रहा है. केशव प्रसाद मौर्य की पहचान यूपी भाजपा में कद्दावर पिछड़े नेता के रूप होती है. विश्व हिंदू परिषद के साथ लंबे समय तक काम करने के बाद भाजपा की राजनीति में आए केशव हिंदुत्व का चेहरा भी हैं. राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका अदा करने वाले अशोक सिंघल के बेहद करीबी एवं भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में भी केशव की एक अलग पहचान है. पार्टी जानकारों का मानना है कि केशव बंगाल चुनाव में सभी वर्गों के मतदाताओं को प्रभावित करेंगे. दूसरी तरफ कुशल रणनीतिकार सुनील बंसल के अनुभव का फायदा भी भाजपा को मिलेगा.

2017 में इस जोड़ी ने रचा था इतिहास
भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश में हुए साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बहुत ही खराब प्रदर्शन था. चुनाव में 403 विधानसभा सीटों वाले राज्य में भाजपा को मजह 47 सीटें ही मिली थी. वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 80 सीटों में से 73 पर शानदार जीत दर्ज की थी. इस शानदार जीत का उत्साह साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रहा और भाजपा ने प्रदेश में वर्षों बाद पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की थी. उस समय केशव प्रसाद मौर्य यूपी भाजपा के अध्यक्ष थे और सुनील बंसल प्रदेश संगठन महामंत्री थे.

बंगाल की जनता चाहती है परिवर्तन

वहीं यूपी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह ने बताया कि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है. प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उन परिस्थितियों को देखते हुए यूपी से हमारे वरिष्ठ नेताओं को पश्चिम बंगाल के चुनाव में लगाया गया है. उन्होंने कहा कि बंगाल में पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह की रैली में लोगों की जबरदस्त भीड़ थी, उससे यह साबित होता है कि पश्चिम बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है. उन्होंने बंगाल में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया.


वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी ने बताया कि केशव प्रसाद मौर्य यूपी में बड़ा सियासी चेहरा है. पिछड़ा नेता होने के साथ-साथ उन्हें संपूर्ण हिंदू समाज अपना नेता मानता है. केशव प्रसाद मौर्य और कुशल रणनीतिकार सुनील बंसल के अनुभवों का पश्चिम बंगाल में भाजपा को फायदा मिलेगा. यदि पार्टी वहां जीत दर्ज करती है, तो निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक कद और भी बढ़ेगा.

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल फतह करने के लिए यूपी भाजपा के रणनीतिकारों को लगाया है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जिन दो नेताओं की जोड़ी ने भाजपा को प्रचंड जीत दिलाई थी. उन नेताओं को पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता के किले को ढहाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूपी में पिछला विधानसभा चुनाव और आम चुनाव तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रशाद मौर्य और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के नेतृत्व में लड़ा गया था. विधानसभा चुनाव में भाजपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी.


केशव के साथ इन नेताओं को भी सौंपी गई जिम्म्मेदारी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री व बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के अलावा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश जैसे यूपी के बड़े चेहरों को पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में उतारा गया है. पार्टी इन नेताओं के अनुभव का लाभ पश्चिम बंगाल चुनाव में उठाएगी.

संगठन में बढ़ा केशव का कद
नई दायित्व की वजह से सत्ता के गलियारे में केशव प्रसाद मौर्य के कद को बढ़ा हुआ माना जा रहा है. केशव प्रसाद मौर्य की पहचान यूपी भाजपा में कद्दावर पिछड़े नेता के रूप होती है. विश्व हिंदू परिषद के साथ लंबे समय तक काम करने के बाद भाजपा की राजनीति में आए केशव हिंदुत्व का चेहरा भी हैं. राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका अदा करने वाले अशोक सिंघल के बेहद करीबी एवं भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में भी केशव की एक अलग पहचान है. पार्टी जानकारों का मानना है कि केशव बंगाल चुनाव में सभी वर्गों के मतदाताओं को प्रभावित करेंगे. दूसरी तरफ कुशल रणनीतिकार सुनील बंसल के अनुभव का फायदा भी भाजपा को मिलेगा.

2017 में इस जोड़ी ने रचा था इतिहास
भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश में हुए साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बहुत ही खराब प्रदर्शन था. चुनाव में 403 विधानसभा सीटों वाले राज्य में भाजपा को मजह 47 सीटें ही मिली थी. वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 80 सीटों में से 73 पर शानदार जीत दर्ज की थी. इस शानदार जीत का उत्साह साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रहा और भाजपा ने प्रदेश में वर्षों बाद पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की थी. उस समय केशव प्रसाद मौर्य यूपी भाजपा के अध्यक्ष थे और सुनील बंसल प्रदेश संगठन महामंत्री थे.

बंगाल की जनता चाहती है परिवर्तन

वहीं यूपी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह ने बताया कि यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है. प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उन परिस्थितियों को देखते हुए यूपी से हमारे वरिष्ठ नेताओं को पश्चिम बंगाल के चुनाव में लगाया गया है. उन्होंने कहा कि बंगाल में पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह की रैली में लोगों की जबरदस्त भीड़ थी, उससे यह साबित होता है कि पश्चिम बंगाल की जनता परिवर्तन चाहती है. उन्होंने बंगाल में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया.


वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी ने बताया कि केशव प्रसाद मौर्य यूपी में बड़ा सियासी चेहरा है. पिछड़ा नेता होने के साथ-साथ उन्हें संपूर्ण हिंदू समाज अपना नेता मानता है. केशव प्रसाद मौर्य और कुशल रणनीतिकार सुनील बंसल के अनुभवों का पश्चिम बंगाल में भाजपा को फायदा मिलेगा. यदि पार्टी वहां जीत दर्ज करती है, तो निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक कद और भी बढ़ेगा.

Last Updated : Dec 22, 2020, 10:53 PM IST
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