ETV Bharat / state

देश में यलो फीवर वैक्सीन खत्म, 43 देशों की यात्रा फंसी - yellow fever vaccine out of stock in kgmu

कोरोना के चलते देश में यलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो सकी. इसके चलते अब स्टॉक खत्म हो गया है. केजीएमयू समेत देशभर के सेंटरों पर वैक्सीनेशन ठप हो गया.

यलो फीवर वैक्सीन
यलो फीवर वैक्सीन
author img

By

Published : Jan 21, 2022, 10:14 AM IST

लखनऊ: कोरोना के चलते देश में यलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो सकी. इसके चलते अब स्टॉक खत्म हो गया है. केजीएमयू समेत देशभर के सेंटरों पर वैक्सीनेशन ठप हो गया. लिहाजा, 43 देशों की यात्रा लोगों की फंस गई है.

दरअसल, अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों में यात्रा से पहले यलो फीवर का वैक्सीनेशन अनिवार्य होता है. इसके लिए देश में लखनऊ के केजीएमयू समेत 52 सेंटर बनाए गए हैं. वहीं, केजीएमयू को यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, नेपाल का नोडल सेंटर नामित किया गया. यहां सोमवार, गुरुवार, शनिवार को यलो फीवर का वैक्सीनेशन किया जाता है. वहीं, जनवरी से वैक्सीनेशन ठप है. इसलिए हजारों लोगों की विदेश यात्रा पर ब्रेक लग गया है.

डब्लूएचओ से केंद्र को नहीं मिली वैक्सीन

केजीएमयू के वैक्सीन सेंटर इंचार्ज व एसपीएम विभाग के अध्यक्ष डॉ. जमाल मसूद के मुताबिक यलो वैक्सीन दुनिया के तीन देशों में ही बनती है. यह देश निर्माण कर डब्लूएचओ को वैक्सीन देते हैं. डब्लूएचओ केंद्र सरकार को वैक्सीन देता है. इसके बाद केंद्र सरकार हिमाचल के कसौली की लैब में गुणवत्ता व मानकों की जांच करवाती है. यहां सही पाए जाने पर वैक्सीन सेंटरों को आपूर्ति की जाती है. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर आने से डब्लूएचओ को ही वैक्सीन नहीं मिल सकी. जल्द आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है.

यहां यात्रा से पहले वैक्सीन जरूरी

नाइजीरिया, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका, अल्जीरिया, केन्या, इथोपिया, ट्यूनेशिया, घाना, सुडान, लीबिया, युगांडा समेत आदि अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों की यात्रा से पहले संबंधित सेंटरों पर यलो फीवर की वैक्सीन लगवाना जरूरी है. सेंटर से जारी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने पर ही आपको इन देशों की यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. एयरपोर्ट पर यह चेक किया जाता है, ताकि यात्रा कर रहें व्यक्ति को किसी प्रकार से यलो फीवर जैसी बीमारी के चपेट में न आ सकें.

यह भी पढ़ें: शुक्रवार सुबह मिले कोरोना के 10,200 नए मामले, पढे़ं 10 बड़ी खबरें

ये है यलो फीवर

यलो फीवर (पीत ज्वर) की समस्या कर्क व मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीकी, अमेरिकी देशों में पाई जाती है. यलो फीवर इन देशों में संक्रामक रोग माना जाता है, जो तीव्र गति से लोगों में फैलता है. इस रोग का कारण एक सूक्ष्म विषाणु है, जोकि ईडीस ईजिप्टिआइ मच्छर के काटने से होता है. इससे बचने के लिए सरकार ने इन देशों की यात्रा से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: कोरोना के चलते देश में यलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो सकी. इसके चलते अब स्टॉक खत्म हो गया है. केजीएमयू समेत देशभर के सेंटरों पर वैक्सीनेशन ठप हो गया. लिहाजा, 43 देशों की यात्रा लोगों की फंस गई है.

दरअसल, अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों में यात्रा से पहले यलो फीवर का वैक्सीनेशन अनिवार्य होता है. इसके लिए देश में लखनऊ के केजीएमयू समेत 52 सेंटर बनाए गए हैं. वहीं, केजीएमयू को यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, नेपाल का नोडल सेंटर नामित किया गया. यहां सोमवार, गुरुवार, शनिवार को यलो फीवर का वैक्सीनेशन किया जाता है. वहीं, जनवरी से वैक्सीनेशन ठप है. इसलिए हजारों लोगों की विदेश यात्रा पर ब्रेक लग गया है.

डब्लूएचओ से केंद्र को नहीं मिली वैक्सीन

केजीएमयू के वैक्सीन सेंटर इंचार्ज व एसपीएम विभाग के अध्यक्ष डॉ. जमाल मसूद के मुताबिक यलो वैक्सीन दुनिया के तीन देशों में ही बनती है. यह देश निर्माण कर डब्लूएचओ को वैक्सीन देते हैं. डब्लूएचओ केंद्र सरकार को वैक्सीन देता है. इसके बाद केंद्र सरकार हिमाचल के कसौली की लैब में गुणवत्ता व मानकों की जांच करवाती है. यहां सही पाए जाने पर वैक्सीन सेंटरों को आपूर्ति की जाती है. वहीं, कोरोना की तीसरी लहर आने से डब्लूएचओ को ही वैक्सीन नहीं मिल सकी. जल्द आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है.

यहां यात्रा से पहले वैक्सीन जरूरी

नाइजीरिया, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका, अल्जीरिया, केन्या, इथोपिया, ट्यूनेशिया, घाना, सुडान, लीबिया, युगांडा समेत आदि अफ्रीकी व सेंट्रल-साउथ अमेरिकी देशों की यात्रा से पहले संबंधित सेंटरों पर यलो फीवर की वैक्सीन लगवाना जरूरी है. सेंटर से जारी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने पर ही आपको इन देशों की यात्रा करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. एयरपोर्ट पर यह चेक किया जाता है, ताकि यात्रा कर रहें व्यक्ति को किसी प्रकार से यलो फीवर जैसी बीमारी के चपेट में न आ सकें.

यह भी पढ़ें: शुक्रवार सुबह मिले कोरोना के 10,200 नए मामले, पढे़ं 10 बड़ी खबरें

ये है यलो फीवर

यलो फीवर (पीत ज्वर) की समस्या कर्क व मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीकी, अमेरिकी देशों में पाई जाती है. यलो फीवर इन देशों में संक्रामक रोग माना जाता है, जो तीव्र गति से लोगों में फैलता है. इस रोग का कारण एक सूक्ष्म विषाणु है, जोकि ईडीस ईजिप्टिआइ मच्छर के काटने से होता है. इससे बचने के लिए सरकार ने इन देशों की यात्रा से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.