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तीसरी वेब के खतरे के बीच नर्सरी के बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस शुरू, जानिए क्या हैं दावे

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी वेब को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से बार-बार टिप्पणियां की जा रही हैं. ऐसे माहौल में भी अब लखनऊ में बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश एवं प्रीस्कूल्स एसोसिएशन की सहमति के बाद सोमवार को कई स्कूलों में नर्सरी, केजी बच्चों को बुला लिया गया.

ऑफलाइन क्लासेस शुरू
ऑफलाइन क्लासेस शुरू
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Published : Sep 13, 2021, 9:56 AM IST

Updated : Sep 13, 2021, 11:34 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी वेब को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से बार-बार टिप्पणियां की जा रही हैं. ऐसे माहौल में भी अब लखनऊ में नर्सरी, केजी के छोटे बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश एवं प्रीस्कूल्स एसोसिएशन की सहमति के बाद सोमवार को कई स्कूलों में बच्चों को बुला लिया गया. सिटी मोंटेसरी स्कूल प्रशासन पहले ही नर्सरी, केजी जैसी छोटी कक्षाओं के बच्चों को ऑफलाइन क्लासेस के लिए बुला रहा है.

इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए 15 सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया है. वहीं, कई बड़े स्कूलों के बारे में प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की इस घोषणा को लेकर अभिभावकों में काफी नाराजगी है. वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है. अभिभावकों का कहना है कि छोटे बच्चों के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर पाना भी संभव नहीं होगा.

स्कूल एसोसिएशन के दावे

अभिभावकों की सहमति के आधार पर प्रारंभ किया जाएगा, क्योंकि प्री-स्कूल्स किसी भी शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग कक्षा 1 से 8 तक अपने आदेश जारी करता है. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कक्षा 9 से 12 तक पूर्व में भी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया. कभी भी प्रीस्कूल्स के लिए कोई भी आदेश अलग से नहीं आया. एसोसिएशन के सभी मेंबर्स को उसके द्वारा यह तय किया गया है कि बच्चों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा. यूपी में प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) स्कूलों को एक सितंबर से खोल दिया गया है. शासन की ओर से 50 प्रतिशत छात्र संख्या तक ही बच्चों को बुलाने की छूट दी गई है.

सीएमएस में पहले से ही शुरू हो गईं कक्षाएं

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल प्रशासन की ओर से पिछले हफ्ते ही प्री प्राइमरी की कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया गया था. इसको लेकर अभिभावकों में नाराजगी है. अभिभावकों का कहना है कि प्री प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र कम है. इनके लिए कोविड प्रोटोकॉल जैसे नियमों का पालन कर पाना भी संभव नहीं है. इन हालातों में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल प्रशासन की ओर से छोटे बच्चों को ऑफलाइन कक्षाओं के लिए बुलाने का फरमान गलत है.

इसे भी पढ़ें: UP CORONA Update: सोमवार को मिले 8 नए मरीज, 177 सक्रिय मरीज

यह है आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सरकार का आदेश

प्रदेश भर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बीती 3 सितंबर को निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की ओर से आदेश जारी किया गया. इसमें कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदेश भर में संचालित सभी केंद्रों को 15 सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया. यह आदेश सभी जिलों में लागू होना है. साफ लिखा है कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी वेब को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से बार-बार टिप्पणियां की जा रही हैं. ऐसे माहौल में भी अब लखनऊ में नर्सरी, केजी के छोटे बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश एवं प्रीस्कूल्स एसोसिएशन की सहमति के बाद सोमवार को कई स्कूलों में बच्चों को बुला लिया गया. सिटी मोंटेसरी स्कूल प्रशासन पहले ही नर्सरी, केजी जैसी छोटी कक्षाओं के बच्चों को ऑफलाइन क्लासेस के लिए बुला रहा है.

इस मुद्दे पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए 15 सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया है. वहीं, कई बड़े स्कूलों के बारे में प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की इस घोषणा को लेकर अभिभावकों में काफी नाराजगी है. वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है. अभिभावकों का कहना है कि छोटे बच्चों के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर पाना भी संभव नहीं होगा.

स्कूल एसोसिएशन के दावे

अभिभावकों की सहमति के आधार पर प्रारंभ किया जाएगा, क्योंकि प्री-स्कूल्स किसी भी शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत नहीं आते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग कक्षा 1 से 8 तक अपने आदेश जारी करता है. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कक्षा 9 से 12 तक पूर्व में भी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया. कभी भी प्रीस्कूल्स के लिए कोई भी आदेश अलग से नहीं आया. एसोसिएशन के सभी मेंबर्स को उसके द्वारा यह तय किया गया है कि बच्चों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा. यूपी में प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) स्कूलों को एक सितंबर से खोल दिया गया है. शासन की ओर से 50 प्रतिशत छात्र संख्या तक ही बच्चों को बुलाने की छूट दी गई है.

सीएमएस में पहले से ही शुरू हो गईं कक्षाएं

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल प्रशासन की ओर से पिछले हफ्ते ही प्री प्राइमरी की कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया गया था. इसको लेकर अभिभावकों में नाराजगी है. अभिभावकों का कहना है कि प्री प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र कम है. इनके लिए कोविड प्रोटोकॉल जैसे नियमों का पालन कर पाना भी संभव नहीं है. इन हालातों में सिटी मॉन्टेसरी स्कूल प्रशासन की ओर से छोटे बच्चों को ऑफलाइन कक्षाओं के लिए बुलाने का फरमान गलत है.

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यह है आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सरकार का आदेश

प्रदेश भर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बीती 3 सितंबर को निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की ओर से आदेश जारी किया गया. इसमें कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदेश भर में संचालित सभी केंद्रों को 15 सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया. यह आदेश सभी जिलों में लागू होना है. साफ लिखा है कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है.

Last Updated : Sep 13, 2021, 11:34 AM IST
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