लखनऊ: यूपी में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. शनिवार सुबह 9 हजार नए केस पाए गए. फ़ाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी. वहीं मरीज़ों की रिकवरी रेट घटकर 94 फीसद रह गई. उधर, पहले जहां बाहर से आने वाले पॉजिटिव यात्रियों का जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट कराया जाता था, वहीं अब केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कोरोना के हर भर्ती मरीज का जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा.
यूपी में शुक्रवार को 2 लाख 54 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 16,016 नए मरीज़ों में कोरोना की पुष्टि हुई. इतने केस एक दिन में मई में मिले थे. इस दौरान 3 मरीजों की जान चली गई. वहीं 2554 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 58 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया।.
अब तक 300 ओमीक्रोन के मरीज
17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 300 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा।.ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.
84 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हुए
राज्य में एक्टिव केस की संख्या 84, 440 हो गई. इसमें 82 हजार 412 होमआइसोलेशन में हैं. सरकार की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.