लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सभी विकल्पों पर विचार कर रही है. पार्टी एक तरफ जहां पूरे देश में सभी विपक्षी दलों को एक करके केंद्र केंद्र की महागठबंधन बनाने की तैयारी कर रही. वहीं दूसरी तरफ पार्टी उत्तर प्रदेश में गठबंधन न होने की स्थिति में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में भी है. इसी कड़ी में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विकल्पों पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में पार्टी ने प्रदेश में दलित और मुसलमानों के गठजोड़ के आधार पर लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है. पार्टी ने इसके लिए बड़े मुस्लिम चेहरों पर अभी से विचार करना शुरू कर दिया है. साथ ही उनसे संपर्क स्थापित भी किया जा रहा है. पार्टी की ओर से कोशिश हो रही है कि अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व बसपा से किसी भी तरह की गठबंधन नहीं होता है तो पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में उस समय मजबूत दावेदारी पेश हो इसके लिए अपने समीकरण के अनुसार तैयारी शुरू कर दी है.
पश्चिम यूपी के दो बड़े मुस्लिम चेहरों से संपर्क
लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है. कांग्रेस की तरफ से महागठबंधन में उत्तर प्रदेश की दोनों मुख्य विपक्षी पार्टियां समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी को लाने की पुरजोर कोशिश हो रही है. 23 जून को हुए पटना में महागठबंधन की बैठक में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव तो शामिल हुए, पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती इस से दूर रहीं. कांग्रेस पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर मायावती विपक्ष के महागठबंधन में शामिल नहीं होती हैं तो कांग्रेस उनके पार्टी के नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने की पुरजोर कोशिश कर रही है.
निकाय चुनाव के परिणाम से उत्साहित है कांग्रेस
बीते महीने हुए नगर निकाय के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव इस बार कांग्रेस की तरफ देखने को मिला है. इसका असर पार्टी को चार नगर निगम में मेयर सीट पर देखने को मिला. जहां पार्टी चौथे पायदान पर होती थी वहां पार्टी दूसरे नंबर पर पहुंच गई है. प्रदर्शन कांग्रेस के लिए बीते दो नगर निगम चुनाव में अब तक का बेहतर प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि इस बार के नगर निकाय के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने अपनी रुचि कांग्रेस में दिखाई है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को पूरा समर्थन दे सकता है. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले पहले नागरिक एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद शमीम खान में अपने पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया. अपनी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे. एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष सहित सैकड़ों कार्यकर्ता भी बीते दिनों कांग्रेस की सदस्यता ले चुके हैं.
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