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...इन चुनौतियों से होगा UP कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी का सामना - प्रियंका गांधी बनी यूपी कांग्रेस की प्रभारी

प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है, ऐसे में उनके सामने चुनौतियां कम नहीं हैं. पार्टी को बूथ स्तर पर फिर से खड़ा करना और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट करना, ये प्रियंका के सामने प्रमुख चुनौती होगी.

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Published : Jul 14, 2019, 5:19 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद यूपी प्रभारी के रूप में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं.

जानकारी देते संवाददाता.

क्या 2022 में चलेगा प्रियंका का जादू-

  • प्रियंका गांधी को मिशन 2022 फतह करने के लिए कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है.
  • प्रियंका गांधी को पूरे यूपी का प्रभारी बनाया गया है.
  • अभी तक प्रियंका गांधी केवल पूर्वी यूपी की प्रभारी थीं.
  • पूरे यूपी का प्रभार मिलने के बाद प्रियंका पर जिम्मेदारी बढ़ गई है.
  • प्रियंका गांधी को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
  • प्रियंका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2022 में यूपी का विधानसभा चुनाव है.

प्रदेश में कांग्रेस के किले को फिर से खड़ा करना
यूपी में प्रियंका गांधी के सामने पहली सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस पार्टी के ढह चुके किले को फिर से खड़ा करना है. 2014 लोकसभा चुनाव से कांग्रेस यूपी से खत्म होती जा रही है. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में दो सीटें मिली थी. वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में केवल सात सीटों से ही संतोष करना पड़ा. कांग्रेस की सबसे बड़ी फजीहत तो 2019 लोकसभा चुनाव में हुई, जहां पार्टी को केलव एक सीट पर जीत हासिल हुई.

बूथ स्तर पर खड़ा करना होगा संगठन
जिला मंडल और बूथ स्तर पर कांग्रेस को खड़ा करने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर होगी. इन दोनों स्तर पर कांग्रेस खत्म हो चुकी है. जिला मंडल और बूथ स्तर पर कांग्रेस को खड़ा कर पाना प्रियंका गांधी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बूथ स्तर पर कांग्रेस के खत्म होने के कारण ही शायद अन्य पार्टियों ने इसका फायदा उठाया. प्रियंका गांधी के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को एकजुट करना भी बड़ी चुनौती है.

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद यूपी प्रभारी के रूप में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह कोई खास कमाल नहीं दिखा पाईं.

जानकारी देते संवाददाता.

क्या 2022 में चलेगा प्रियंका का जादू-

  • प्रियंका गांधी को मिशन 2022 फतह करने के लिए कांग्रेस ने बड़ी जिम्मेदारी दी है.
  • प्रियंका गांधी को पूरे यूपी का प्रभारी बनाया गया है.
  • अभी तक प्रियंका गांधी केवल पूर्वी यूपी की प्रभारी थीं.
  • पूरे यूपी का प्रभार मिलने के बाद प्रियंका पर जिम्मेदारी बढ़ गई है.
  • प्रियंका गांधी को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
  • प्रियंका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2022 में यूपी का विधानसभा चुनाव है.

प्रदेश में कांग्रेस के किले को फिर से खड़ा करना
यूपी में प्रियंका गांधी के सामने पहली सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस पार्टी के ढह चुके किले को फिर से खड़ा करना है. 2014 लोकसभा चुनाव से कांग्रेस यूपी से खत्म होती जा रही है. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में दो सीटें मिली थी. वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में केवल सात सीटों से ही संतोष करना पड़ा. कांग्रेस की सबसे बड़ी फजीहत तो 2019 लोकसभा चुनाव में हुई, जहां पार्टी को केलव एक सीट पर जीत हासिल हुई.

बूथ स्तर पर खड़ा करना होगा संगठन
जिला मंडल और बूथ स्तर पर कांग्रेस को खड़ा करने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर होगी. इन दोनों स्तर पर कांग्रेस खत्म हो चुकी है. जिला मंडल और बूथ स्तर पर कांग्रेस को खड़ा कर पाना प्रियंका गांधी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बूथ स्तर पर कांग्रेस के खत्म होने के कारण ही शायद अन्य पार्टियों ने इसका फायदा उठाया. प्रियंका गांधी के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को एकजुट करना भी बड़ी चुनौती है.

Intro:एंकर
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई। अब प्रियंका गांधी को कांग्रेस का यूपी प्रभारी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था लेकिन अब पूरे यूपी की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को दी गई है।


Body:वीओ
प्रियंका गांधी को मिशन 2022 फतह करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई लेकिन प्रियंका गांधी के सामने प्रभारी के रूप में काम करते हुए तमाम चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा मुख्य रूप से उनका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यूपी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट करना और पार्टी के सोए हुए सुस्त कार्यकर्ताओं को सक्रिय करके के संगठन निर्माण करना है।
जिला मंडल और बूथ स्तर पर कांग्रेस को खड़े करने की बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन भी ठीक ढंग से कर पाना प्रियंका गांधी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब पार्टी विधानसभा चुनाव को फोकस करते हुए प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी है जिससे चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सके।




Conclusion:2022 के चुनाव को केंद्रित करते हुए कांग्रेस पार्टी अब प्रियंका गांधी को जिम्मेदारी दी है। जिससे कांग्रेस को मजबूत किया जा सके और कांग्रेस पार्टी के संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करके कांगरे संगठन का बेहतर निर्माण और पार्टी को विधानसभा चुनाव में अच्छी जीत हासिल हो सके लेकिन इस सबके बावजूद प्रियंका गांधी के सामने कांग्रेस पार्टी को खाली करना और कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का जगह पर एकजुट करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

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