लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी सरकार पर झूठ बोलने व जनता को धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में बीजेपी सरकार नाकाम साबित हुई है. योगी सरकार महामारी की विकरालता और जनमानस की समस्याओं को दरकिनार करते हुए सच का सामना करने के स्थान पर झूठ, भ्रम की राजनीति से संवेदनहीनता का परिचय दे रही है. एक वर्ष तक टीम इलेवन का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार मौजूदा समय मे टीम-9 का एक नया शिगूफा छोड़ रही है. बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू, नेबूलाइजर, बायपिक मशीनों की व्यवस्था करने में सरकार पूरी तरह असमर्थ है.
केजीएमयू में सिर्फ 765 बेड पर ही भर्ती क्यों
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनपद गोरखपुर व प्रधानमंत्री के संसदीय इलाके सहित राजधानी लखनऊ की स्थिति दयनीय है. रेफरल पर्ची के नाम पर जटिल प्रक्रिया से मरीजों व परिवार जनों का उत्पीड़न किया जा रहा है. राज्य में बेडों की पर्याप्त व्यवस्था व जांच केंद्र का दावा करने वाली सरकार के मुखिया व उनकी जिम्मेदार टीम यह बताए की केजीएमयू को कोविड फेसिलिटी हॉस्पिटल बनाने की घोषणा के बाद उसके 4,500 बेड में मात्र 765 बेडों पर कोरोना पेशेंट हैं. बाकी बेड पर कोरोना पेशेंट क्यों नही भर्ती किये जा रहे हैं.
इन जिलों के मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजधानी लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, अमेठी सहित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को डब्लूएचओ की गाइडलाइन के हिसाब से आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं व पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन क्यों उपलब्ध नहीं हो रही है. मेडिकल कालेजों व अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स खुद कह रहे है कि दवाएं व ऑक्सीजन की उपलब्धता करने में सरकार असफल हो चुकी है. मरीजों के परिजन ब्लैक में ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को विवश हैं. संकट के इस समय मे कांग्रेस अपनी सकारात्मक भूमिका के साथ सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की बदतर हालत सुधारने व मरीजों के जीवन को बचाने की गुहार करती रहेगी. यही नहीं सरकार के झूठ व झूठे आंकड़ों को जनता के सामने लाकर उसके नकारेपन को भी उजागर करेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष का डीएम, सीएमओ ने नहीं उठाया फोन
एक मरीज को भर्ती कराने के लिए यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश को फोन मिलाते रहे. उनके फोन पर रिंग भी पूरी गई, लेकिन जिलाधिकारी ने प्रदेश अध्यक्ष का फोन ही नहीं उठाया. इसके बाद उन्होंने लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी दो बार फोन किया. लेकिन उनका नंबर ही कवरेज क्षेत्र से बाहर था. नाराजगी जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जब संवैधानिक पद पर बैठे एक विधायक का यह अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं तो जनता की स्थिति अपने आप समझी जा सकती है.
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