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चीनी कंपनियां यूपी में सरकारी प्रोजेक्ट में नहीं डाल सकेंगी टेंडर - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी टेंडर के लिए चीन के दरवाजे बंद कर दिए हैं.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री .
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Published : Sep 5, 2020, 5:37 PM IST

लखनऊ: भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने चीनी कंपनियों से किनारा करने का निर्णय लिया है. सरकारी विभागों के किसी भी प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां टेंडर नहीं डाल सकेंगी. इसके लिए सभी विभागों को निर्देशित कर दिया गया है.

मुख्य बिंदु

  • भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सीएम योगी का बड़ा फैसला.
  • यूपी के किसी सरकारी प्रॉजेक्ट में टेंडर नहीं डाल सकेंगी चीनी फर्म.
  • आदेश में चीन के साथ सात देशों का जिक्र.
  • राज्य के सभी विभागों को निर्देशित किया गया.


चीनी फर्म पर रोक लगाने के लिए सभी विभागों को आदेश जारी किया गया है. अब चीन की कोई भी कंपनी सीधे यूपी की किसी सरकारी ठेके में टेंडर नहीं डाल पाएंगी. इस मामले में जल्द ही एक प्राधिकरण का गठन भी किया जाएगा. यूपी में टेंडर डालने वाली सभी कंपनियों को प्राधिकरण में पंजीकरण भी करवाना होगा.

यह प्राधिकरण कंपनियों के बारे से सारी जानकारी एकत्र करेगी. अब प्रदेश के सरकारी प्रोजेक्ट में काम करने वाली सभी कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी प्राधिकरण के माध्यम से सरकार के पास होगी. इससे ऐसी कंपनियां प्रदेश में सरकारी ठेकों के लिए टेंडर नहीं डाल सकेंगी, जिन्हें सरकार रोकना चाहती है.

चीनी कंपनियां नहीं डाल सकेंगी टेंडर
इस आदेश में चीन के साथ ही पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, समेत सात देशों का जिक्र किया गया है. दरअसल, इन पड़ोसी सात देशों में से चीन ही एक ऐसा देश है, जो भारत में प्रमुखता से कई क्षेत्रों में काम करता है. वहां की ही कंपनियां भारत में ठेके के लिए टेंडर भी डालती हैं. केंद्र सरकार ने पहले यह निर्णय लिया था, उसके बाद अब राज्यों ने भी यह फैसला लेना शुरू किया है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी यह कदम उठाया है. सरकार के इस कदम के बाद उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियां टेंडर नहीं डाल सकेंगी.

लखनऊ: भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने चीनी कंपनियों से किनारा करने का निर्णय लिया है. सरकारी विभागों के किसी भी प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां टेंडर नहीं डाल सकेंगी. इसके लिए सभी विभागों को निर्देशित कर दिया गया है.

मुख्य बिंदु

  • भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सीएम योगी का बड़ा फैसला.
  • यूपी के किसी सरकारी प्रॉजेक्ट में टेंडर नहीं डाल सकेंगी चीनी फर्म.
  • आदेश में चीन के साथ सात देशों का जिक्र.
  • राज्य के सभी विभागों को निर्देशित किया गया.


चीनी फर्म पर रोक लगाने के लिए सभी विभागों को आदेश जारी किया गया है. अब चीन की कोई भी कंपनी सीधे यूपी की किसी सरकारी ठेके में टेंडर नहीं डाल पाएंगी. इस मामले में जल्द ही एक प्राधिकरण का गठन भी किया जाएगा. यूपी में टेंडर डालने वाली सभी कंपनियों को प्राधिकरण में पंजीकरण भी करवाना होगा.

यह प्राधिकरण कंपनियों के बारे से सारी जानकारी एकत्र करेगी. अब प्रदेश के सरकारी प्रोजेक्ट में काम करने वाली सभी कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी प्राधिकरण के माध्यम से सरकार के पास होगी. इससे ऐसी कंपनियां प्रदेश में सरकारी ठेकों के लिए टेंडर नहीं डाल सकेंगी, जिन्हें सरकार रोकना चाहती है.

चीनी कंपनियां नहीं डाल सकेंगी टेंडर
इस आदेश में चीन के साथ ही पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, समेत सात देशों का जिक्र किया गया है. दरअसल, इन पड़ोसी सात देशों में से चीन ही एक ऐसा देश है, जो भारत में प्रमुखता से कई क्षेत्रों में काम करता है. वहां की ही कंपनियां भारत में ठेके के लिए टेंडर भी डालती हैं. केंद्र सरकार ने पहले यह निर्णय लिया था, उसके बाद अब राज्यों ने भी यह फैसला लेना शुरू किया है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी यह कदम उठाया है. सरकार के इस कदम के बाद उत्तर प्रदेश में चीनी कंपनियां टेंडर नहीं डाल सकेंगी.

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