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बड़ी से बड़ी विरोधी लहर भी नहीं हिला पाई लखनऊ इन पार्षदों की कुर्सी, जानिए जीत का फार्मूला

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Published : Apr 28, 2023, 5:36 PM IST

लखनऊ के निकाय चुनाव में दिग्गज पार्षद एक बार फिर मैदान में हैं. कोई सरकार और किसी पार्टी की लहर हो लखनऊ के इन पार्षदों की जीत में कोई बाधा नहीं आती है. विपक्षी दल हर बार नए नए हथकंडे अपनाकर इन्हें मात देने की कोशिश करती है, लेकिन जनता अपने वोट इन्हीं की झोली में डालती रही है. जानिए कौन हैं लखनऊ के अजेय पार्षद और क्या है इनकी जीत का असली फलसफा.

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ के कई ऐसे पार्षद हैं जो अनेक विरोधी लहर के बावजूद हारते नहीं हैं. इस्माइल गंज वार्ड के मुकेश सिंह चौहान, कांग्रेस की ममता चौधरी, यदुनाथ सान्याल वार्ड से यावर हुसैन रेशू और चौक वार्ड से दिवंगत रमेश कपूर बाबा ने कभी हार का सामना ही नहीं किया. क्या है इन पार्षदों की जीत का समीकरण. किस फार्मूले पर काम करते हैं. विपक्षियों के लिए हमेशा यह बड़ा सवाल रहा है, लेकिन इन नेताओं का स्पष्ट कहना है कि अपने वार्ड में लगातार काम करवाना और जनता के बीच रहना यही उनकी जीत का फलसफा है.

समाजवादी पार्टी के यावर हुसैन रेशू पांच बार से पार्षद हैं. इसी तरह से सपा के ही कामरान बेग, भाजपा के नागेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा के मुन्ना मिश्रा, कांग्रेस की ममता चौधरी, कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान, समाजवादी पार्टी के शफीक उर रहमान चचा, कांग्रेस से अब भाजपा में आए गिरीश मिश्रा और कांग्रेस से समाजवादी पार्टी में आए प्रदीप कन्नौजिया लखनऊ शहर में इस बात की मिसाल हैं कि वे किसी भी पार्टी में रहें और कितनी भी विरोधी लहर हो उनकी जीत सुनिश्चित होती है. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भले ही उनके इलाके में किसी पार्टी विशेष का जलवा कायम हो, लेकिन बात जब पार्षद के चुनाव की आती है तो जनता उन्हीं को याद करती है.

कैसरबाग में जगदीश चंद्र बोस वार्ड से छह बार के पार्षद यावर हुसैन रेशू ने बताया कि मेरा कार्यालय रोजाना शाम 7 से 9 बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहता है. कोई छुट्टी हो, कैसा मौसम हो या बड़े से बड़ा त्यौहार हो यावर हुसैन रिशु अपनी जनता के लिए रोज मौजूद रहते हैं. लोगों के काम करा कर ही मैंने जीत हासिल की है. हर वर्ग का वोट मुझे मिलता रहा है. इसी तरह से इस्माइल गंज क्षेत्र में लगातार जीत का परचम लहरा रहे कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान बताते हैं कि मेरी पार्टी का सहयोग तो मेरे साथ रहा ही है, लेकिन जनता ने भी मुझे कभी भी नहीं नकारा. अपने क्षेत्र में बिना भेदभाव के लगातार हर व्यक्ति का काम करा कर मैंने जनता के दिलों में जगह बनाई है. जिसका परिणाम है कि मुझे जीत मिलती रही है.

कांग्रेस पार्टी से ममता चौधरी ने पार्षद रहते हुए जो काम दिखाया है उसी का परिणाम है कि पार्टी ने उनको महिला मोर्चा में बहुत ऊंचा स्थान दिया है. यह पार्टी का प्रदेश भर में चेहरा बन चुकी हैं. क्षेत्र में उनकी पहचान जुझारू महिला के तौर पर है. वह बताती हैं कि सदन से सड़क तक संघर्ष करने में पीछे नहीं रहीं. जिसकी वजह से जनता ने हमेशा मेरा साथ दिया है. कभी कांग्रेस में रहे नागेंद्र सिंह चौहान अब भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं. उन्होंने लगातार जीत का चेहरा ही देखा है. उन्होंने भी रोजाना अपने दफ्तर में जनता की सुनवाई की है. मौके पर पहुंचकर काम कराना उनकी आदत में शुमार रहा है. लोगों के काम कराने से कभी पीछे नहीं हटे. दफ्तरों में खुद पहुंचकर आम लोगों की समस्याएं उठाईं और उनके काम कराए. इसका नतीजा है कि लगातार जीत मिली.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के कई ऐसे पार्षद हैं जो अनेक विरोधी लहर के बावजूद हारते नहीं हैं. इस्माइल गंज वार्ड के मुकेश सिंह चौहान, कांग्रेस की ममता चौधरी, यदुनाथ सान्याल वार्ड से यावर हुसैन रेशू और चौक वार्ड से दिवंगत रमेश कपूर बाबा ने कभी हार का सामना ही नहीं किया. क्या है इन पार्षदों की जीत का समीकरण. किस फार्मूले पर काम करते हैं. विपक्षियों के लिए हमेशा यह बड़ा सवाल रहा है, लेकिन इन नेताओं का स्पष्ट कहना है कि अपने वार्ड में लगातार काम करवाना और जनता के बीच रहना यही उनकी जीत का फलसफा है.

समाजवादी पार्टी के यावर हुसैन रेशू पांच बार से पार्षद हैं. इसी तरह से सपा के ही कामरान बेग, भाजपा के नागेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा के मुन्ना मिश्रा, कांग्रेस की ममता चौधरी, कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान, समाजवादी पार्टी के शफीक उर रहमान चचा, कांग्रेस से अब भाजपा में आए गिरीश मिश्रा और कांग्रेस से समाजवादी पार्टी में आए प्रदीप कन्नौजिया लखनऊ शहर में इस बात की मिसाल हैं कि वे किसी भी पार्टी में रहें और कितनी भी विरोधी लहर हो उनकी जीत सुनिश्चित होती है. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भले ही उनके इलाके में किसी पार्टी विशेष का जलवा कायम हो, लेकिन बात जब पार्षद के चुनाव की आती है तो जनता उन्हीं को याद करती है.

कैसरबाग में जगदीश चंद्र बोस वार्ड से छह बार के पार्षद यावर हुसैन रेशू ने बताया कि मेरा कार्यालय रोजाना शाम 7 से 9 बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहता है. कोई छुट्टी हो, कैसा मौसम हो या बड़े से बड़ा त्यौहार हो यावर हुसैन रिशु अपनी जनता के लिए रोज मौजूद रहते हैं. लोगों के काम करा कर ही मैंने जीत हासिल की है. हर वर्ग का वोट मुझे मिलता रहा है. इसी तरह से इस्माइल गंज क्षेत्र में लगातार जीत का परचम लहरा रहे कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान बताते हैं कि मेरी पार्टी का सहयोग तो मेरे साथ रहा ही है, लेकिन जनता ने भी मुझे कभी भी नहीं नकारा. अपने क्षेत्र में बिना भेदभाव के लगातार हर व्यक्ति का काम करा कर मैंने जनता के दिलों में जगह बनाई है. जिसका परिणाम है कि मुझे जीत मिलती रही है.

कांग्रेस पार्टी से ममता चौधरी ने पार्षद रहते हुए जो काम दिखाया है उसी का परिणाम है कि पार्टी ने उनको महिला मोर्चा में बहुत ऊंचा स्थान दिया है. यह पार्टी का प्रदेश भर में चेहरा बन चुकी हैं. क्षेत्र में उनकी पहचान जुझारू महिला के तौर पर है. वह बताती हैं कि सदन से सड़क तक संघर्ष करने में पीछे नहीं रहीं. जिसकी वजह से जनता ने हमेशा मेरा साथ दिया है. कभी कांग्रेस में रहे नागेंद्र सिंह चौहान अब भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हैं. उन्होंने लगातार जीत का चेहरा ही देखा है. उन्होंने भी रोजाना अपने दफ्तर में जनता की सुनवाई की है. मौके पर पहुंचकर काम कराना उनकी आदत में शुमार रहा है. लोगों के काम कराने से कभी पीछे नहीं हटे. दफ्तरों में खुद पहुंचकर आम लोगों की समस्याएं उठाईं और उनके काम कराए. इसका नतीजा है कि लगातार जीत मिली.

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