लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कल विधानसभा में अपना बजट पेश करेगी. इस बजट से प्रदेशवासियों को काफी उम्मीदें हैं. प्रदेश सरकार ने जो एक ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य तय कर रखा है उसे प्राप्त करने में भी यह बजट अहम भूमिका निभाएगा. सरकार की लगातार कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा दिया जाए जिससे एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त किया जा सके. उत्तर प्रदेश सरकार एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य के सापेक्ष कहां तक पहुंची है इसके बारे में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एपी तिवारी का मानना है कि सरकार की कोशिश जारी है. तमाम प्रयास किए जा रहे हैं जो इस लक्ष्य को पाने के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं.
अर्थशास्त्री अंबिका प्रसाद तिवारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अपनी आर्थिक नीतियों में जो सकारात्मक बदलाव लाए हैं जो ईज आफ डूइंग बिजनेस को बेहतर किया है. इसके साथ ही साथ निवेश को आकर्षित करने के लिए निवेश मित्र, निवेश सारथी पोर्टल है तो कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि जो अभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुआ उसमें निवेश का लक्ष्य रखा गया 10 लाख करोड़ रुपये के बराबर हासिल करने का, लेकिन यह धनराशि 33 लाख करोड़ रुपये को भी पार कर गई है. मेरा मानना है कि सरकार जबसे काम कर रही है तबसे आर्थिक नीतियों में बदलाव आया है. कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखना, ये कह सकते हैं कि कानून व्यवस्था की बेहतरी की वजह से और आर्थिक नीतियों में अनुकूल बदलाव के चलते अब निवेश कर्ता उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए तैयार हैं. योगी सरकार की तरफ से इसके पहले ओडीओपी स्कीम लाई गई. साथ ही एमएसपी सेक्टर को भी तरजीह दी गई. कुल मिलाकर लक्ष्य था कि जिस तरह कोविड प्रबंधन किया गया उत्तर प्रदेश में, पूरी दुनिया के लिए कह सकते हैं वह विचार का विषय बन गया. किस तरह सुशासन के चलते एक बेहतर अर्थव्यवस्था का मैनेजमेंट उत्तर प्रदेश के स्तर पर हुआ है.
मेरा मानना है कि अगर जैसी स्थितियां दिख रही हैं उसमें एक ट्रिलियन डॉलर के बराबर का जो हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बनाने का है. उसको हासिल करने में अब सुगमता होगी. विशेष तौर पर तब जब साढ़े 33 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव निवेश का आया है. इसको जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा. इसको लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं. इसको सुगम बनाया जाए. नौकरशाही को चुस्त-दुरुस्त बनाते हुए उसको सक्रिय करते हुए इस निवेश को धरती पर लाया जाए. अर्थशास्त्री एपी तिवारी का कहना है कि मैं समझता हूं कि सरकार की जो कोशिश है उसी कोशिश के तौर पर जो बजट आने जा रहा है ये सात लाख करोड़ के बराबर का बजट हो सकता है. यह बात है कि यूपी की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर की बनती है तभी भारत की अर्थव्यवस्था का जो पांच ट्रिलियन का लक्ष्य है उसे प्राप्त करने में सुगमता होगी.
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