लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब 25 लाख छात्रों ने यूपी बोर्ड हाईस्कूल (UP board high school) की परीक्षा दी थी. अब छात्र को जहां एक तरफ रिजल्ट को लेकर उत्साहित हैं वहीं, दूसरी तरफ 10वीं के बाद कौनसा विषय चुनें इसको लेकर छात्र टेंशन में हैं. छात्रों को यह समझने में कंफ्यूजन रहता है कि 11वीं में विषयों का चयन कैसे करें. ईटीवी भारत की टीम ने स्टूडेंट्स के इन सवालों के जवाब जानने के लिए करियर काउंसलर (specialist career counselor) डॉ. अमृता दास से खास बातचीत की है.
इंस्टीट्यूट ऑफ करियर स्टडीज (institute of career studies) की चेयरपर्सन और विशेषज्ञ करियर काउंसलर डॉ. अमृता दास ने बताया कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (National education policy) के आने के बाद कई बदलाव किए गए हैं. आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स की सीमाओं को तोड़ दिया गया है. इसलिए, छात्रों को 10वीं के बाद वही विषय लेना चाहिए, जिसमें उनकी रुचि हो. उन्होंने आगे कहा कि करियर के लिए कुछ विषयों की अनिवार्यता होती है, जैसे इंजीनियरिंग के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और गणित लेना निर्धारित है. यह विषय मर्चेंट नेवी के लिए भी जरूरी हैं. मेडिकल के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी जरूरी है. चौथे विषय के रूप में आप कुछ भी ले सकते हैं.
छात्र कैसे करें सही सब्जेक्ट का सेलेक्शन: 12वीं के बाद बी.कॉम ऑनर्स की बात आती है, तो ज्यादातर कैम्पस में 12वीं में कॉमर्स के साथ मैथ्स जरूरी विषय होता है. वहीं, लॉ, मैनेजमेंट, मीडिया, हॉस्पिटैलिटी, आर्ट, डिजाइन, सिविल सर्विसेज जैसे क्षेत्र में किसी भी विषय को पढ़कर जा सकते हैं. डॉ. अमृता दास ने कहा कि छात्रों को स्ट्रीम्स पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए, नॉलेज सबसे जरूरी है. विकल्प आपके सामने है. ऐसे विकल्प चुने जो आपके लिए बेस्ट हो.
यह भी पढ़ें: Agneepath Protest: उपद्रवियों ने बस में लगाई आग, पुलिस की गाड़ी तोड़ी
वोकेशनल कोर्स भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं: क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज (Creative convent college) के चेयरमैन योगेन्द्र सचान ने बताया कि वोकेशनल कोर्स एक नए और बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहे हैं.छात्रों को सामान्य विषयों के साथ वोकेशनल की पढ़ाई भी कराई जाती है. इससे वह एक क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार हो जाते हैं. इसके बाद में डिग्री के स्तर पर भी स्पेशनल पाठ्यक्रम संचालित (Special courses conducted) किए जाते हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप