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UP बोर्ड नहीं तय कर पा रहा छात्रों के प्रमोशन का फार्मूला, मांगे गए 9वीं की वार्षिक परीक्षा के अंक - लखनऊ खबर

कोरोना के कारण विभिन्न शिक्षा बोर्ड के द्वारा दसवीं और बारहवीं की परिक्षाएं टाल दी गईं हैं. ये बोर्ड छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने की बात कह रहे हैं. इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भी दसवीं के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने की तैयारी तो शुरू कर दी है, लेकिन अब तक प्रमोट करने का आधार तय नहीं किया जा सका है.

UP बोर्ड नहीं तय कर पा रहा छात्रों के प्रमोशन का फार्मूला
UP बोर्ड नहीं तय कर पा रहा छात्रों के प्रमोशन का फार्मूला
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Published : May 19, 2021, 7:46 PM IST

लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दसवीं के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने की तैयारी तो शुरू कर दी है. हालांकि प्रमोशन के फार्मूले पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. बोर्ड अभी तक दसवीं के प्री बोर्ड परीक्षा और छमाही परीक्षा के अंक मांग रहा था. अब स्कूलों से नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों का ब्यौरा भी मांगा गया है. सभी स्कूलों को यह ब्यौरा उपलब्ध कराने के लिए 24 मई तक का समय दिया गया है.

सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला का पत्र.
सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला का पत्र.
यह निर्देश किए गए हैं जारी
सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला की ओर से बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए. इसके तहत, कक्षा 9 में 70 अंको की लिखित परीक्षा और 30 अंकों के प्रोजेक्ट वर्क की व्यवस्था है. सभी स्कूलों को अपने छात्र-छात्राओं के अंकों का ब्यौरा विषयवार पूर्णांक और प्राप्तांक के साथ उपलब्ध कराना होगा. किसी भी स्कूल के स्तर पर लापरवाही की जाने पर सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक की जिम्मेदारी तय होगी.
अभी तक यह जानकारियां मांगी गई थी
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दसवीं के सभी छात्र-छात्राओं के छमाही परीक्षा और प्री बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के बारे में जानकारी मांगी है. सभी स्कूलों को जल्द से जल्द सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. बता दें सिर्फ राजधानी में करीब 54,000 छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा की तैयारियों में जुटी हुई हैं. वहीं प्रदेश भर में यह संख्या करीब 27 लाख के आसपास है.
अधिनियम में नहीं है प्री बोर्ड की व्यवस्था
यूपी बोर्ड के अधिनियम में दसवीं क्लास में प्री बोर्ड परीक्षा जैसी कोई व्यवस्था ही नहीं है. जानकारों की मानें तो बोर्ड के स्तर पर पहले दसवीं के प्री बोर्ड परीक्षाओं को भी आधार बनाया जा रहा था, लेकिन अधिनियम में व्यवस्था ना होने के कारण ही 9वीं के अंकों को इसमें शामिल किया गया है.
अब सीआईएससी के फार्मूले पर चला बोर्ड

कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से लेकर सीआईएससी तक ने अपनी दसवीं की परीक्षाओं को इस साल स्थगित कर दिया. परीक्षाएं कराने के स्थान पर दोनों ही शिक्षा बोर्ड अपने अपने स्तर पर फार्मूला लेकर आए हैं.

सीबीएसई ने अपने दसवीं के छात्र छात्राओं को प्रमोट करने के लिए विद्यालय स्तर पर समिति का गठन किया है. यह समिति छात्र के साल भर किए प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही है. इसके अलावा बोर्ड ने अंको का विभाजन भी कर रखा है. जिसके हिसाब से अंतिम रूप से अंक बोर्ड को भेजे जाने हैं.
सीआईएससी ने आईसीएसई के बच्चों के मूल्यांकन के लिए नौवीं और दसवीं दोनों कक्षाओं में उनके प्रदर्शन को आधार बनाने का फैसला लिया है. काउंसिल ने अपने सभी स्कूलों को फार्मूला भेज दिया है. उसके आधार पर बच्चों के अंक उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दसवीं के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट करने की तैयारी तो शुरू कर दी है. हालांकि प्रमोशन के फार्मूले पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. बोर्ड अभी तक दसवीं के प्री बोर्ड परीक्षा और छमाही परीक्षा के अंक मांग रहा था. अब स्कूलों से नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों का ब्यौरा भी मांगा गया है. सभी स्कूलों को यह ब्यौरा उपलब्ध कराने के लिए 24 मई तक का समय दिया गया है.

सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला का पत्र.
सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला का पत्र.
यह निर्देश किए गए हैं जारी
सचिव माध्यमिक शिक्षा दिव्य कांत शुक्ला की ओर से बुधवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए. इसके तहत, कक्षा 9 में 70 अंको की लिखित परीक्षा और 30 अंकों के प्रोजेक्ट वर्क की व्यवस्था है. सभी स्कूलों को अपने छात्र-छात्राओं के अंकों का ब्यौरा विषयवार पूर्णांक और प्राप्तांक के साथ उपलब्ध कराना होगा. किसी भी स्कूल के स्तर पर लापरवाही की जाने पर सीधे जिला विद्यालय निरीक्षक की जिम्मेदारी तय होगी.
अभी तक यह जानकारियां मांगी गई थी
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दसवीं के सभी छात्र-छात्राओं के छमाही परीक्षा और प्री बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के बारे में जानकारी मांगी है. सभी स्कूलों को जल्द से जल्द सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. बता दें सिर्फ राजधानी में करीब 54,000 छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा की तैयारियों में जुटी हुई हैं. वहीं प्रदेश भर में यह संख्या करीब 27 लाख के आसपास है.
अधिनियम में नहीं है प्री बोर्ड की व्यवस्था
यूपी बोर्ड के अधिनियम में दसवीं क्लास में प्री बोर्ड परीक्षा जैसी कोई व्यवस्था ही नहीं है. जानकारों की मानें तो बोर्ड के स्तर पर पहले दसवीं के प्री बोर्ड परीक्षाओं को भी आधार बनाया जा रहा था, लेकिन अधिनियम में व्यवस्था ना होने के कारण ही 9वीं के अंकों को इसमें शामिल किया गया है.
अब सीआईएससी के फार्मूले पर चला बोर्ड

कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से लेकर सीआईएससी तक ने अपनी दसवीं की परीक्षाओं को इस साल स्थगित कर दिया. परीक्षाएं कराने के स्थान पर दोनों ही शिक्षा बोर्ड अपने अपने स्तर पर फार्मूला लेकर आए हैं.

सीबीएसई ने अपने दसवीं के छात्र छात्राओं को प्रमोट करने के लिए विद्यालय स्तर पर समिति का गठन किया है. यह समिति छात्र के साल भर किए प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही है. इसके अलावा बोर्ड ने अंको का विभाजन भी कर रखा है. जिसके हिसाब से अंतिम रूप से अंक बोर्ड को भेजे जाने हैं.
सीआईएससी ने आईसीएसई के बच्चों के मूल्यांकन के लिए नौवीं और दसवीं दोनों कक्षाओं में उनके प्रदर्शन को आधार बनाने का फैसला लिया है. काउंसिल ने अपने सभी स्कूलों को फार्मूला भेज दिया है. उसके आधार पर बच्चों के अंक उपलब्ध कराने के लिए कहा है.

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