लखनऊ : सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया जा चुका है. इन हालातों में अब यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा 2021 को भी रद्द किए जाने की मांग उठने लगी है. माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया गया है. साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द परीक्षा रद्द करने के संबंध में आदेश जारी करने की अपील की गई है.
माध्यमिक शिक्षक संघ ने की सरकार से अपील
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉक्टर आरपी मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के चलते छात्र और अभिभावक दोनों तनाव में हैं. ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से होने वाली पढ़ाई बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला ले, और परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश जारी करे.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तरफ से 12वीं की परीक्षाएं इस साल के लिए रद्द करने का फैसला लिया गया है. बोर्ड पहले ही दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश जारी कर चुका है. परीक्षा रद्द करने के साथ ही बोर्ड की तरफ से छात्रों को विकल्प भी दिया गया है. ऐसे छात्र जो सरकार की प्रमोशन पॉलिसी से संतुष्ट नहीं है. माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार इसे लागू कर सकता है.
यह उत्तर प्रदेश में स्थिति
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यूपी बोर्ड दसवीं की परीक्षा 2021 को रद्द करने की घोषणा पहले की जा चुकी है. वहीं सरकार की ओर से जुलाई के मध्य में इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने की घोषणा की गई है. लेकिन सीबीएसई की ओर से बारहवीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले के बाद, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की ओर से बयान जारी किया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके 12वीं परीक्षा पर फैसला लिए जाने की बात कही है.
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छात्र और अभिभावक कर रहे स्थगित करने की मांग
वर्तमान में यूपी बोर्ड की ओर से जारी प्रारूप के मुताबिक 3 घंटे की परीक्षा को डेढ़ घंटे में कराने की बात कही गई है. अभी तक बोर्ड की तरफ से परीक्षा का कोई पैटर्न जारी नहीं किया गया है. मौजूदा हालातों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में करीब 27 लाख छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों की ओर से भी इस परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग उठाई जा रही है. शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि मौजूदा हालात में परीक्षा कराना ठीक नहीं होगा.