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भाजपा में मंत्री पद के लिए इंतजार कर रहे Cadre Leaders, आयातित नेताओं की बल्ले बल्ले - ETV Bharat Special

भारतीय जनता पार्टी में आयातित नेताओं को प्राइम पोस्टिंग देने की परंपरा से बेस कैडर वाले नेताओं और कार्यकर्ता (Cadre Leaders and Workers) को मुनासिब सम्मान नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि कई बार अंदरूनी उठा पटक देखने को मिलती है. हालांकि शीर्ष नेतृत्व फिर भी नजरअंदाज करता रहता है. ऐसे कई उदाहरण भी हैं. इस बार ओम प्रकाश राजभर को लेकर फिर चर्चा गरम है. देखें विस्तृत खबर.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2023, 11:06 AM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी में आयातित नेताओं को तत्काल मंत्री पद देने की परंपरा पुरानी हो गई है. जिस परंपरा में अब जल्द ही ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह जुड़ सकते हैं. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी 2017 से लगातार रीता जोशी बहुगुणा, ब्रजेश पाठक, जितिन प्रसाद, नितिन अग्रवाल ऐसे ही अनेक को पार्टी में शामिल कर चुकी है और तत्काल मंत्री पद से भी नवाजा. इसको लेकर पार्टी के कैडर बेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में रोष है. ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी लगातार बाहरी नेताओं को तवज्जो देती है. ऐसे में पुराने लोग किसी भी समीकरण में फिट ही नहीं हो रहे हैं. इस वजह से अन्याय बढ़ता जा रहा है.

मंत्री जितिन प्रसाद.
मंत्री जितिन प्रसाद.


यूपी में योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट के विस्तार की चर्चा गरम है. माना जा रहा है कि एनडीए गठबंधन में शामिल किए जा चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने अभी तक एनडीए के लिए कुछ नहीं किया है, मगर उनको मंत्री बनाए जाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. ओमप्रकाश राजभर 2017 में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री थे. कुछ समय बाद उनकी नाराजगी बढ़ने लगी और उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था. वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया और जहूराबाद सीट से चुनाव जीता, मगर सपा की हार हो गई. जैसे ही योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनी राजभर के सुर बदल गए और वे एक बार फिर से भाजपा के साथ आ गए. जिसके बाद उनको मंत्री बनाए जाने की भी चर्चा तेज हो गई है. इसको लगभग कन्फर्म माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट के मंत्री वे बन जाएंगे.

राजनीतिक विश्लेषक की राय.
राजनीतिक विश्लेषक की राय.

ब्रजेश पाठक : वर्ष 2017 के लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में प्रमुख नेता रहे ब्रजेश पाठक ने भाजपा ज्वाइन की थी. पाठक ने इसके बाद में विधानसभा चुनाव लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से लड़ा और बहुत कांटे के मुकाबले में सपा के रविदास मेहरोत्रा से जीते थे. उनको जीत के बाद तत्काल कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव में पाठक ने कैंट सीट से चुनाव लड़ा और जीता. जिसके बाद में उनको तरक्की देकर सीधे उप मुख्यमंत्री बना दिया गया.



रीता बहुगुणा जोशी : वर्ष 2017 के चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता जोशी बहुगुणा भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्होंने लखनऊ कैंट से जीत हासिल की. जिसके बाद सरकार बनते ही रीता को महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था. फिर 2019 में उनको प्रयागराज से सांसदी का टिकट दिया गया. वे फिर जीतीं. 2022 में रीता चाहती थीं कि उनके बेटे मयंक जोशी को कैंट से विधायक का टिकट दिलाना चाहती थीं. मगर इस इस सीट से उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को टिकट दे दिया गया तो मयंक जोशी सपा में शामिल हो गए.


स्वामी प्रसाद मौर्य : स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2017 में बसपा छोड़ कर भाजपा में आए. उन्होंने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. जिसके बाद उनको श्रम मंत्री बनाया गया. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में चले गए और विधानसभा चुनाव हारने के बाद सपा ने उनको एमएलसी बना दिया.

यह भी पढ़ें : यूपी भाजपा में 15 से पहले बदले जाएंगे संगठन और सरकार के बड़े चेहरे, जानिए इसके पीछे की रणनीति

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लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी में आयातित नेताओं को तत्काल मंत्री पद देने की परंपरा पुरानी हो गई है. जिस परंपरा में अब जल्द ही ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह जुड़ सकते हैं. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी 2017 से लगातार रीता जोशी बहुगुणा, ब्रजेश पाठक, जितिन प्रसाद, नितिन अग्रवाल ऐसे ही अनेक को पार्टी में शामिल कर चुकी है और तत्काल मंत्री पद से भी नवाजा. इसको लेकर पार्टी के कैडर बेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में रोष है. ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी लगातार बाहरी नेताओं को तवज्जो देती है. ऐसे में पुराने लोग किसी भी समीकरण में फिट ही नहीं हो रहे हैं. इस वजह से अन्याय बढ़ता जा रहा है.

मंत्री जितिन प्रसाद.
मंत्री जितिन प्रसाद.


यूपी में योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट के विस्तार की चर्चा गरम है. माना जा रहा है कि एनडीए गठबंधन में शामिल किए जा चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने अभी तक एनडीए के लिए कुछ नहीं किया है, मगर उनको मंत्री बनाए जाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. ओमप्रकाश राजभर 2017 में योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री थे. कुछ समय बाद उनकी नाराजगी बढ़ने लगी और उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था. वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया और जहूराबाद सीट से चुनाव जीता, मगर सपा की हार हो गई. जैसे ही योगी आदित्यनाथ की दोबारा सरकार बनी राजभर के सुर बदल गए और वे एक बार फिर से भाजपा के साथ आ गए. जिसके बाद उनको मंत्री बनाए जाने की भी चर्चा तेज हो गई है. इसको लगभग कन्फर्म माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट के मंत्री वे बन जाएंगे.

राजनीतिक विश्लेषक की राय.
राजनीतिक विश्लेषक की राय.

ब्रजेश पाठक : वर्ष 2017 के लोकसभा चुनाव से पहले बसपा में प्रमुख नेता रहे ब्रजेश पाठक ने भाजपा ज्वाइन की थी. पाठक ने इसके बाद में विधानसभा चुनाव लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से लड़ा और बहुत कांटे के मुकाबले में सपा के रविदास मेहरोत्रा से जीते थे. उनको जीत के बाद तत्काल कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव में पाठक ने कैंट सीट से चुनाव लड़ा और जीता. जिसके बाद में उनको तरक्की देकर सीधे उप मुख्यमंत्री बना दिया गया.



रीता बहुगुणा जोशी : वर्ष 2017 के चुनाव से पहले तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता जोशी बहुगुणा भाजपा में शामिल हुई थीं और उन्होंने लखनऊ कैंट से जीत हासिल की. जिसके बाद सरकार बनते ही रीता को महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था. फिर 2019 में उनको प्रयागराज से सांसदी का टिकट दिया गया. वे फिर जीतीं. 2022 में रीता चाहती थीं कि उनके बेटे मयंक जोशी को कैंट से विधायक का टिकट दिलाना चाहती थीं. मगर इस इस सीट से उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को टिकट दे दिया गया तो मयंक जोशी सपा में शामिल हो गए.


स्वामी प्रसाद मौर्य : स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2017 में बसपा छोड़ कर भाजपा में आए. उन्होंने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. जिसके बाद उनको श्रम मंत्री बनाया गया. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में चले गए और विधानसभा चुनाव हारने के बाद सपा ने उनको एमएलसी बना दिया.

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