लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में सार्वजनिक खरीद को लेकर सख्त व्यवस्था लागू की गई है. जेम पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी सामग्री एवं सेवाओं की खरीद को अनिवार्य किया गया है. शासन की तरफ से आज देररात बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017-18 से पूर्व जेम पोर्टल के माध्यम से सरकारी खरीद शून्य थी. वर्ष 2017 में कार्यभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शासकीय कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक खरीद में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए. इसके अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी सामग्री एवं सेवाओं की खरीद को अनिवार्य किया गया. बताया गया है कि सेवाओं को जेम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने वाला उप्र पहला राज्य बना है जो काफी महत्वपूर्ण बात है.
शासन की तरफ से कहा गया है कि सेवाओं एवं सामग्रियों की खरीदारी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचारमुक्त बनाते हुए, प्रदेश में वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक जेम पोर्टल के माध्यम से 20,760 करोड़ रुपए की सरकारी खरीद की जा चुकी है. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सेवाओं को जेम पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है. जेम पोर्टल से 03 लाख 34 हजार से अधिक रजिस्टर्ड डीलर्स जुड़े हैं.
जेम पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2017-18 में 666 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2018-19 में 1692.8 करोड़ रुपए की सरकारी खरीद हुई थी. इसी क्रम में वर्ष 2019-20 में 2443.9 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2020-21 में 4611.4 करोड़ की सरकारी खरीद की गयी. वर्ष 2021-22 में जेम पोर्टल के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा 11275.1 करोड़ रुपए की खरीद की गयी. वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 70.6 करोड़ रुपए की सरकारी खरीद की जा चुकी है.
यह भी पढ़ें:एमएलसी चुनाव के लिए चुनाव प्रचार थमा, 9 को 27 सीटों पर होगा मतदान
प्रदेश में कुल 3,34,608 विक्रेता जेम पोर्टल पर पंजीकृत हैं. इसमें एमएसएमई सेक्टर के 68,455 विक्रेता शामिल हैं. जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदारी करने के कारण भ्रष्टाचार पर बड़े पैमाने पर रोक लगी है. विभिन्न विभागों द्वारा जो खरीदारी की जा रही है, उसमें मितव्ययिता, गुणवत्ता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप