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जानिए, महिलाओं के साथ अपराध करने वालों को कौन सा राज्य सजा दिलाने में अव्वल

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Published : Sep 1, 2022, 10:40 PM IST

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को सजा दिलाने में यूपी सबसे आगे है. वहीं, अन्य राज्यों के आंकड़ें जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर..

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महिलाओं के खिलाफ अपराध

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में योगी सरकार ने लगाम लगाई है. वहीं, कोर्ट में यूपी पुलिस (UP POLICE) की प्रभावी पैरवी के चलते महिलाओं के साथ अत्याचार व अपराध करने वालों को सजा दिलाने में यूपी देश में नंबर एक बना है. एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले 59.1 प्रतिशत लोगों के आरोप सिद्ध किए का चुके है, जो देश में सबसे अधिक हैं. वहीं, 7,713 केस में आरोपियों को सजा भी दिलवाई गयी है, जो देश के कुल संख्या का एक चौथाई है.

एनसीआरबी के 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामले में आरोपियों का कोर्ट में दोष सिद्ध करने का एवरेज परसेंटेज 26.6 रहा है. जबकि यूपी में इसका दोगुना 59.1 परसेंट रहा है, जो सबसे अधिक है. दूसरे नंबर पर बिहार में 53.1℅ व राजस्थान में 45.2℅ एमपी 33.5℅ है.

सजा दिलाने में सबसे आगे यूपी
वहीं, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने में भी यूपी अव्वल रहा है. साल 2021 में देश में कुल 22,874 केस में आरोपियों को सजा दिलाई गई है. यूपी में सबसे अधिक 7,713 केस में सजा दिलाई गई थी. 4,180 केस में सजा दिलाने के साथ राजस्थान दूसरे व 4,057 केस के साथ एमपी तीसरे स्थान पर रहा है.

एक महीने में ट्रायल पूरा करने में यूपी अव्वल
NCRB 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम समय में विभिन्न कोर्ट में ट्रायल पूरा कराने में उत्तर प्रदेश नंबर एक रैंक पर है. 1,310 केस को जिला व सत्र न्यायालय में एक महीने में ही पूरा कराने वाला यूपी देश में नंबर एक पायदान पर है, दूसरे नंबर पर 803 केस के साथ केरल व 223 केस के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है.

पढ़ेंः जनसुनवाई में लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन, नोटिस जारी

महिला अपराध के लिए गठित हुई नई कोर्ट
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को लेकर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है, जिसका नतीजा है कि ऐसे आरोपियों को कोर्ट के माध्यम से जल्द से जल्द सजा दिलवाने के लिए अभियोजन विभाग तेजी से कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए एडीजे स्तर के 81 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किये गए हैं. महिलाओं के खिलाफ सामान्य अपराधों के लिए सिविल जज (जूनियर डिवीजन) स्तर के 81 फास्ट ट्रैक कोर्ट नए गठित किये गए हैं. इसके साथ ही पॉक्सो संबंधी अपराधों के लिए 218 एक्सक्लूसिव पोक्सो कोर्ट गठित हुए है.

ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर सबसे अधिक हुई डेटा फीडिंग
एडीजी अभियोजन के मुताबिक, 31 अगस्त 2022 तक ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर 91,20,680 सूचनाएं दर्ज कर यूपी पुलिस ने देश में अपने शीर्ष स्थान को कायम रखा है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश 23,15,070 सूचनाएं दर्ज कर दूसरे व 8,59,587 सूचनांए दर्ज कर बिहार तीसरे स्थान पर है.

पढ़ेंः देश में प्रतिदिन 87 बेटियों का रेप, महिला अपराध में यूपी अव्वल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में योगी सरकार ने लगाम लगाई है. वहीं, कोर्ट में यूपी पुलिस (UP POLICE) की प्रभावी पैरवी के चलते महिलाओं के साथ अत्याचार व अपराध करने वालों को सजा दिलाने में यूपी देश में नंबर एक बना है. एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले 59.1 प्रतिशत लोगों के आरोप सिद्ध किए का चुके है, जो देश में सबसे अधिक हैं. वहीं, 7,713 केस में आरोपियों को सजा भी दिलवाई गयी है, जो देश के कुल संख्या का एक चौथाई है.

एनसीआरबी के 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामले में आरोपियों का कोर्ट में दोष सिद्ध करने का एवरेज परसेंटेज 26.6 रहा है. जबकि यूपी में इसका दोगुना 59.1 परसेंट रहा है, जो सबसे अधिक है. दूसरे नंबर पर बिहार में 53.1℅ व राजस्थान में 45.2℅ एमपी 33.5℅ है.

सजा दिलाने में सबसे आगे यूपी
वहीं, महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले आरोपियों को सजा दिलाने में भी यूपी अव्वल रहा है. साल 2021 में देश में कुल 22,874 केस में आरोपियों को सजा दिलाई गई है. यूपी में सबसे अधिक 7,713 केस में सजा दिलाई गई थी. 4,180 केस में सजा दिलाने के साथ राजस्थान दूसरे व 4,057 केस के साथ एमपी तीसरे स्थान पर रहा है.

एक महीने में ट्रायल पूरा करने में यूपी अव्वल
NCRB 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम समय में विभिन्न कोर्ट में ट्रायल पूरा कराने में उत्तर प्रदेश नंबर एक रैंक पर है. 1,310 केस को जिला व सत्र न्यायालय में एक महीने में ही पूरा कराने वाला यूपी देश में नंबर एक पायदान पर है, दूसरे नंबर पर 803 केस के साथ केरल व 223 केस के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है.

पढ़ेंः जनसुनवाई में लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन, नोटिस जारी

महिला अपराध के लिए गठित हुई नई कोर्ट
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को लेकर योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है, जिसका नतीजा है कि ऐसे आरोपियों को कोर्ट के माध्यम से जल्द से जल्द सजा दिलवाने के लिए अभियोजन विभाग तेजी से कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए एडीजे स्तर के 81 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित किये गए हैं. महिलाओं के खिलाफ सामान्य अपराधों के लिए सिविल जज (जूनियर डिवीजन) स्तर के 81 फास्ट ट्रैक कोर्ट नए गठित किये गए हैं. इसके साथ ही पॉक्सो संबंधी अपराधों के लिए 218 एक्सक्लूसिव पोक्सो कोर्ट गठित हुए है.

ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर सबसे अधिक हुई डेटा फीडिंग
एडीजी अभियोजन के मुताबिक, 31 अगस्त 2022 तक ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर 91,20,680 सूचनाएं दर्ज कर यूपी पुलिस ने देश में अपने शीर्ष स्थान को कायम रखा है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश 23,15,070 सूचनाएं दर्ज कर दूसरे व 8,59,587 सूचनांए दर्ज कर बिहार तीसरे स्थान पर है.

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