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ओमप्रकाश राजभर शीतकालीन सत्र में भी बिना मंत्री पद के दिखेंगे, झेलने को मजबूर रहेंगे सपाइयों का तंज

UP Assembly Winter Session : ओमप्रकाश राजभर कई बार अपने मंत्री बनने और शपथ ग्रहण की तारीख का भी ऐलान कर चुके हैं लेकिन, अभी तक उनको मंत्री पद नहीं मिला है. इसको लेकर पहले भी सपाई उन पर तंज कसते आए हैं. अब शीतकालीन सत्र भी शुरू हो गया है. ऐसे में सपाइयों को एक बार फिर राजभर पर तंज कसने का मौका मिलेगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2023, 12:42 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर दोबारा भाजपा के साथ आए सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया था कि वो सदन में इस बार मंत्री की हैसियत से बैठे नजर आएंगे. सत्र खत्म हो गया लेकिन वो मंत्री नहीं बन पाए. अब शीतकालीन सत्र शुरू हो गया लेकिन, ओपी राजभर का मंत्री बनने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में राजभर को सदन के अंदर और बाहर समाजवादी पार्टी के तंज भरे तीरों का सामना करना पड़ सकता है.

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए का साथ पकड़ा और दावा किया कि वो जल्द ही मंत्री बनेंगे. उन्होंने तो कई बार अपने मंत्री पद की शपथ की तारीख का भी ऐलान कर दिया था. पहले मानसून सत्र, फिर नवरात्रि और धनतेरस और आखिर में शीतकालीन सत्र से पहले राजभर ने खुद के मंत्री बनने का ऐलान कर दिया था.

सपाइयों ने राजभर पर कैसे तंज कसा.
सपाइयों ने राजभर पर कैसे तंज कसा.

अब मंगलवार से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई है, लेकिन भाजपा खेमे में राजभर के मंत्री बनने की सुगबुगाहट तक नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अब ओपी राजभर का धैर्य जवाब भी देता दिख रहा है, जिसके चलते बीते दिनों उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यहां तक कह दिया था कि, सभी नेता, जिसमें वह खुद शामिल है दो मुंह सांप होते हैं. कभी भी किसी दल में जा सकते हैं.

ओपी राजभर के लिए अब तक मंत्री न बन पाने पर सबसे बड़ी समस्या समाजवादी पार्टी है. क्योंकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा का साथ छोड़ कर एनडीए के साथ आने वाले राजभर पर सपा हमेशा से हमलावर रही है. इतना ही नहीं मंत्री पद न मिलने पर समाजवादी पार्टी के नेताओं के तंज भरे तीरों का भी राजभर को हर मौके पर सामना करना पड़ रहा है.

राजभर ने मंत्री बनने का कब कब किया ऐलान.
राजभर ने मंत्री बनने का कब कब किया ऐलान.

मानसून सत्र से दौरान विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर राजभर को अन्य मंत्रियों के साथ बैठने के लिए कुर्सी न मिल पाने पर समाजवादी पार्टी ने जम कर राजभर पर तंज कसे थे. पार्टी ने कहा था कि, राजभर भाजपा के साथ मंत्री बनने के लिए गए थे लेकिन वहां तो उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली. ऐसे में अब जब शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है तो सदन में ओपी राजभर को एक बार फिर समाजवादी पार्टी के विधायकों के तीरों का सामना करना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत नहीं, सब ड्रामा; साधु के भेष में आतंकी हैं संत

लखनऊ: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र से पहले समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर दोबारा भाजपा के साथ आए सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया था कि वो सदन में इस बार मंत्री की हैसियत से बैठे नजर आएंगे. सत्र खत्म हो गया लेकिन वो मंत्री नहीं बन पाए. अब शीतकालीन सत्र शुरू हो गया लेकिन, ओपी राजभर का मंत्री बनने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में राजभर को सदन के अंदर और बाहर समाजवादी पार्टी के तंज भरे तीरों का सामना करना पड़ सकता है.

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए का साथ पकड़ा और दावा किया कि वो जल्द ही मंत्री बनेंगे. उन्होंने तो कई बार अपने मंत्री पद की शपथ की तारीख का भी ऐलान कर दिया था. पहले मानसून सत्र, फिर नवरात्रि और धनतेरस और आखिर में शीतकालीन सत्र से पहले राजभर ने खुद के मंत्री बनने का ऐलान कर दिया था.

सपाइयों ने राजभर पर कैसे तंज कसा.
सपाइयों ने राजभर पर कैसे तंज कसा.

अब मंगलवार से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई है, लेकिन भाजपा खेमे में राजभर के मंत्री बनने की सुगबुगाहट तक नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अब ओपी राजभर का धैर्य जवाब भी देता दिख रहा है, जिसके चलते बीते दिनों उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यहां तक कह दिया था कि, सभी नेता, जिसमें वह खुद शामिल है दो मुंह सांप होते हैं. कभी भी किसी दल में जा सकते हैं.

ओपी राजभर के लिए अब तक मंत्री न बन पाने पर सबसे बड़ी समस्या समाजवादी पार्टी है. क्योंकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद सपा का साथ छोड़ कर एनडीए के साथ आने वाले राजभर पर सपा हमेशा से हमलावर रही है. इतना ही नहीं मंत्री पद न मिलने पर समाजवादी पार्टी के नेताओं के तंज भरे तीरों का भी राजभर को हर मौके पर सामना करना पड़ रहा है.

राजभर ने मंत्री बनने का कब कब किया ऐलान.
राजभर ने मंत्री बनने का कब कब किया ऐलान.

मानसून सत्र से दौरान विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर राजभर को अन्य मंत्रियों के साथ बैठने के लिए कुर्सी न मिल पाने पर समाजवादी पार्टी ने जम कर राजभर पर तंज कसे थे. पार्टी ने कहा था कि, राजभर भाजपा के साथ मंत्री बनने के लिए गए थे लेकिन वहां तो उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली. ऐसे में अब जब शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है तो सदन में ओपी राजभर को एक बार फिर समाजवादी पार्टी के विधायकों के तीरों का सामना करना पड़ सकता है.

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