लखनऊः बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने किसान मुद्दे को उठाया. उन्होंने इस विषय पर चर्चा की मांग की. प्रश्नकाल में ही किसानों के मुद्दे को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि पिछले तीन महीने से किसान आंदोलन हो रहे हैं. किसान परेशान हैं. सरकार किसान विरोधी है. भाजपा सरकार इस आंदोलन से भयभीत होकर चाल चलने का हर संभव प्रयास कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने उठाया किसानों का मुद्दा
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर किसान तंबू, कनात लगाकर शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं. इसमें प्रदेश के कोने-कोने से किसान शामिल हो रहे हैं. आंदोलन को दबाने के लिए उन पर लाठी-डंडे चलाए गए. उनके तंबू-कनात उखाड़ कर फेंक दिए गए. किसान आंदोलन में शामिल न हो सकें, इसके लिए पेट्रोल पंपों को आदेश दिए गए कि ट्रैक्टरों में डीजल न भरा जाएगा. किसानों पर तमाम फर्जी मुकदमे कायम किए गए. ट्रैक्टर मालिक किसानों को नोटिस जारी हो रही है. उन्हें प्रताड़ित करने की कार्रवाई की जा रही है. इससे प्रदेश के किसान में भयंकर आक्रोश है जो कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है. इसका महत्व देखते हुए ऑपरेशन की कार्यवाही स्थगित कर इस पर चर्चा कराई जाए. उन्होंने कहा कि जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मृत्यु हुई है, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए.
विपक्ष ने किया हंगामा
इसके साथ ही विपक्ष के सदस्य बेल में पहुंच गए. सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार सीट पर जाने के लिए कहने के बावजूद विपक्ष बेल में हंगामा करता रहा.
सुरेश खन्ना ने विपक्ष पर बोला हमला
सरकार की करफ से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा के लोगों ने ही टिकैत को जेल में रखा. ये लोग घोर किसान विरोधी हैं. इस प्रकार से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. नोकझोंक बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सुबह 11 बजे शुरू हुई कार्यवाही महज पांच मिनट ही सदन में चल सकी.