शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई अखिलेश यादव ने खड़े होकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस बढ़ोतरी का विरोध किया. उन्होंने कहा कि 8 दिन से ज्यादा हो गए हैं और छात्र शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं. विश्वविद्यालय ने 500 गुना फीस बढ़ा दी है. प्रदेश में बेतहाशा बेरोजगारी है और महंगाई बढ़ रही है. किसान सूखे और बाढ़ से त्रस्त हैं. ऐसे में फीस बढ़ा दी गई है. अखिलेश ने कहा कि कैसे गरीब छात्र पढ़ाई कर सकेंगे. सरकार को गरीब छात्रों की तो चिंता करते हुए राहत देनी चाहिए.
इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इसे मुद्दे पर बाद में चर्चा की जाएगी. अखिलेश यादव अपनी बात कहते रहे और अंत में चर्चा न होने पर उन्होंने सपा व रालोद सदस्यों के साथ वाकआउट कर दिया. सपा रालोद सदस्यों के वाकआउट करने पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव अपना कोई निजी एजेंडा लेकर आए थे. इन सभी मुद्दों पर कल व परसों चर्चा हो चुकी है तो आज चर्चा का क्या औचित्य था. जहां तक महंगाई, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवाओं की बात है तो योगी आदित्यनाथ की सरकार में सभी क्षेत्रों में बहुत बेहतरीन काम हुआ है और हो रहा है.
वाकआउट के बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रही. विधानसभा अध्यक्षी सतीश महाना ने कहा सपा रालोद सदस्यों द्वारा लगाए सभी प्रश्नो को उत्तरित मान लिया गया है. इसी के साथ विधानसभाध्यक्ष ने उन्हीं सदस्यों की याचिकाएं स्वीकार की जो सदन में मौजूद थे. आज ही विधानसभा में उत्तर प्रद्रेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया जो ध्वनिमत से पारित हो गया. संशोधित विधेयक के अनुसार अब हडताल प्रदर्शन के दौरान जो सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाएगा उसे प्रतिकर देना पड़ेगा. प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए मुआवजे का दावा तीन साल तक की अवधि मे में किया जा सकता है अभी तक यह समयवधि मात्र तीन महीने ही थी.
उन्होंने कहा कि अभी इस प्रकरण से संबधित जो मामले न्यायालयों में लंबित है उन्हे संशोधित कानून के अनुसार निष्पादित किया जाएगा. हालांकि बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने कुछ और बिन्दुओं के इसे प्रवर समिति के सुपुर्द किए जाने की मांग की. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जब बसपा की सरकार थी तब प्रवर समिति के गठन की आवश्यकता नहीं समझी गयीं, जहां तक विधेयक को प्रवर समिति को दिए जाने की बात है तो यह इस आशय का प्रस्ताव बसपा सरकार में ही लाया गया था.
कांग्रेस की वरिष्ठ सदस्य आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में महिला उत्पीड़न की घटनाओं का मामला उठाया. जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रदेश में महिला अपराध से जुडे अपराधियों को सजा दिलाने में यूपी पूरे देश में नंबर वन है. सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के स्थगित होने से पूर्व संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना सहित दलीय नेताओं में कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना,बसपा विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह निषाद पार्टी के संजय निषाद ने सदन के कुशल संचालन के लिए विधानसभाध्यक्ष सतीश महाना सहित विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों कर्मचारियों का आभार जताया.
महिला अपराध में आरोपियों को नहीं मिलेगी जमानत
विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन आज सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गए हैं. महिला अपराध में कमी लाने और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान से बचाने के लिए यह विधेयक सदन से पास कराए गए.
1- दंड प्रक्रिया संहिता उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2022 यूपी विधानसभा में पारित हुआ है. सीआरपीसी में संशोधन के लिए यूपी ने ठोस पहल करते हुए विधानसभा से यह संशोधन विधेयक पारित कराया है. इस विधेयक के बाद अब महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले गम्भीर अपराधों पर आरोपी को अग्रिम ज़मानत नहीं मिले सकेगी.
2 - इसी तरह सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए भी विधेयक सदन में पास कराया गया. उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली संशोधन विधेयक 2022 भी पास किया गया है.
18 घन्टे 11 मिनट चली कार्यवाही
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र के अंतर्गत पांच दिन तक सदन की कार्यवाही संचालित हुई. सदन की कार्यवाही कुल 18 घण्टे 11 मिनट चली. इस दौरान अल्पसूचित प्रश्न 01, तारांकित प्रश्न 639, अतारांकित प्रश्न 2487 प्राप्त हुए. इनमें कुल 627 प्रश्न उत्तरित हुए.
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