लखनऊ : UP Assembly Election 2022 : कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में 125 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. इनमें से ऐसे भी प्रत्याशी टिकट पाने में सफल हुए हैं, जो सिर्फ दो दिन या कुछ माह पहले ही पार्टी से जुड़े और टिकट पा गए. और कुछ ऐसे हैं जो 20 साल से पार्टी की सेवा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें टिकट से पार्टी ने दूर ही रखा. पार्टी के इस कदम से टिकट दावेदारों में विरोध के स्वर मुखर हो गए.
लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के विधानसभाओं में टिकट दावेदारों ने विरोध प्रदर्शन किए. इतना ही नहीं पार्टी नेताओं पर टिकट बेचने के गंभीर आरोप भी लगे. लखनऊ में पोस्टर गर्ल ने विरोध किया तो सास, बहू भी कांग्रेस कार्यालय में ही धरने पर बैठ गईं. गाजीपुर में कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़ हो गई. पार्टी की तरफ से जिसे प्रत्याशी घोषित किया गया, उसे कार्यालय में प्रवेश से ही रोक दिया गया. अब इतने विरोध और गंभीर आरोप लगने के बाद कांग्रेस आलाकमान कई सीटों पर प्रत्याशी बदलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
इसी माह की 13 तारीख को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की 125 प्रत्याशियों वाली पहली सूची जारी की. इस सूची में 88 ऐसे नाम थे, जो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने की दौड़ में शामिल हो गए. खास बात यह है कि इन पहली बार के प्रत्याशियों में तमाम ऐसे नाम थे जिन्होंने दो दिन, दो माह या फिर कुछ और ज्यादा समय पहले ही कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की, लेकिन उन्हें टिकट सबसे पहले मिला. बरसों से पार्टी की सेवा कर रहे कार्यकर्ताओं पर कुछ महीने पहले पार्टी में आए लोग भारी पड़ गए.
पत्रकार निदा अहमद ने 11 जनवरी को पत्रकारिता का कार्यक्षेत्र छोड़ विधायक बनने की ख्वाहिश लेकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और दो दिन बाद ही 13 जनवरी को पार्टी ने उन्हें संभल से प्रत्याशी बना दिया. इस सीट पर पहले से तैयारी कर रहे कांग्रेस नेताओं की मेहनत पर पानी फिर गया. मेरठ की हस्तिनापुर सीट पर कांग्रेस ने अभिनेत्री अर्चना गौतम को प्रत्याशी बनाया है. अर्चना ने फिल्मी दुनिया से ब्रेक लेकर 26 नवंबर को कांग्रेस पार्टी जॉइन की. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभिनेत्री को पार्टी ज्वाइन कराई और पहली ही सूची में पार्टी ने उन्हें कांग्रेस का प्रत्याशी बना दिया. इस सीट पर अभिनेत्री का कांग्रेस पार्टी के साथ ही हिंदू संगठन इसलिए विरोध कर रहे हैं. क्योंकि मॉडलिंग के दौरान उनकी तमाम तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं.
इसके अलावा लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से दो से तीन माह पहले ही पार्टी जॉइन करने वाले रुद्रदमन सिंह उन कांग्रेसियों पर भारी पड़ गए, जिन्हें टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी. रुद्रदमन सिंह को टिकट मिला तो इस सीट पर विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस के महिला शक्ति विधान पोस्टर पर प्रियंका मौर्या की तस्वीर थी और वह सरोजिनी नगर सीट से टिकट मांग रही थीं. जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने विरोध जताते हुए बड़े नेताओं पर घूस लेकर टिकट बेचने तक के आरोप लगा डाले. इसके अलावा इसी सीट पर कांग्रेस के वर्षों पुराने वफादार प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह भी दावा ठोक रहे थे और उनका दावा काफी मजबूत था, लेकिन पार्टी ने रुद्रदमन के आगे उन्हें भी किनारे लगा दिया. उनकी भी पार्टी से नाराजगी है.
इसके अलावा लखनऊ की बख्शी का तालाब सीट सामान्य सीट है. इस पर 20 साल पुरानी कांग्रेस की कार्यकर्ता और महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष शीला मिश्रा टिकट चाह रही थीं, लेकिन पार्टी ने उनके बजाय ललन कुमार को टिकट दे दिया. ललन कुमार मूलतः बिहार के रहने वाले हैं. शीला मिश्रा टिकट न मिलने पर कांग्रेस कार्यालय पर अपनी बहू के साथ धरने पर बैठ गईं. वे अपनी बहू असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका मिश्रा के लिए बस्ती की हरैया विधानसभा सीट से भी टिकट मांग रही थीं उन्हें भी टिकट नहीं मिला. इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय परिसर में धरने के दौरान उन्होंने पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए. कहा कि 10 लाख रुपए घूस मांगी जा रही थी, अगर दे देते तो टिकट हो जाता.
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अब बात अगर गाजीपुर सीट की करें तो यहां से कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ब्राह्मण नेता अजय चंद्र चौबे टिकट मांग रहे थे. काफी मेहनत भी कर रहे थे, लेकिन जब सूची जारी हुई तो उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. पार्टी ने टिकट कुछ ही माह पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले लोटन राम निषाद को दे दिया. इससे गाजीपुर में विरोध हो गया. यहां के जिला कांग्रेस कार्यालय में बाकायदा पार्टी की तरफ से घोषित प्रत्याशी लोटन राम निषाद के प्रवेश तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके अलावा पनियरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमित तिवारी 'गुरु' टिकट मांग रहे थे. काफी सालों से अपनी विधानसभा सीट पर सक्रिय भी थे, लेकिन जब 13 जनवरी को सूची जारी हुई तो पार्टी ने शरदेंदु कुमार पांडेय को प्रत्याशी बना दिया. पार्टी के इस फैसले से अमित तिवारी भी खुश नहीं हैं. इसके अलावा सीतापुर में भी प्रत्याशी का विरोध हो रहा है.
जिन टिकट दावेदारों को टिकट नहीं मिला, उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही बगावत शुरू कर दी. इसके बाद पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान घोषित की गई. कई सीटों पर पार्टी बदलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. बताया जा रहा है कि 124 सीटों की सूची में से एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशी जल्द ही बदले जा सकते हैं. युसूफ अली युसूफ को कांग्रेस पार्टी ने टिकट भी दे दिया था, लेकिन इसके बाद भी यूसुफ ने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. अब इस सीट पर भी पार्टी नया प्रत्याशी घोषित करेगी.
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