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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : मॉब लिंचिंग के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस उठाती है आवाज, अखिलेश-माया रहते हैं चुप : शाहनवाज आलम

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 निकट है, इस चुनावी माहौल में सभी राजनीतिक दलों ने एक-दूसरे पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया है. कोई भी राजनीतिक दल अपनी वाहवाही कराने में पीछे रहना नहीं चाहता है. इसी क्रम में कांग्रेस के माइनॉरिटी विभाग(Minority Congress) के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने एक बयान जारी कर बीजेपी, सपा, बसपा को घेरा है.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस उठाती है आवाज
मॉब लिंचिंग के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस उठाती है आवाज
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Published : Aug 30, 2021, 4:39 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस(Minority Congress) के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा है. शाहनवाज आलम ने बयान जारी कर बीजेपी, सपा, बसपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं में संघ और बीजेपी के लोग शामिल हैं. इस तरह की घटनाएं एक तरह से भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत है. दुखद है कि सपा और बसपा इन मुद्दों पर खामोश रहती है, सिर्फ कांग्रेस ही आवाज उठाती है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने जारी बयान में कहा कि दादरी के अखलाक कांड पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके हत्यारों के खिलाफ कमजोर मुकदमा दर्ज करवाया और लचर विवेचना करवाई. स्थिति यहां तक पहुंच गई थी, कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खां को भी अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं रहा. जिसके कारण आजम खां इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की बात सार्वजनिक तौर पर करने लगे. यह पूरा प्रकरण अखिलेश यादव सरकार की घोर मुस्लिम विरोधी मानसिकता को दर्शाता करता है.

शाहनवाज आलम ने कहा कि अखिलेश यादव ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चलाने के बावजूद मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधानसभा में कोई कानून बनाने की कोशिश नहीं की. जबकि कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 में ही विधानसभा से मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को भेज दिया था. उन्होंने कहा कि जहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं सिर्फ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ही इसके खिलाफ सड़क पर उतरते हैं. मॉब लिंचिंग जैसे मामलों पर सपाध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती चुप रहतीं हैं.

इसे पढ़ें- राहुल गांधी को क्यों...निशाना बनाती है मोदी सरकार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस(Minority Congress) के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा है. शाहनवाज आलम ने बयान जारी कर बीजेपी, सपा, बसपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं में संघ और बीजेपी के लोग शामिल हैं. इस तरह की घटनाएं एक तरह से भाजपा के चुनावी अभियान की शुरुआत है. दुखद है कि सपा और बसपा इन मुद्दों पर खामोश रहती है, सिर्फ कांग्रेस ही आवाज उठाती है.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने जारी बयान में कहा कि दादरी के अखलाक कांड पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके हत्यारों के खिलाफ कमजोर मुकदमा दर्ज करवाया और लचर विवेचना करवाई. स्थिति यहां तक पहुंच गई थी, कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खां को भी अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं रहा. जिसके कारण आजम खां इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की बात सार्वजनिक तौर पर करने लगे. यह पूरा प्रकरण अखिलेश यादव सरकार की घोर मुस्लिम विरोधी मानसिकता को दर्शाता करता है.

शाहनवाज आलम ने कहा कि अखिलेश यादव ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चलाने के बावजूद मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधानसभा में कोई कानून बनाने की कोशिश नहीं की. जबकि कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 में ही विधानसभा से मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पास करके राष्ट्रपति को भेज दिया था. उन्होंने कहा कि जहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं सिर्फ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता ही इसके खिलाफ सड़क पर उतरते हैं. मॉब लिंचिंग जैसे मामलों पर सपाध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती चुप रहतीं हैं.

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