लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सभी पार्टियों के बड़े नेता सियासी अखाड़े में ताल ठोकने के लिए उतर पड़े हैं. अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी भी यूपी में कांग्रेस पार्टी का हाथ मजबूत करने के इरादे से 2 दिन के दौरे पर लखनऊ आए. जहां उन्होंने संकल्प परिवर्तन महासम्मेलन में हिस्सा लिया और अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति भी बनाई. इस दौरान 'ईटीवी भारत' ने इमरान प्रतापगढ़ी से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 और उत्तर प्रदेश की सियासत में ओवैसी की एंट्री पर बातचीत की.
सवाल: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी कैसे मजबूत होगी?
इमरान: मैं ऑल इंडिया अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी का चेयरमैन हूं. मेरे अंडर मुस्लिम, बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई पारसी समेत 6 कम्युनिटी आती हैं. मुसलमान उस डिपार्टमेंट का हिस्सा हैं. हम उनके बीच जाएंगे और पिछले 4-5 साल में कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से इस मौजूदा तानाशाही सरकार के खिलाफ जम्हूरियत को बचाने की लड़ाई लड़ी है. ये हम उन्हें बताएंगे. कांग्रेस के अलावा आप को अलोकतांत्रिक पार्टी की सरकारों से कोई नहीं बचा सकता है, इसलिए कांग्रेस पार्टी ही आपके लिए बेहतर है. मैं कल से लोगों में जोश और जज्बा देख रहा हूं. लोगों में एक उम्मीद है. कुछ नए ख्वाब हैं. हम उनके बीच जाएंगे. उन्हें यकीन दिलाएंगे कि हमारे पास प्रियंका गांधी जैसा करिश्माई नेतृत्व है. हमें यकीन है कि मुसलमान हमारे साथ आएंगे वह हमें समझेंगे.
सवाल: ओवैसी की यूपी में एंट्री हो चुकी है, कह रहे हैं अच्छा चुनाव लड़ेंगे, क्या लगता है?
इमरान: हां मैंने भी सुना है कि शायद वह अयोध्या जा रहे हैं. वहां से चुनावी शुरुआत कर रहे हैं. हालांकि वो अकलियत की राजनीति करते हैं तो मुझे लग रहा था कि वह देवा शरीफ से शुरुआत करेंगे, लेकिन उन्होंने अयोध्या से शुरुआत की है. अब अयोध्या से शुरुआत की है तो उत्तर प्रदेश की आवाम को समझना होगा कि किसको फायदा पहुंचाने के लिए वहां से शुरुआत की है. उत्तर प्रदेश की आवाम समझदार है, लगभग बंगाल जितनी ही समझदार है. वह अच्छा नतीजा देगी.
सवाल: ओवैसी पर ये टैग लगता है कि वे बीजेपी की मदद करने यहां आए हैं, आपको क्या लगता है?
इमरान: यह आप कह रहे हैं और आप बड़े पत्रकार हैं तो मैं बड़े पत्रकारों की बात से हमेशा सहमत रहता हूं. आप कह रहे हैं तो मैं मान रहा हूं.
सवाल: अतीक अहमद भी ओवैसी के साथ हो गए हैं, क्या कहेंगे?
इमरान: अतीक अहमद समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके हैं, विधायक रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी के बड़े नेता रहे हैं. यह सवाल अखिलेश यादव से पूछिए कि उन्हें क्यों संभाल कर नहीं रख पाए. उनका अनादर क्यों किया कि वह दूसरे दल में गए.
सवाल: यूपी में माना जा रहा है कि 98 फीसदी मुस्लिम समाजवादी पार्टी के साथ हैं, वे कैसे कांग्रेस की तरफ आएंगे ?
इमरान: यह आंकड़ा किसने दिया कि उत्तर प्रदेश में 98 फीसदी मुसलमान समाजवादी पार्टी के साथ हैं. यह आंकड़ा झूठा है. यह आंकड़ा कोरी अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं. इस देश का मुसलमान ही नहीं, इस देश में संविधान में, लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला हर नागरिक पहले कांग्रेस पार्टी का वोटर रहा है. किसी वजह से नाराजगी के कारण दूर हुआ है. हम लगातार संगठन पर काम कर रहे हैं. पिछले दो सालों में
प्रियंका गांधी के नेतृत्व में बहुत काम हुआ है जिसे मीडिया से साझा नहीं किया गया. आने वाले एक महीने में हम यह साबित कर देंगे कि उत्तर प्रदेश में इस सरकार को सिर्फ कांग्रेस हटा सकती है. हमारी पूरी तैयारी है. हमारी रणनीति है. हम गांव-गांव जाएंगे. जो कह रहे हैं कि 98 फीसद मुसलमान समाजवादी पार्टी के साथ है तो वही कहेंगे कि 2 परसेंट मुसलमान समाजवादी पार्टी के साथ है और 98 पर्सेंट मुसलमान कांग्रेस के साथ.
सवाल: सीएए, एनआरसी पर क्या कहना है? चुनाव से पहले इस मुद्दे को फिर से उठाया जा सकता है?
इमरान: खुद ही जनसंख्या के खिलाफ कानून ला रहे हैं जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए. फिर खुद ही एक कानून बना रहे हैं कि हम विदेशों से लाकर लोगों को बसाएंगे. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पहले यह तय करे कि उसे किस तरफ खड़े होना है. उसे पोलराइजेशन की राजनीति करनी है? जिस तुष्टिकरण की बात करके भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को हमेशा से टारगेट करती रही है. वह तुष्टीकरण की राजनीति उसे करनी है या फिर स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जो चीजें जरूरी है उसे करना है. यह भारतीय जनता पार्टी तय करे. बाकी अभी सत्ता उनके हाथ है जो चाहे वह करें. नाम बदल दें किसी को लाकर बसा दें. घरों पर बुलडोजर चलवा दें, लेकिन लोकतंत्र बहुत गतिशील होता है वह सब को अपने साथ बहा ले जाता है और बहा ले जाएगा.
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