लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2022 में नामांकन से लेकर मतदान कराने की प्रक्रिया के दौरान लगने वाली कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर चुनाव आयोग ने एक बड़ा आदेश जारी किया है. चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों को जारी आदेश में कहा है कि चुनाव ड्यूटी में शिक्षामित्र, रोजगार सहायकों, अनुदेशक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. इसके साथ ही कहा है कि इन्हें रिजर्व श्रेणी में रखा जाए. बहुत ही अत्यावश्यक पड़ने पर ही ड्यूटी लगाई जाएगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि मंडलीय कार्यालय से चुनाव ड्यूटी के लिए पूल से प्राप्त कर्मचारियों के पूरा उपयोग होने के बाद ही जरूरत पड़ने पर ही अनुदेशक, शिक्षा मित्र, रोजगार सहायक व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ही ड्यूटी लगाई जाए. जहां तक संभव हो इन्हें आरक्षित पूल में रखा जाए. खास तौर पर शिक्षामित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय और अन्य कर्मचारियों को मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में नियुक्त करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
वहीं खास बात है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए आदेश से कुछ परेशानी भी बढ़ेगी. आयोग के आदेश के बाद मतदान के लिए गठित मतदान दल की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में अब इस आदेश के बाद और समस्या खड़ी होगी.
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दरअसल, कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार मतदान केंद्रों का गठन किए जाने से केंद्रों की संख्या करीब प्रदेश भर में 11000 तक बढ़ गई है. एक लाख 74 हजार मतदान केंद्रों पर चुनाव ड्यूटी के लिए पहले ही कर्मचारियों की कमी थी. ऐसे में 1,35,000 शिक्षामित्रों, 27 हजार से अधिक अनुदेशकों, 1,90,000 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और 35000 के करीब रोजगार सहायकों को ड्यूटी से बाहर रखने के निर्देश मतदान दल गठन में परेशानी आना स्वाभाविक है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जिला निर्वाचन अधिकारी किस प्रकार से मतदान ड्यूटी को कैसे व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराएंगे.
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