लखनऊ : UP Assembly Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की आंधी चले, इसलिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी अब उत्तर प्रदेश में 'पॉलिटिकल टूरिस्ट' नहीं रहेंगी. अब दिल्ली से ज्यादा समय वो उत्तर प्रदेश को देंगी. सप्ताह में कम से कम पांच दिन वो लखनऊ समेत यूपी के विभिन्न हिस्सों में मौजूद रहेंगी. अब उनका स्थाई पता लखनऊ होगा और सप्ताह के आखिर में दौरा दिल्ली का होगा. पार्टी के नेता कहते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा के इस कदम से विपक्षी दलों को उनका जवाब मिल जाएगा, जो हमेशा प्रियंका के यूपी आगमन पर तंज कसते थे. कहते थे कि वह 'पॉलिटिकल टूरिस्ट' की तरह उत्तर प्रदेश आती हैं. यूपी उनके लिए टूरिस्ट प्लेस है.
प्रियंका की कोशिश, कांग्रेस की सत्ता से दूर हो दूरी
अब जो भी दिन बीत रहा है, वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को और भी करीब ला रहा है. ऐसे में पूरे दमखम से राजनीतिक दल चुनावी बिसात बिछाने में जुट गए हैं. भले ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से सत्ता के करीब न पहुंच पाई हो, लेकिन प्रियंका गांधी की कोशिश है कि अब और ज्यादा समय तक पार्टी सत्ता से दूर न रहे. यही वजह है कि प्रियंका गांधी ने इस बार यूपी में जमकर पसीना बहाना शुरू कर दिया है. संगठन की ओवरहालिंग शुरू हो गई है. पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को दायित्व सौंपा जा रहा है. प्रियंका खुद हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही हैं. लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं. यही नहीं अब प्रियंका गांधी के दौरे भी जल्दी-जल्दी शुरू हो गए हैं. इस बार जब प्रियंका गांधी लखनऊ आईं तो उनके पिछले दौरे और इस दौरे में सिर्फ 15 दिन का ही अंतर रहा था.
अब वीकेंड दिल्ली में, बाकी दिन यूपी में
यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी चुनाव को लेकर कितनी संजीदगी दिखा रही हैं, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रियंका गांधी ने साफ तौर पर कह दिया है कि सप्ताह में पांच दिन अब वे उत्तर प्रदेश में रहेंगी. सिर्फ सप्ताह के आखिर में दिल्ली जाएंगी. अब लखनऊ उनका स्थाई घर होगा और दिल्ली का दो दिन का दौरा होगा. परिवार के साथ समय बीतेगा. अभी तक यूं होता था कि वह दिल्ली से जब लखनऊ आती थीं तो विपक्षी दलों के नेता समय गिनते रहते थे कि अब इतने दिन, इतने महीने या फिर इतने साल बाद प्रियंका गांधी का लखनऊ दौरा हो रहा है. अब उन्हें प्रियंका लखनऊ में रुककर जवाब देंगी. यूपी की सरजमीं पर ज्यादा समय देने से कांग्रेस का बुरा वक्त भी खत्म हो सकता है. पार्टी के अच्छे दिन भी आ सकते हैं.
पहले तीन दिन और इस बार चार दिन लखनऊ में रहीं प्रियंका
प्रियंका गांधी का इस बार लखनऊ का 15 दिन में दूसरा दौरा था. पिछली बार वे जब 10 सितंबर को लखनऊ आई थीं तो उनका तीन दिन का लखनऊ और रायबरेली का दौरा था. इस बार जब प्रियंका 27 सितंबर को लखनऊ आईं तो चार दिन तक लगातार बैठकें कीं और पांचवें दिन दिल्ली के लिए रवाना हुईं. प्रियंका गांधी के यूपी में ज्यादा समय देने से नेताओं की कार्यशैली में भी बदलाव नजर आने लगा है तो कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह का संचार दिखने लगा है. ये पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में शुभ साबित हो सकता है.
अगले सप्ताह लखनऊ में होंगी यूपी प्रभारी
अपने लखनऊ दौरे के पांचवे दिन एक अक्टूबर को प्रियंका गांधी लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हुईं. शनिवार और रविवार को वह दिल्ली में रहेंगी और सोमवार को फिर से लखनऊ पहुंच जाएंगी. यहां पर फिर से संगठन के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू होगा. चुनावी रणनीति तय की जाएगी. नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात होगी.
10 अक्टूबर को बनारस से करेंगी चुनावी आगाज
10 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी का चुनावी बिगुल फूंकेंगी. यहां पर बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पार्टी के सभी नेता, पदाधिकारी और प्रदेश भर के कार्यकर्ता जुटेंगे. यहां पर पीएम मोदी के बहाने प्रियंका कांग्रेस पार्टी की ताकत का प्रदर्शन भी करेंगी. प्रतिज्ञा यात्रा की शुरुआत होगी, जिसमें बड़े नेता तो शामिल होंगे ही, प्रियंका गांधी भी शिरकत करेंगी.
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नेताओं के पार्टी छोड़ने से चिंतित प्रियंका
प्रियंका गांधी तो पूरा जोर लगा रही है कि यूपी में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से जीवंत हो जाए, लेकिन लगातार पार्टी के बड़े नेता जिस तरह से हाथ छुड़ा रहे हैं, यह उनके लिए चिंता का सबब बना हुआ है. प्रियंका गांधी की कोशिश जरूर होगी कि कम से कम पुराने कांग्रेसियों को पार्टी से दूर न जाने दिया जाए और नए व अच्छे लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए, जिससे पार्टी यूपी में बेहतर प्रदर्शन कर सके. यह तभी संभव होगा जब प्रियंका गांधी यूपी में ज्यादा समय देंगी. इससे नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगाकर जो नेता हाथ छोड़ रहे हैं वे पार्टी का हाथ थामे रहेंगे.