लखनऊ: प्रदेश सरकार के विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा कॉलेजों में परीक्षाओं का आयोजन लॉकडाउन समाप्ति के तीन सप्ताह के बाद किया जाएगा. यह फैसला गुरुवार को को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा कमेटी की बैठक में लिया गया है. साथ ही कमेटी ने उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और बेसिक शिक्षा में पठन-पाठन को सुचारू बनाने के लिए अलग-अलग शैक्षिक चैनल बनाए जाने का भी फैसला किया है.
बैठक का किया गया आयोजन
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में शैक्षिक गतिविधियों को ढर्रे पर लाने की कवायद तेज हो गई है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को अपने कार्यालय कक्ष में शिक्षा कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. जिसमें उच्च शिक्षा प्राविधिक शिक्षा व्यवसायिक शिक्षा की अधूरी परीक्षाओं को संपन्न कराने व शैक्षिक वातावरण निर्माण पर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में प्राथमिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, प्रमुख सचिव व्यवसायिक शिक्षा राधा चौहान ,एकेटीयू के वाइस चांसलर विनय कुमार पाठक समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
परीक्षार्थियों को मिलेगा पर्याप्त समय
शिक्षा कमेटी की बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. उनके प्रस्ताव पर विचार के बाद तय किया गया कि लॉकडाउन समाप्त होने के 3 सप्ताह बाद ही परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा.
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शैक्षिक चैनल बनाने के लिए बनाई गई कमेटी
शिक्षा कमेटी ने यह भी तय किया की उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक और व्यवसायिक शिक्षा के लिए अलग शैक्षिक चैनल बनाए जाए. जिसकी सहायता से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को भी पठन-पाठन का समुचित अवसर मिल सके. इसके लिए एकेटीयू के वाइस चांसलर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरण आनंद, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा राजेश कुमार, विशेष विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार और विशेष सचिव प्राथमिक शिक्षा सुनील चौधरी सदस्य होंगे. बता दें कि यह कमेटी शैक्षिक चैनल बनाए जाने के बारे में अपनी रिपोर्ट 1 सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करेगी.
ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश को किया जा सकता है कम
साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि शिक्षण सत्र को नियमित करने के लिए अगर आवश्यकता होगी तो क्लास की अवधि को बढ़ाए जाने के साथ ही ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश को कम किया जाएगा. साथ ही प्राथमिक शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि ऑनलाइन टीचिंग लगातार जारी है. वहीं अब तक 65% कोर्स कंप्लीट हो चुके हैं और 2470 लेक्चर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड भी किए जा चुके हैं.