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केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगाया आरोप, जानिए क्या है मामला - कुलपति प्रोफेसर आलोक राय

लखनऊ के मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक और केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी ने पत्र लिखकर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जयदेवी के लिखे पत्र में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के प्रोफेसर उपेक्षा की बात लिखी गई है. हालांकि विश्वविद्याल के प्रवक्ता ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 2:49 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पर आरक्षित वर्ग के प्रोफेसर की उपेक्षा करने का आरोप लगा है. इस संदर्भ में भाजपा की विधायक की तरफ से लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को लिखे गए पत्र में इस बात की शिकायत की गई है. मलिहाबाद से भाजपा विधायक जयदेवी ने पत्र में लिखा है कि आपके कार्यालय में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के प्रोफेसर उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं. भाजपा विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है.

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी का लिखा पत्र.
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी का लिखा पत्र.


चार साल से उपेक्षा का आरोप लगाया : मौजूदा केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी और लखनऊ के मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक जयदेवी ने पत्र में लिखा है कि मेरे संज्ञान में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में आचार्य, सह आचार्य और सहायक आचार्य की आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आपके कार्यकाल में लगभग पिछले चार वर्ष से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं जो सरकार की मनसा के विरुद्ध है. विधायक ने अपने पत्र में कुलपति प्रोफेसर आलोक राय को सलाह देते हुए लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि आपके कार्यालय में जो भी प्रकरण इन लोगों से संबंधित है. उन्हें संज्ञान में लेते हुए उसे निपटाया जाएं. सामान्य विज्ञापन में पूर्व बैकलॉग की भर्ती के नियमानुसार भरने के लिए अभिलंब सिलेक्शन कमेटी गठित कर प्रक्रिया को पूर्ण करने का कष्ट करें.

लखनऊ विश्वविद्यालय ने आरोपों को बताया गलत : इस मामले पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा है कि यह तथ्यात्मक रूप से पूर्णतया गलत है. विश्वविद्यालय में सभी पद नियमानुसार भरे जा रहे हैं. सभी विवरण लखनऊ विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते एक साल में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. बीते एक साल में लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 100 से अधिक नए प्रोफेसर की नियुक्ति विभिन्न विभागों में की गई है.


यह भी पढ़ें : लखनऊ: शिक्षक संघ ने लविवि कुलपति पर लगाया करोड़ों की धांधली का आरोप

NSUI Protest in Lucknow University : छात्रों ने विश्विद्यालय प्रशासन पर लगाया भेदभाव का आरोप, यह थी वजह

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पर आरक्षित वर्ग के प्रोफेसर की उपेक्षा करने का आरोप लगा है. इस संदर्भ में भाजपा की विधायक की तरफ से लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को लिखे गए पत्र में इस बात की शिकायत की गई है. मलिहाबाद से भाजपा विधायक जयदेवी ने पत्र में लिखा है कि आपके कार्यालय में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के प्रोफेसर उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं. भाजपा विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है.

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी का लिखा पत्र.
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जयदेवी का लिखा पत्र.


चार साल से उपेक्षा का आरोप लगाया : मौजूदा केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी और लखनऊ के मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक जयदेवी ने पत्र में लिखा है कि मेरे संज्ञान में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में आचार्य, सह आचार्य और सहायक आचार्य की आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आपके कार्यकाल में लगभग पिछले चार वर्ष से उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं जो सरकार की मनसा के विरुद्ध है. विधायक ने अपने पत्र में कुलपति प्रोफेसर आलोक राय को सलाह देते हुए लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि आपके कार्यालय में जो भी प्रकरण इन लोगों से संबंधित है. उन्हें संज्ञान में लेते हुए उसे निपटाया जाएं. सामान्य विज्ञापन में पूर्व बैकलॉग की भर्ती के नियमानुसार भरने के लिए अभिलंब सिलेक्शन कमेटी गठित कर प्रक्रिया को पूर्ण करने का कष्ट करें.

लखनऊ विश्वविद्यालय ने आरोपों को बताया गलत : इस मामले पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा है कि यह तथ्यात्मक रूप से पूर्णतया गलत है. विश्वविद्यालय में सभी पद नियमानुसार भरे जा रहे हैं. सभी विवरण लखनऊ विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते एक साल में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. बीते एक साल में लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब 100 से अधिक नए प्रोफेसर की नियुक्ति विभिन्न विभागों में की गई है.


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