लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के अधिकारी वर्दी घोटाले (uniform scam) को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन कंडक्टर के एक ट्वीट ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. प्रबंधन ने मामले का संज्ञान लिया और अधिकारी को जमकर फटकार लगाई. इसके बाद संबंधित क्षेत्र और डिपो के अधिकारियों को बैकफुट पर आना पड़ा. चालक-परिचालकों को अपनी मर्जी के मुताबिक वर्दी का कपड़ा खरीदने के लिए कुछ दिन पहले ही परिवहन मंत्री ने छह करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट आवंटित किया. हर ड्राइवर-कंडक्टर के खाते में वर्दी के कपड़े के एवज में 1800 रुपए भेजे जाने थे, लेकिन परिवहन निगम के अफसर वर्दी घोटाला करने की तैयारी में थे. मामला परिवहन निगम के देवीपाटन मंडल के बहराइच डिपो का है. यहां पर 35 ड्राइवर-कंडक्टर को वर्दी का पुराना कपड़ा थमा दिया गया जब चालक-परिचालकों ने इसका विरोध किया तो अधिकारियों ने उन्हें समझाया मुख्यालय से कपड़ा आया है पैसे नहीं.
इसके बाद ड्राइवर-कंडक्टर जिद पर अड़ गए. कहा कि सभी ड्राइवर-कंडक्टर के खाते में 1800 रुपए आने हैं, कपड़ा नहीं. बात नहीं बनी तो बहराइच डिपो के परिचालक शिवम दुबे ने एक ट्वीट कर दिया. इस ट्वीट ने अफसरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. परिचालक ने पुराना कपड़ा वितरित किए जाने की शिकायत ट्विटर पर मुख्यमंत्री, यूपीएसआरटीसी के एमडी और परिवहन मंत्री को टैग करते हुए कर दी. इसके बाद एमडी ने संबंधित अधिकारी की जमकर क्लास ली और तत्काल पुराना कपड़ा वापस लेकर 1800 रुपए प्रत्येक चालक-परिचालक के खाते में भेजने के निर्देश दिए. एमडी के साथ ऑनलाइन मीटिंग में जुड़े सभी अधिकारियों को आदेश दिया गया कि पुराना वर्दी का कपड़ा किसी भी चालक-परिचालक को नहीं दिया जाएगा. अगर इस तरह की शिकायत आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी के खातों में 1800 रुपए भेजे जाएं.
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इस मामले में बहराइच डिपो के एआरएम ने सफाई दी कि वर्दी का 200 मीटर कपड़ा डिपो के स्टॉक में मौजूद था. वरिष्ठ केंद्र प्रभारी (एसएसआई) ने 35 कंडक्टर और ड्राइवर को यह कपड़ा वितरित कर दिया था, लेकिन बाद में सभी से कपड़ा वापस लेकर 1800 रुपए उनके खाते में भेज दिए गए. बता दें कि शिवम दुबे नाम के बहराइच डिपो के परिचालक ने ट्वीट में लिखा था कि "मैं वर्तमान में बहराइच डिपो में परिचालक हूं. मुझे 2018-19 का रखा हुआ कपड़ा वर्दी के लिए दिया गया और बोला गया कि कपड़ा आया है, नकद धनराशि का कोई प्रावधान ही नहीं है". इसके बाद यूपीएसआरटीसी के एमडी ने अधिकारियों की क्लास ली और तत्काल चालक-परिचालकों को अट्ठारह सौ रुपए उनके खाते में भेजने का आदेश दिया.