ETV Bharat / state

उमीफेनोविर का तीसरा चरण सफल होने का दावा, 5 दिन में खत्म होगा वायरस का कहर - डेल्टा वेरियंट

लखनऊ के केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान ने 'उमीफेनोविर' दवा के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल सफल होने का दावा किया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दवा पांच दिन में वायरल के लोड को पूर्णं रूप से खत्म करने में सक्षम है. इसके अलावा यह दवाई डेल्टा वेरियंट पर भी कारगर साबित हो सकती है.

दवा
दवा
author img

By

Published : Sep 16, 2021, 10:55 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ ने कोरोना की काट खोज ली है. यहां के वैज्ञानिकों ने 'उमीफेनोविर' दवा के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल सफल होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उमीफेनोविर कोरोना के हल्के और लक्षणरहित रोगियों के इलाज में काफी प्रभावकारी साबित हुई है. वहीं मध्यम श्रेणी और उच्च जोखिम श्रेणी के मरीजों के इलाज में भी मददगार है. यह पांच दिन में वायरल के लोड को पूर्णं रूप से खत्म करने में सक्षम है.


इन संस्थानों में चला ट्रायल

सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस कुंडू के मुताबिक औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने पिछले वर्ष जून में प्रोजेक्ट की अनुमति दी थी. इसके बाद केजीएमयू, एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती मरीजों पर दवा का ट्रायल किया गया. यह तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण था, इसमें उमीफेनोविर सफल रही.

केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक.
केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक.

इसे भी पढ़ें- वैक्सीन की डबल डोज को लेकर हुई रिसर्च, दोनों डोज के बाद 93.7 फीसदी लोगों में मिली एंटीबॉडी

डेल्टा वेरियंट पर भी हो सकती है कारगर

निदेशक प्रो. कुंडू के मुताबिक उमीफेनोविर टैबलेट के रूप में है. इसे सिरप और इनहेलर के रूप में भी विकसित करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि परीक्षण में ऐसे मरीज भी शामिल थे, जिनमें वायरस का डेल्टा वेरियंट मिला था. ऐसे में माना जा रहा है कि यह डेल्टा वेरिएंट पर भी कारगर हो सकती है. उन्होंने बताया कि 132 मरीजों पर क्लीनिकल परीक्षण किया गया. उमीफेनोविर कोरोना के सेल कल्चर को प्रभावी तरीके से नष्ट करता है. यह मानव कोशिकाओं में इस वायरस के प्रवेश को रोकता है. इसकी 5 दिन की दवा का खर्च करीब 600 रुपये तक आता है.

लखनऊ: केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ ने कोरोना की काट खोज ली है. यहां के वैज्ञानिकों ने 'उमीफेनोविर' दवा के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल सफल होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उमीफेनोविर कोरोना के हल्के और लक्षणरहित रोगियों के इलाज में काफी प्रभावकारी साबित हुई है. वहीं मध्यम श्रेणी और उच्च जोखिम श्रेणी के मरीजों के इलाज में भी मददगार है. यह पांच दिन में वायरल के लोड को पूर्णं रूप से खत्म करने में सक्षम है.


इन संस्थानों में चला ट्रायल

सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस कुंडू के मुताबिक औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने पिछले वर्ष जून में प्रोजेक्ट की अनुमति दी थी. इसके बाद केजीएमयू, एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती मरीजों पर दवा का ट्रायल किया गया. यह तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण था, इसमें उमीफेनोविर सफल रही.

केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक.
केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक.

इसे भी पढ़ें- वैक्सीन की डबल डोज को लेकर हुई रिसर्च, दोनों डोज के बाद 93.7 फीसदी लोगों में मिली एंटीबॉडी

डेल्टा वेरियंट पर भी हो सकती है कारगर

निदेशक प्रो. कुंडू के मुताबिक उमीफेनोविर टैबलेट के रूप में है. इसे सिरप और इनहेलर के रूप में भी विकसित करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि परीक्षण में ऐसे मरीज भी शामिल थे, जिनमें वायरस का डेल्टा वेरियंट मिला था. ऐसे में माना जा रहा है कि यह डेल्टा वेरिएंट पर भी कारगर हो सकती है. उन्होंने बताया कि 132 मरीजों पर क्लीनिकल परीक्षण किया गया. उमीफेनोविर कोरोना के सेल कल्चर को प्रभावी तरीके से नष्ट करता है. यह मानव कोशिकाओं में इस वायरस के प्रवेश को रोकता है. इसकी 5 दिन की दवा का खर्च करीब 600 रुपये तक आता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.