लखनऊ: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से देश के फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की गयी है. इन 24 संस्थानों की सूची में सबसे ज्यादा यानि 8 विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के हैं. आयोग ने अभिभावकों और छात्रों को इन संस्थानों में दाखिला लेने से मना किया है. आयोग ने साफ किया है कि फर्जी विश्वविद्यालयों की ओर से जारी डिग्रियां कहीं मान्य नहीं हैं.
दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 24 'स्वयंभू' संस्थानों को फर्जी घोषित किया है और दो अन्य संस्थानों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है. अभी इनके खिलाफ कोर्ट में मामला विचाराधीन है. इनमें, भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश शामिल है.
उत्तर प्रदेश के फर्जी विश्वविद्यालय
- वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
- महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद
- गांधी हिंदी विद्यापीठ, इलाहाबाद
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़
- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा
- महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़
- इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा
ये विश्वविद्यालय भी हैं फर्जी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- नवभारत शिक्षा परिषद, राउरकेला, ओडिशा
- नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, ओडिशा
- श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, पुडुचेरी
- क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, आंध्र प्रदेश
- राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर
- सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, केरल
- बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, कर्नाटक
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