लखनऊ: प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में यूजीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों की अनदेखी की गई. इस पर मामला मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय पहुंच गया, जहां लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेताओं ने मानकों की अनदेखी किए जाने पर विरोध जताया. वहीं यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि वह इस मामले में राज्यपाल और प्रदेश सरकार के अधिकारियों से बात करेंगे.
- शिक्षक संघ और प्रभावित लोगों की शिकायतों पर कई कुलपतियों की नियुक्ति के मामलों की जांच हो रही है.
- लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति मामले की जांच कर रहे हैं.
- बताया जा रहा है कि उन लोगों को कुलपति बनाया गया है, जिनके पास प्रोफेसर का भी अनुभव नहीं है.
- मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में पहुंचे यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह के सामने यह मामला लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (लूटा) के अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने उठाया.
चेयरमैन ने जवाब देते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से राज्यपाल के विवेकाधीन है. कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्यपाल को पूरे अधिकार हैं. यूजीसी के मानकों का पालन कराए जाने के बारे में राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे. प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से भी बात करेंगे. मैं चाहता हूं कि कुलपतियों की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के अनुरूप ही की जाए.