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Lucknow : 5 किलो सोना समेत दो तस्कर गिरफ्तार, कार की सीट के नीचे छिपाकर आगरा से ले जा रहे थे प्रयागराज

DRI के अपर निदेशक वीके सिंह के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रयागराज के सरफराज व राजवंत के रूप में हुई. कहा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से सोना तस्करों के गुजरने की सूचना मिली थी जिस पर जांच एजेंसी ने अपना जाल बिछाया

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Published : Jul 3, 2021, 4:05 AM IST

Lucknow : 5 किलो सोना समेत दो तस्कर गिरफ्तार, कार की सीट के नीचे छिपाकर आगरा से ले जा रहे थे प्रयागराज
Lucknow : 5 किलो सोना समेत दो तस्कर गिरफ्तार, कार की सीट के नीचे छिपाकर आगरा से ले जा रहे थे प्रयागराज

लखनऊ : राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence-DRI) ने शुक्रवार को लखनऊ के पारा इलाके से कार चालक की सीट के नीचे छिपा कर ले जाया जा रहा 5 किलो सोना जब्त कर लिया. इसके साथ ही दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है.

तस्कर आगरा से सोना तस्करी कर प्रयागराज ले जा रहे थे.DRI ने थाने में लिखापढ़ी कर आरोपी को कोर्ट में पेश किया जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

DRI के अपर निदेशक वीके सिंह के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रयागराज के सरफराज व राजवंत के रूप में हुई. कहा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से सोना तस्करों के गुजरने की सूचना मिली थी जिस पर जांच एजेंसी ने अपना जाल बिछाया. सूचना पर मौके पर DRI के अफसरों ने संदिग्ध कार को रोका और तलाशी ली. कार चालक की सीट के नीचे एक-एक किलो के पांच सोने के बिस्कुट मिले. डीआरआई के अफसरों ने दोनों तस्करों को धर दबोचा और पारा पुलिस के हवाले कर दिया.

यह भी पढ़ें : अवैध धर्मांतरण : शनिवार को लखनऊ अदालत में पेश होगा सलाहुद्दीन, अहम सुराग मिलने की उम्मीद

सरगना भी गिरफ्तार

DRI के अफसरों के अनुसार आरोपियों ने बताया कि वह पिछले 2 साल से सोने की तस्करी से जुड़े हैं. आरोपियों ने प्रयागराज निवासी गैंग के सरगना का नाम कुबूला. DRI ने प्रयागराज के गिरोह सरगना को भी उठा लिया. उससे गहन पूछताछ की जा रही है. डीआरआई अफसरों को गैंग के सरगना से सोने की तस्करी से संबंधित कई अहम सुराग मिले हैं. बहुत जल्द कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती हैं.

कैसे काम करता है DRI

DRI एक भारतीय खुफिया एजेंसी है. यह भारत की शीर्ष तस्करी विरोधी खुफिया व जांच एजेंसी है. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है जो विदेशी खुफिया नेटवर्क के हिस्से के रूप में अपनी विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय दूतावासों में तैनात रहते हैं.

इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विशेष सचिव के रैंक के महानिदेशक द्वारा की जाती है. एजेंसी आग्नेयास्त्रों, सोना, नशीले पदार्थों, नकली भारतीय मुद्रा, प्राचीन वस्तुओं, वन्य जीवन और पर्यावरण उत्पादों जैसे प्रतिबंधित पदार्थों की एकमुश्त तस्करी को रोककर भारत की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को सुरक्षित करने का काम करती है. इसके अलावा, यह एजेंसी काले धन के प्रसार, व्यापार आधारित मनी लॉड्रिंग और वाणिज्यिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी काम करती है.

लखनऊ : राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence-DRI) ने शुक्रवार को लखनऊ के पारा इलाके से कार चालक की सीट के नीचे छिपा कर ले जाया जा रहा 5 किलो सोना जब्त कर लिया. इसके साथ ही दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है.

तस्कर आगरा से सोना तस्करी कर प्रयागराज ले जा रहे थे.DRI ने थाने में लिखापढ़ी कर आरोपी को कोर्ट में पेश किया जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

DRI के अपर निदेशक वीके सिंह के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पहचान प्रयागराज के सरफराज व राजवंत के रूप में हुई. कहा, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से सोना तस्करों के गुजरने की सूचना मिली थी जिस पर जांच एजेंसी ने अपना जाल बिछाया. सूचना पर मौके पर DRI के अफसरों ने संदिग्ध कार को रोका और तलाशी ली. कार चालक की सीट के नीचे एक-एक किलो के पांच सोने के बिस्कुट मिले. डीआरआई के अफसरों ने दोनों तस्करों को धर दबोचा और पारा पुलिस के हवाले कर दिया.

यह भी पढ़ें : अवैध धर्मांतरण : शनिवार को लखनऊ अदालत में पेश होगा सलाहुद्दीन, अहम सुराग मिलने की उम्मीद

सरगना भी गिरफ्तार

DRI के अफसरों के अनुसार आरोपियों ने बताया कि वह पिछले 2 साल से सोने की तस्करी से जुड़े हैं. आरोपियों ने प्रयागराज निवासी गैंग के सरगना का नाम कुबूला. DRI ने प्रयागराज के गिरोह सरगना को भी उठा लिया. उससे गहन पूछताछ की जा रही है. डीआरआई अफसरों को गैंग के सरगना से सोने की तस्करी से संबंधित कई अहम सुराग मिले हैं. बहुत जल्द कई और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती हैं.

कैसे काम करता है DRI

DRI एक भारतीय खुफिया एजेंसी है. यह भारत की शीर्ष तस्करी विरोधी खुफिया व जांच एजेंसी है. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है जो विदेशी खुफिया नेटवर्क के हिस्से के रूप में अपनी विभिन्न क्षेत्रीय इकाइयों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय दूतावासों में तैनात रहते हैं.

इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विशेष सचिव के रैंक के महानिदेशक द्वारा की जाती है. एजेंसी आग्नेयास्त्रों, सोना, नशीले पदार्थों, नकली भारतीय मुद्रा, प्राचीन वस्तुओं, वन्य जीवन और पर्यावरण उत्पादों जैसे प्रतिबंधित पदार्थों की एकमुश्त तस्करी को रोककर भारत की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को सुरक्षित करने का काम करती है. इसके अलावा, यह एजेंसी काले धन के प्रसार, व्यापार आधारित मनी लॉड्रिंग और वाणिज्यिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी काम करती है.

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